कल यानी बुधवार को कानून मंत्रलाय ने सुरक्षा से जुड़ी ज़रूरी सुविधाओं को लेकर एक नया अध्यादेश पारित किया है। यह अध्यादेश उन कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने से रोकता है जो रक्षा संबंधी आवश्यक सेवाओं में काम कर रहे हैें। बता दें कि यह अध्यादेश तब पारित हुआ है जब Ordnance Factory Board (OFB) के 76,000 कर्मचारी अनिश्चित काल के लिए 26 जुलाई से हड़ताल पर जाने की तैयारी में जुटे हुए हैं।
आपको बता दें कि Essential Defence Services Ordinance 2021 की अधिसूचना पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने अपनी हामी भर दि है। उन्होने कहा कि, फिलहाल संसद का सत्र नहीं चल रहा है, ऐसे में यह अध्यादेश लाना सही फैसला है।
कानून मंत्रालय द्वारा पारित किया गया यह अध्यादेश कहता है कि, “कोई भी व्यक्ति जोकि हड़ताल शुरू करता है या ऐसी किसी भी हड़ताल में भाग लेता है जोकि इस अध्यादेश के अंतर्गत गैर-कानूनी है तो उसे एक वर्ष की अवधि तक की जेल या 10000 रुपये जुर्माने या दोनों से दंडित किया जा सकता है।’’
कानून मंत्रालय द्वारा पारित किया गया यह अध्यादेश के साथ जारी अधिसूचना यह भी कहती है कि आध्यादेश के कानून के मुताबिक, अगर कोई इंसान हड़ताल का समर्थन करता है, या कर्मचारियों को हड़ताल के लिए उकसाता है, तो उसके कारावास कि अवधि दो साल तक बढ़ाई जा सकती है और साथ में जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
कानून मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना में आगे लिखा है कि Essential Defence Services Ordinance 2021 उन कर्मचारियों के लिए हैं जो रक्षा उपकरण के उत्पादन, सेवा और संचालन में शामिल कर्मचारी या सेना से जुड़े किसी भी औद्योगिक प्रतिष्ठान के उत्पादन में शामिल कर्मचारियों के साथ ही रक्षा उत्पादों की मरम्मत और रखरखाव में कार्यरत कर्मचारी अध्यादेश के दायरे में आएंगे।
दरअसल, केंद्र सरकार ने जून में OFB में नीतिगत सुधार के लिए ठोस कदम उठाया था, जिसके तहत आयुध निर्माण बोर्ड (OFB) के बोर्ड को अलग-अलग कंपनियों में तब्दील किया जाएगा। जिससे काम में गति आए और जवाबदेही तय की जा सके। केंद्र सरकार ने 200 साल पुराने नियम को जड़ से उखाड़ फेकनें की कवयाद शुरू करते ही, OFB के कर्मचारियों ने हड़ताल पर जाने की तैयारी कर ली थी। बता दें कि इस समय OFB के पूरे भारत में 41 कारखाने हैं।
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गौरतलब है कि सरकारी कंनपियों में कर्मचारियों का संगठन हेमशा से क्रांतिकारी बदलाव में एक रोड़ा बनकर खड़े हो जाते हैं। फिर सरकार को ब्लैकमेल करके अपना काम निकलवना चाहते हैं। ऐसे मे Essential Defence Services Ordinance 2021 एक बेहद ही ज़रूरी फैसला है, जिससे सुरक्षा से जुड़े उपकर्म बनाने में रुकावट पैदा नहीं होगी।