चीनी कम्युनिस्ट पार्टी तिब्बत की स्वतंत्रता के लिए भारत की मेहनत के प्रति काफी आश्चर्यचकित है। जिस प्रकार से केवल एक बर्थडे ग्रीटिंग से नरेंद्र मोदी ने पूरे चीनी प्रशासन को तमतमाने पर विवश कर दिया गया, वो इसी बात का प्रत्यक्ष प्रमाण है। जल बिन मछली की भांति चीन पीएम मोदी के इस कदम से अभी तक घबराया हुआ है। भारत का संदेश स्पष्ट था – यदि चीन हरकतों से बाज नहीं आया, तो भारत आगे भी ऐसे ही तिब्बत कार्ड खेलता रहेगा।
चीनी प्रशासन की यही अधीरता उनके लिए घातक भी हो सकती है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पता लगाया कि चीनी प्रशासन ने अब ये अवश्यंभावी कर दिया कि तिब्बत का हर परिवार का एक पुरुष सदस्य चीनी सेना का हिस्सा बनेगा।
China's coercing of Tibetan families to let the PLA induct at least one of their sons in its new military units against India is an admission that Han Chinese soldiers need to be better trained for high-altitude warfare, as the border clashes have shown. https://t.co/6tSPNkNP8o
— Brahma Chellaney (@Chellaney) July 22, 2021
इसी प्रकार से इंडिया टुडे ने एक उच्चाधिकारी के हवाले से बताया है कि कैसे LAC पर चीन विशेष ऑपरेशन्स के लिए चीन तिब्बती युवाओं को अपनी सेना में भर्ती कर रही है।
एक गुलाम क्या लड़ेगा- चीनी PLA की तिब्बत यूनिट भारतीय घातक SFF का कभी सामना नहीं कर पाएगी
लगता है चीनियों ने न तो स्पेशल फ़्रंटियर फोर्स के बारे में सुना है, और न ही भारत के रॉयल इंडियन नेवी म्यूटिनी के बारे में कुछ पढ़ा है। जब 1946 में रॉयल इंडियन नेवी और रॉयल इंडियन एयर फोर्स ने विद्रोह किया था, तो उसके पीछे का सबसे प्रमुख कारण था अंग्रेज़ों का भारतीय सैनिकों के प्रति अंधा विश्वास। ठीक इसी प्रकार से चीनियों को इस बात का गुमान है कि तिब्बती कभी चीनियों के विरुद्ध विद्रोह नहीं कर सकते।
अब ऐसा लगता है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी स्वयं थाली में सजाकर तिब्बत को उसकी स्वतंत्रता देगी। इन दिनों चीनी किसी भी तरीके से तिब्बत के लोगों को जबरदस्ती PLA में भर्ती करने में लगे हुए हैं। परंतु ये कई कारणों से फेल हो सकता है। एक तो चीनियों को इतिहास का कोई ज्ञान नहीं है, और दूसरा – अपनी इच्छा किसी पर जबरदस्ती थोपना किसी भी देश को नहीं फला है। तिब्बत के लोग आज भी अपने आप को चीन का हिस्सा नहीं मानते। उनके देश पर चीन ने 1950 के दशक में आक्रमण करके कब्जा जमाया था। उनके शांत और बौद्ध बाहुल्य देश पर चीनी कम्युनिस्ट दिन रात अत्याचार करते हैं। इसके अलावा तो अब ढंग के सैनिक न मिलने पर PLA अब तिब्बतियों को जबरदस्ती अपनी फौज में भर्ती कर रहे हैं। इससे तिब्बत के युवाओं को PLA को अस्थिर करने का अवसर मिलेगा जो वो अपने हाथ से जाने नहीं देंगे।
इसके अलावा जब चीनी मूल के तिब्बती देखेंगे कि कैसे भारत में रह रहे स्वतंत्र तिब्बती अपने देश की स्वतंत्रता के लिए भारत द्वारा प्रोत्साहित स्पेशल फ़्रंटियर फोर्स के अंतर्गत जी जान से लड़ रहे हैं, तो उनमें भी अपने तिब्बत के लिए लड़ मरने की भावना उमड़ेगी। उनमें भी अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने की भावना सामने आएगी, जिसे चीन चाहकर भी रोक नहीं पाएगा। एक तरह से चीन स्वयं PLA के जरिए तिब्बत की स्वतंत्रता का प्रबंध गाजे बाजे सहित कर रहा है।