ऐसा लगता है जैसे अब देश में आतंकवादी और नक्सली छोड़कर कुछ भी होना अपराध समान है। कम से कम वामपंथियों की दृष्टि में तो ऐसा ही है। इसका एक प्रत्यक्ष उदाहरण दिखा पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना के साथ। उन्होंने अपने आप को ब्राह्मण क्या कहा, निकृष्ट वामपंथी हाथ धोकर उन पर टूट पड़े और उन्हें अपने आपको ब्राह्मण कहने के लिए अपमानित करने लगे।
लेकिन सुरेश रैना ने ऐसा क्या बोल दिया, जिसक कारण वामपंथी उनके पीछे हाथ धोकर पड़ गए? दरअसल, क्षेत्रीय स्तर पर होने वाले तमिलनाडु प्रीमियर लीग में बतौर कमेंटेटर सुरेश रैना को आमंत्रित किया गया था। तमिलनाडु की संस्कृति को लेकर अपना अनुभव साझा करते हुए सुरेश रैना ने कहा, “मैं भी एक ब्राह्मण हूँ। 2004 से चेन्नई के साथ खेल रहा हूँ और यहां का कल्चर मुझे बहुत पसंद है। टीम के साथियों से प्यार है। अनिरुद्ध श्रीकांत, एस बद्रीनाथ, लक्ष्मीपति बालाजी के साथ खेला हूँ। मैं भाग्यशाली रहा हूँ कि मैं चेन्नई सुपरकिंग्स की टीम में रहा हूँ और उम्मीद है कि और मैच खेलूँगा।”
बस, इसी बात पर वामपंथी उन्हें खरी-खोटी सुनाने लगे। सनातन संस्कृति का गुणगान करने के लिए नासा की इंटर्न प्रतिमा रॉय को अपमानित करने के लिए कुख्यात चरमपंथी संस्था मिशन अंबेडकर ने एक बार ट्वीट किया, “सुरेश रैना और रवींद्र आप अपनी द्विज जाति का महिमामंडन कर सकते हैं। यह वर्ण व्यवस्था की महिमा है। लेकिन एक शूद्र और एक अछूत अपने वर्ण का महिमामंडन कैसे करेंगे?”
Hi Raina and Ravindra, you can glorify your Dwij caste. It's a glorification of the Varna System. But how would a Shudra & an untouchable glorify their Varna? @ImRaina @imjadeja pic.twitter.com/X9Xe331eAf
— Mission Ambedkar (@MissionAmbedkar) July 21, 2021
बता दें कि मिशन अंबेडकर ने इससे पहले नासा की इंटर्न प्रतिमा रॉय को हिन्दू देवी देवताओं की मूर्तियों के साथ फोटो पोस्ट करने के लिए अपमानित किया था, जिसके लिए स्वयं पूर्व भारतीय क्रिकेटर वेंकटेश प्रसाद ने आड़े हाथों लिया था। एक अन्य यूजर ने सुरेश रैना की आलोचना करते हुए कहा, “सुरेश रैना आपको शर्म आनी चाहिए। आप चेन्नई के साथ लंबे समय से खेलने की बातें करते हैं, लेकिन ऐसा लगता है आप चेन्नई के बारे में जान ही नहीं पाए”।
@ImRaina you should be ashamed yourself.
It seems that you have never experienced real Chennai culture though you have been playing many years for Chennai team. https://t.co/ZICLRr0ZLh
— Suresh (@suresh010690) July 19, 2021
अब ये समझना मुश्किल है कि किसी राज्य की संस्कृति का गुणगान करते हुए खुद को ब्राह्मण कहना गलत कैसे है? सुरेश रैना के अपने कथन में किसी भी जाति का न अपमान किया और न ही खुद को सर्वोपरि दिखाया फिर भी उनके कथन को गलत तरह से पेश किया जा रहा है, जो बेहद शर्मनाक है। हालांकि, कई लोग सुरेश रैना के समर्थन में उतरे। ट्विटर पर ‘मैं भी ब्राह्मण’ ट्रेंड करने लगा।
Bilkul bhai raina ne kuchh galat nahi bola hai vo brahman hai bola to isme dikkat kya hai🙄🙄 vo other caste ko galat to nahi bola?? हमारे लिए brahaman सबसे पूज्यनीय है और रहेंगे फुल स्पोर्ट है।
जय श्री कृष्णा 🙏
जय परशुराम 🙏— Shubham Yadav (@Shubham15349198) July 21, 2021
https://twitter.com/damini_prakash/status/1418063273799294978?s=20
https://twitter.com/totalwoke/status/1418075318754058247?s=20
एक यूजर ने तो ये तक कहा कि ‘जो लोग अपने पर्स में जाति प्रमाण पत्र रखते हैं, उन्हें सुरेश रैना के ब्राह्मण होने से समस्या है’। इसके साथ ही रैना के फैंस ने कहा कि मानना है कि यदि कोई अपनी जाति बताता है, तो इसमें क्या गलत है?
बता दें कि सुरेश रैना अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं है, जिन्हें अपने जाति का उल्लेख मात्र करने के लिए वामपंथियों के कोपभाजन का शिकार बनना पड़ा हो। जैसा कि मिशन अंबेडकर के ट्वीट में बताया गया, पिछले वर्ष रवींद्र जडेजा ने तलवार चलाते हुए ‘राजपूत ब्वॉय’ के नाम से ट्वीट किया था। इसपर वामपंथियों ने काफी आलोचना की थी।
अब इस वर्ष सुरेश रैना को इसी विष का सामना करना पड़ा है। मतलब यदि आप अपने जाति का उल्लेख मात्र भी करते हैं, विशेषकर यदि आप उच्च जाति के हैं, तो आपके लिए ये किसी अक्षम्य अपराध से कम नहीं है। जिस प्रकार से सुरेश रैना को एक क्रिकेट लीग में केवल अपनी जाति को एक राज्य की संस्कृति से जोड़ने के लिए अपशब्द सुनाए गए, वो सिद्ध करता है कि आज भी कुछ लोगों के लिए ब्राह्मण उतने ही अप्रिय हैं, जितना कि विदेशी आक्रान्ताओं के समय हुआ करते थे।