देश की वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था को देखें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे कट्टर विरोधियों में सबसे शुमार है- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी। ममता बनर्जी अपने पार्टी के अंदर कट्टर मोदी विरोधी चेहरों को शामिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इसी कड़ी में ममता बनर्जी ने प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवहार सरकार को राज्यसभा सांसद पद के लिए नियुक्त किया है। जवहार सरकार सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रह चुके है, जिन्हें राज्यसभा में सीट मिलना नफरत फैलाने के लिए एक बड़ा मंच देने जैसा है। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने 24 जुलाई को ट्विटर पर एक पोस्ट डालकर जानकारी दी है कि पार्टी ने प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार को राज्यसभा के लिए नामित किया है।
तृणमूल कांग्रेस ने यह जानकारी देते हुए कहा, ‘हमें संसद के उच्च सदन में श्री जवाहर सरकार को मनोनीत करते हुए प्रसन्नता हो रही है। सरकार ने लगभग 42 वर्ष सार्वजनिक सेवा में बिताए और प्रसार भारती के पूर्व सीईओ भी थे। सार्वजनिक सेवा में उनका अमूल्य योगदान हमें अपने देश की और भी बेहतर सेवा करने में मदद करेगा!’
TMC nominates retired bureaucrat @jawharsircar for the vacant Rajya Sabha seat from Bengal. Sircar has been the former Union Culture Secy and former @prasarbharati CEO https://t.co/zD9eSOn03G
— Indrajit Kundu | ইন্দ্রজিৎ (@iindrojit) July 24, 2021
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वहीं, जवहार सरकार मोदी विरोधी धारणाओं के लिए समान्नित होने के बाद फूलें नहीं समा रही थे। उन्होनें कहा कि, ‘मैं एक नौकरशाह था। मैं एक राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं, लेकिन मैं लोगों के विकास के लिए काम करूंगा और संसद में जनता से संबंधित मुद्दों को उठाऊंगा’
जवहार सरकार ने यह भी कहा कि, ‘मैं कभी भी मोदी सरकार द्वारा लाई गई नीतियों का समर्थन नहीं किया हूँ। राज्य सभा में जाने के बाद मोदी सरकार का खुलकर विरोध करूंगा।‘
आपको बता दें कि जवाहर सरकार मोदी विरोधी अथवा केंद्र सरकार का विरोध करने के लिए चर्चा का विषय बने रहें है। हाल ही में जवाहर सरकार ने पीएम मोदी को नीचा दिखाने के इरादे से एक मॉर्फ्ड तस्वीर भी साझा की थी, जिसमें PM मोदी रिलायन्स की नीता अंबानी के सामने हाथ जोड़कर खड़े नज़र आ रहे हैं। सरकार ने लिखा कि, “काश साथी सांसदों और राजनीति में अन्य लोगों को भी पीएम से ऐसा शिष्टाचार मिलता। एक परिपक्व लोकतंत्र में, हम दोतरफा संबंध, एहसान, लेन-देन को जानेंगे, किसी दिन इतिहास हमें यह बताएगा।“
ज़ाहिर है कि वह एक फर्जी फोटो थी। असली फोटो में वहां नीता अंबानी नहीं, बल्कि दीपिका मंडल थीं, जो कि एक NGO चलाती हैं। पीएम उन्हें झुककर प्रणाम कर रहे थे, लेकिन उनकी जगह नीता अंबानी का चेहरा लगाकर फोटो वायरल किया गई। दीपिका दिल्ली स्थित दिव्य ज्योति कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन नाम के गैर-सरकारी संगठन की सीईओ हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दीपिका की यह तस्वीर साल 2015 की है।
यह प्रकरण बताने के लिए काफी है कि जवाहर सरकार और ममता बनर्जी के विचार एक- दूसरे से काफी ज्यादा मिलते- जुलते हैं, दोनों के ही अंदर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ भयंकर नफरत भरी है। दरअसल, ममता बनर्जी अपनी पार्टी में सिर्फ उन्हीं नेताओं को प्रमोशन दे रही है जो मोदी के खिलाफ कट्टरता सार्वजनिक रुप से दिखा सके। आपको बता दें कि राज्यसभा सीट के लिए यशवंत सिन्हा और मुकुल रॉय का नाम सबसे आगे चल रहा था, परंतु ममता बनर्जी ने उन्हें छोड़ सरकार को चुना है।
खैर, यह कोई पहली बार नहीं जब किसी तृणमूल नेता को नीचता के लिए सम्मान दिया गया हो। हाल ही में राज्य सभा सांसद को सदन में सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव की प्रति छीन ली और उसके टुकड़े कर हवा में लहरा दिया। उनके इस अशोभनीय आचरण के लिए शुक्रवार को राज्यसभा के मौजूदा सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया। इसके बाद तृणमूल एवं अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण संसद में व्यवधान पैदा किया। इस आचरण के बाद टीएमसी राज्यसभा स्पीकर से माफी मांगने के बजाय उनके खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है।
ममता बनर्जी देश में मोदी विरोधी आवाजों को बढ़ावा देने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं। जवाहर सरकार को मोदी सरकार को बदनाम करने और अनावश्यक नफरत और नकारात्मकता फैलाने के लिए उन्हें ममता बनर्जी से सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार मिला है।