मोदी के नए मंत्रिमंडल में अदृश्य अरुण जेटली फैक्टर आज भी काम कर रहा है

अरुण जेटली फैक्टर

PC: The New Indian Express

नए मंत्रिमंडल में अदृश्य अरुण जेटली फैक्टर

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने नए मंत्रिमंडल की घोषणा में कई नए नामों को शामिल कर पूरे देश को चौंका दिया है। यही तो प्रधानमंत्री मोदी का X-Factor है। इस दौरान कई वरिष्ठ मंत्रियों का इस्तीफा भी देखने को मिला तो कई मंत्रियों का प्रमोशन भी हुआ। जिन मंत्रियों का प्रमोशन हुआ है उनमें से पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, तथा अनुराग ठाकुर भी हैं। अगर इन सभी के राजनीतिक करियर पर नजर डाली जाये तो एक बात कॉमन मिलेगी और वह है इन सभी मंत्रियों के ऊपर स्वर्गीय अरुण जेटली की छत्रछाया। ऐसे में हम कह सकते हैं कि पीएम मोदी के नए मंत्रिमंडल में अब भी अदृश्य अरुण जेटली फैक्टर काम कर रहा है।

जिस तरह से टीम इंडिया के लिए राहुल द्रविड़ ने युवा खिलाड़ियों की मेंटरिंग कर आने वाले समय के लिए भी बेहतरीन खिलाड़ियों की फ़ौज तैयार कर दी है, ठीक उसी तरह अरुण जेटली भी थे जिन्होंने मौजूदा मंत्रियों में कई को अपनी छत्रछाया में तैयार किया जिससे वह आगे भी देश की सेवा कर सके और भारत को बेहतरीन मंत्रियों की कमी न हो।

उन्हें पता था कि उनका समय सीमित है, इसलिए उन्होंने भाजपा की नयी पीढ़ी की एक ऐसी टीम तैयार की जिसमें पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, निर्मला सीतारमण और अनुराग ठाकुर जैसे नेता हैं। इस बार के मंत्रिमंडल में एक तरफ पीयूष गोयल वाणिज्य मंत्रालय के साथ कपड़ा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी संभल रहे हैं तो वहीं, धर्मेंद्र प्रधान को पेट्रोलियम मंत्रालय से केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय का मुखिया बनाया गया है। वहीं निर्मला सीतारमण के कन्धों पर वित्त मंत्रालय है तथा अनुराग ठाकुर को खेल मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।

जेटली जी कई नेताओं के प्रेरणा स्तोत्र थे

इन मंत्रियों के लिए अरुण जेटली एक मेंटर के समान थे। हालांकि, अरुण जेटली को कई नेताओं के गुरु के रूप में जाना जाता है। आज मोदी सरकार के मंत्रालय में बहुत कम ही लोग हैं, जिन्होंने राजनीतिक जीवन में अपने संघर्ष के दिनों में कम से कम एक बार जेटली का आशीर्वाद या समर्थन न लिया हो। 

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, निर्मला सीतारमण और अनुराग ठाकुर और कई अन्य भाजपा नेताओं के लिए जेटली एक गुरु के समान थे। उनका ओहदा क्या था, वह इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब अरुण जेटली का निधन हुआ था तब केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अंतिम संस्कार के बाद ट्वीट किया कि, “अभी भी इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रहा हूं कि जेटली साहब हमारे बीच नहीं हैं। किसी ऐसे व्यक्ति को अलविदा कहना बहुत मुश्किल है जिसने आपको याद रखने के लिए इतना कुछ दिया हो।” वहीँ जेटली के एक और अप्रेंटिस अनुराग ठाकुर ने उनके निधन के बाद यह हर संभव प्रयास किया कि पार्टी मुख्यालय में सब कुछ सुचारू रूप से चले।

वहीँ पीयूष गोयल ने कहा था कि अरुण जेटली उनके भाई और मेरे गुरु थे, तब पीयूष गोयल ने यह तक कह दिया था कि अरुण जेटली ने वर्षों तक उनकी देखभाल की।

प्रधानमंत्री मोदी ने अदृश्य अरुण जेटली फैक्टर को समझा, मंत्रियों को बेहतरीन कार्य के कारण प्रमोट किया

मोदी 2.0 सरकार में तो केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ही थे जिन्होंने अपने गुरु अरुण जेटली के निधन से खाली हुए diplomatic space को भरने की कोशिश की है।

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सीतारमण के नेतृत्व में वित मंत्रालय की नीतियों में तो आज भी अरुण जेटली की छवि दिखाई देती है। देश के दो सबसे बड़े सुधारों यानी GST and bankruptcy code की नींव ही उन्होंने रखी थी। अरुण जेटली अपने पीछे एक खाली जगह छोड़ गए हैं, लेकिन उन्होंने इन नेताओं को इस तरह से तैयार किया है कि आज भी अदृश्य अरुण जेटली फैक्टर काम करता है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के Go-To Man थे और आर्थिक नीति और कानूनी मुद्दों पर प्रमुख रणनीतिकार थे।

शायद यही वजह है कि उनके Apprentices को कैबिनेट विस्तार में प्रोमोशन मिला। इन नेताओं में चाहे निर्मला सीतारमण हो या अनुराग ठाकुर या फिर धर्मेन्द्र प्रधान ही क्यों हो, इन सभी को लिबरल ब्रिगेड पसंद नहीं करता है जैसे वे अरुण जेटली को पसंद नहीं करते थे। यह उनका ही करिश्मा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस अदृश्य अरुण जेटली फैक्टर को समझा और इन मंत्रियों को उनके बेहतरीन कार्य के कारण प्रमोट किया। अब यह देखना है कि प्रधानमंत्री की यह नयी कैबिनेट देश को किस ऊंचाई पर ले जाती है।

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