बॉलीवुड उद्योग भी जानें किस गुमान में रहता है। खुद चाहे देश को एक कौड़ी का योगदान नहीं दिया हो, परंतु सुविधाएं सभी वीवीआईपी श्रेणी की चाहिए। कुछ ऐसा ही सोचकर अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी कुंद्रा बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंची। उन्होंने याचिका दायर की, कि मीडिया उन पर ‘गलत रिपोर्टिंग’ करना बंद करे अन्यथा वह मानहानि का मुकदमा दायर करेंगी।
यह निर्णय भी ऐसे समय पर लिया गया, जब उनके पति राज कुंद्रा पॉर्न फिल्म बनाने और उसकी आड़ मे ‘देह व्यापार’ के आरोपों में जेल में बंद हैं। उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी एक नहीं सुनी और उल्टे शिल्पा शेट्टी की ही क्लास लगा दी।
शिल्पा शेट्टी कुंद्रा के पति राज कुंद्रा इस समय जेल में हैं। राज कुंद्रा पर पॉर्न फिल्म बनाने और कथित तौर पर पॉर्न फिल्म के साथ-साथ देह व्यापार करने के आरोप हैं। इसके अलावा राज कुंद्रा पर अन्य मामलों में भी जांच पड़ताल चल रही है, क्योंकि उन पर इनसाइडर ट्रेडिंग और बिटकॉइन में घपलेबाजी इत्यादि का भी आरोप लगा हुआ है। इस समय वे कोर्ट के निर्णय के अनुसार 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं।
अब ज़ाहिर-सी बात है कि शिल्पा शेट्टी पर भी इस मामले के सामने आने के कारण सवाल आने तो बनते थे, लेकिन शिल्पा शेट्टी को चाहिए था वीवीआईपी ट्रीटमेंट। वह मीडिया में केवल इस मामले के उल्लेख मात्र से ही इतना भौखला गईं कि बॉम्बे हाईकोर्ट में उन्होंने मानहानि की याचिका दायर कर दी।
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बॉम्बे हाईकोर्ट इस याचिका पर बुरी तरह भड़क गया। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अंश अनुसार, “मुंबई उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को शिल्पा शेट्टी के केस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मीडिया के विरुद्ध ब्लैंकेट गैग आर्डर नहीं दिया जा सकता। इसके भयंकर परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अच्छी और बुरी पत्रकारिता के लिए न्यायिक सीमाएँ होती हैं, लेकिन प्रेस की स्वतंत्रता और व्यक्ति की निजता का संतुलन बना रहना चाहिए।
मुंबई उच्च न्यायालय शिल्पा शेट्टी द्वारा कई मीडिया घरानों के विरुद्ध दायर मानहानि के मामले की सुनवाई कर रही थी। दरअसल, शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा एडल्ट फिल्मों के मामलों में 19 जुलाई को गिरफ्तार हुए हैं और वह तब से जेल में है। शिल्पा शेट्टी ने मीडिया में ‘गलत खबरें’ दिखाने से रोकने की अपील की है।
इसके अलावा कोर्ट ने शिल्पा शेट्टी के दावों को ध्वस्त करते हुए उनकी भी क्लास लगाई। बॉम्बे हाईकोर्ट के अनुसार, “ऐसा नहीं हो सकता कि मीडिया आपके बारे में अच्छा लिखे या तो फिर वह कुछ भी ना कहे। यह कैसे हो सकता है?”
बॉम्बे हाइकोर्ट का यह निर्णय शिल्पा शेट्टी के साथ-साथ बॉलीवुड के उन घमंडी व्यक्तियों के लिए भी एक सख्त संदेश है, जिन्हे लगता है कि पूरे देश को इनके सामने नतमस्तक होना चाहिए।
पिछले वर्ष जब सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमई मृत्यु के बाद रिया चक्रवर्ती की ड्रग्स से संबंधित मामले में NCB के द्वारा गिरफ़्तारी हुई थी, तब भी बॉलीवुड की कई हस्तियां ऐसी थीं, जो हाईकोर्ट में मुकदमा दायर करने पहुँच गईं थीं, क्योंकि सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मृत्यु के परिप्रेक्ष्य में की गई एक भी न्यूज रिपोर्ट इन सितारों की कथित शान के विरुद्ध था। इस संबंध में टाइम्स नाऊ को माफी तक माँगनी पड़ी थी।
इस बार बॉम्बे हाईकोर्ट ने शिल्पा शेट्टी को स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ वो बॉलीवुड से हैं, इसलिए उन्हे कोई वीवीआईपी ट्रीटमेंट नहीं मिलने वाला। कोर्ट का ये फैसला ना सिर्फ शिल्पा सेट्टी जैसे लोगों की अकड़ पर एक करारा तमाचा है बल्कि बॉलीवुड के घमंडी व्यक्तियों को भी सख्त संदेश है।