हाल ही में कांग्रेस के प्रिय ट्रोल्स में से एक माने जाने वाले साकेत गोखले को दिल्ली हाईकोर्ट से करारा झटका लगा है। पूर्व भारतीय राजनयिक लक्ष्मी पुरी को लेकर साकेत गोखले द्वारा किए गए भ्रामक ट्वीट्स को दिल्ली हाईकोर्ट ने तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया है। यदि साकेत ऐसा नहीं करता है, तो ट्विटर को तत्काल प्रभाव से उन ट्वीट्स को हटाने का हुक्म दिया गया है।
लेकिन ये साकेत गोखले है कौन, और लक्ष्मी पुरी पर इसने ऐसा क्या पोस्ट किया जिसके पीछे इसे दिल्ली हाईकोर्ट तक से फटकार पड़ गई? साकेत गोखले फेक न्यूज फैलाने में विशेषज्ञ है, जो आए दिन अपने ट्विटर अकाउंट के जरिए मोदी सरकार के विरोध के नाम पर झूठी अफवाहें, भ्रामक ट्वीट्स और हिन्दू विरोधी बातें पोस्ट करता रहता है। ये व्यक्ति वास्तव में कितना नफरत से भरा हुआ है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि इसने एक बार पुलिस सुरक्षा की मांग सिर्फ इसलिए की, क्योंकि किसी व्यक्ति ने इसके घर के बाहर ‘जय श्री राम’ का नारे लगा दिए था!
दरअसल, कुछ हफ्तों पहले साकेत गोखले ने पूर्व राजनयिक और कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह पुरी की पत्नी लक्ष्मी पुरी को लेकर कई भ्रामक और अपमानजनक ट्वीट किए, जिसको लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने उसे न सिर्फ लताड़ लगाई, बल्कि साकेत गोखले को उन ट्वीट्स को हटाने को भी कहा गया। इसके साथ ही साथ ट्विटर को भी नोटिस थमा दिया गया कि यदि साकेत गोखले ये काम नहीं कर सकता तो ये काम ट्विटर को करना पड़ेगा।
पर उन ट्वीट्स में ऐसा था क्या, जिसके पीछे दिल्ली हाईकोर्ट ने साकेत गोखले की क्लास लगा दी? दरअसल साकेत गोखले ने आरोप लगाया कि हरदीप पुरी की पत्नी लक्ष्मी पुरी ने स्विट्ज़रलैंड में ढाई मिलियन डॉलर की कीमत का एक घर बिना किसी वैध दस्तावेज़ के खरीदा है। इसमें अवश्य कोई घोटाला हुआ है, जिसके लिए हरदीप पुरी और लक्ष्मी पुरी पर जांच होनी चाहिए –
https://twitter.com/SaketGokhale/status/1407620021451321344?s=20
https://twitter.com/SaketGokhale/status/1407569553954009088?s=20
https://twitter.com/SaketGokhale/status/1407569562648793090?s=20
https://twitter.com/SaketGokhale/status/1407569558207012865?s=20
https://twitter.com/SaketGokhale/status/1407569569972060168?s=20
Get your facts right @SaketGokhale & there is no ‘mystery’. I was an International Civil Servant from 2002 to Feb ‘18. Drew a tax free UN salary of over US $200,000 annually when I bought the apartment in Geneva.
All facts declared to concerned authorities.
Prepare to be sued.— Lakshmi M Puri (@lakshmiunwomen) June 23, 2021
लेकिन इसके लिए न तो साकेत गोखले के पास कोई ठोस प्रमाण थे और न ही उसके पास कोई पर्याप्त तर्क था। जब साकेत गोखले ने अपने बचाव में बकवास करने का प्रयास किया, तो दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश उबल पड़े और उन्होंने कहा, “तो क्या इसका मतलब है कि कोई भी ऐरा गैरा आकर इंटरनेट पर कुछ भी बकवास लिखेगा, और हमें उसे शाश्वत सत्य मानना ही पड़ेगा?” जब साकेत ने कहा कि एक मतदाता के तौर पर ये सब जानना उसका जन्मसिद्ध अधिकार है, तो क्रोध में न्यायाधीश ने उत्तर दिया, “तो चुनाव आयोग जाते, यहाँ क्यों चले आए? कीचड़ उछालने से पहले कुछ होमवर्क भी कर लिया करो!”
इससे पहले भी दिल्ली हाईकोर्ट ने ऐसे फालतू याचिकाओं पर काफी सख्त रुख अपनाया है। जब अभिनेत्री जूही चावला ने 5जी तकनीक के ट्रायल रुकवाने के लिए अर्जी डाली, तो उनकी खोखली दलीलों को अनसुना करते हुए हाईकोर्ट ने उन पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। ठीक इसी प्रकार सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट रुकवाने की याचिका दायर करने वालों पर कोर्ट का समय बर्बाद करने के लिए 1 लाख रुपये प्रति याचिककर्ता का जुर्माना भी लगाया गया। अब साकेत गोखले को लक्ष्मी पुरी के विरुद्ध डाले गए झूठे ट्वीट्स डिलीट करने का आदेश देकर दिल्ली हाईकोर्ट ने संदेश स्पष्ट किया है – कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे।