उत्तर प्रदेश में चुनावी हिंसा कोई नई बात नहीं है। इस बार भी यूपी में यही देखने को मिला। दरअसल, उत्तर प्रदेश में शनिवार को प्रखंड पंचायत प्रमुख के चुनाव के लिए मतदान होगा। राज्य में प्रखंड प्रमुख के 476 पदों के लिए 1,710 उम्मीदवार आमने-सामने होंगे। मतदान सुबह 11 बजे से शुरू होकर दोपहर 3 बजे तक चलेगा, दोपहर तीन बजे के बाद मतगणना होगी।
लगभग 8 महीने बाद उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं उससे पूर्व त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के बाद अब राज्य के 75 ज़िलों में ब्लॉक प्रमुख (प्रखंड प्रमुख) पद के लिए चुनाव हो रहें हैं, जिसमें धन-बल का पूरी तरह प्रयोग करते हुए क्षेत्रीय पार्टियां अपने वजूद को पुनर्जीवित करने में लगी हुईं हैं।
उत्तर प्रदेश प्रखंड प्रमुख चुनाव के नामांकन के पहले दिन गुरुवार को एटा, झाँसी, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, गोरखपुर, संभल समेत विभिन्न जिलों से व्यापक हिंसा, कई जगह झड़प, अराजक माहौल और संघर्ष की खबरें आईं और सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष दोनों एक दूसरे पर आरोप मढ़ने की पुरजोर कोशिश हमेशा की तरह करते रहे। ज्यादातर घटनाएं तब हुईं जब उम्मीदवारों को नामांकन पत्र दाखिल करने से रोका गया।
ये बात पूरे राज्य में चर्चा में थी कि समाजवादी पार्टी का विद्रोह प्रखंड प्रमुख चुनाव में दिखने की संभावना हो सकती है क्योंकि ज़िला पंचायत अध्यक्ष चुनावों में हुई भाजपा कि एकतरफा जीत जिसमें भाजपा को 75 में 67 सीटें हासिल हुईं तो वहीं सपा कुल 6 पर ही सिमटकर रह गयी थी। इसका मलाल सपा को रास नहीं आया ।
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यही वजह थी कि सपा द्वारा चुनाव से पहले नामांकन प्रक्रिया को बाधित करने के मकसद से योजनाबद्ध ढंग से राज्य में उपद्रव और वैमनस्ता फैलाने का सुनियोजित कार्यक्रम प्रत्येक ज़िले में चलाया गया। बहराइच जिले में प्रखंड अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे एक उम्मीदवार के रिश्तेदार की शुक्रवार तड़के हत्या कर दी गयी। गोरखपुर जिले में प्रखंड अध्यक्ष का चुनाव लड़ रही भाजपा प्रत्याशी वंदना सिंह पर उस समय हमला किया गया जब वह गुरुवार को नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए चारगावां प्रखंड पहुंची।
सीतापुर में नामांकन दाखिल करने के दौरान भाजपा और निर्दलीय उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच झड़प में तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जौनपुर में बुधवार रात दो उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच हुई हिंसा में पांच लोग घायल हो गए और कई वाहनों में तोड़फोड़ भी की गई। उपद्रव में शामिल अभियुक्तों पर कार्रवाई कर पुलिस ने 450 सपा समर्थकों को नामजद करते हुए 550-600 अज्ञात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है। हिंसा, सरकारी काम में बाधा डालने और अन्य कई धाराओं के तहत राज्य भर में सपाइयों की गिरफ्तारी भी की गयी हैं।
एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि, “गुरुवार को राज्य भर में नामांकन प्रक्रिया से संबंधित हिंसा की 24 घटनाएं हुईं। हिंसा 22 जिलों में हुई और हमने हिंसा के संबंध में कुल 16 मामले दर्ज किए हैं। अन्य घटनाओं के लिए न तो कोई शिकायत प्राप्त हुई और न ही कोई मामला दर्ज किया गया। 16 मामलों में कुल 115 लोगों को नामजद किया गया है, जिनमें से 25 को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और 1,730 अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया गया है।”