दिलीप उर्फ़ युसूफ खान को हिन्दू नाम क्यों रखना पड़ा?
बॉलीवुड के ट्रेजेडी किंग दिलीप कुमार नहीं रहे। दिलीप कुमार को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का पहला सुपरस्टार माना जाता है। भले ही ट्रेजेडी किंग बड़े परदे पर दिलीप कुमार के नाम से मशहूर हुए लेकिन उनका असली नाम मोहम्मद युसूफ खान था। ऐसे में सवाल यही है कि आखिर क्यों मोहम्मद युसूफ खान ने अपना नाम दिलीप कुमार रखा ?
सिनेमा के इतिहास को खंगालकर अगर देखें तो ‘तीनों खान’ से बहुत पहले एक और ‘खान’ था, जिसने दर्शकों के दिलों पर राज किया लेकिन उसने ‘खान’ नाम हटा दिया था ? आखिर क्या वजह रहीं होंगी कि एक फल व्यापारी गुलाम सरवर खान के बेटे मोहम्मद युसूफ खान को अपने वास्तविक नाम को भुलाकर एक हिंदू नाम रखना पड़ा?
फल व्यापारी लाला गुलाम सरवर खान के 12 बच्चों में से एक मोहम्मद युनूस खान का जन्म 11 दिसंबर, 1922 को पेशावर (अब पाकिस्तान में) में हुआ था। पेशावर और देवलाली (नासिक) में गुलाम सरवर खान के परिवार के स्वामित्व वाले बाग थे। यूसुफ की स्कूली शिक्षा देवलाली के बार्न्स स्कूल में हुई।
1970 के दशक में महेंद्र कौल के साथ एक साक्षात्कार में दिलीप कुमार ने बताया कि नाम परिवर्तन इसलिए हुआ क्योंकि वह अपने पिता की पिटाई से डरते थे। उन्होंने तब कहा था, “क्या आप सच्चाई जानना चाहते हैं? मैं पिता की पिटाई से डरता था इसलिए मैंने यह नाम रखा।” उनके अनुसार उनके पिता फिल्मों और शो बिजनेस के सख्त खिलाफ थे। जब उनकी रूचि फिल्मों की तरफ बढ़ी तो उन्होंने एक अलग नाम अपनाने का फैसला किया।
हालांकि उनके नाम बदलने का एक और कारण उन्होंने अपनी पुस्तक “दिलीप कुमार: द सबस्टेंस एंड द शैडो” में भी बताया है। उन्होंने बताया कि कैसे उन्हें अपने मूल नाम में बदलाव का विकल्प चुनने के लिए कहा गया था।
दिलीप कुमार ने बताया है कि अपने स्क्रीन नाम को उन्होंने तब अपनाया जब फिल्म निर्माता देविका रानी ने उनसे अपना नाम युसूफ से बदलकर दिलीप कुमार करने का अनुरोध किया था।
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मोहम्मद युसूफ खान के दिलीप कुमार बनने के ये दो वो किस्से हैं जो कि उन्होंने खुद बताए, लेकिन खुद कोई कितना सच बताता है और कैसा सच बताता है ये हम समझ सकते हैं।
कहा जाता है कि दर्शक मुस्लिम अभिनेता मुख्य भूमिका में पसंद नहीं कर रहे थे
उस वक्त के दौर में फिल्म इंडस्ट्री में मुस्लिम नाम से अभिनेताओं को पसंद नहीं किया जाता था, इस बात को इस तरह भी कह सकते हैं कि मुस्लिम अभिनेताओं को दर्शक देखना पसंद नहीं करते थे। 1947 में देश को आजादी मिली थी, और आजादी मिलने के साथ ही ‘पाकिस्तान’ मुसलमानों ने अपने लिए ले लिया था। ऐसे में हिंदू बहुसंख्यक हिंदुस्तान में अभिनेता मुस्लिम नाम के साथ बड़े परदे पर नहीं आ पा रहे थे। दरअसल, कहा जाता है कि दर्शक मुख्य भूमिका में उन्हें पसंद नहीं कर रहे थे।
सिर्फ दिलीप कुमार ही क्यों ऐसे कई अभिनेता-अभिनेत्रियां हुईं हैं जो वास्तव में मुस्लिम थे, लेकिन परदे पर अपना नाम हिंदू रख लिया। धीरे-धीरे परदे के हिंदू नाम से ही वो लोगों के बीच लोकप्रिय हो गए। उदाहरण के लिए- मीना कुमार का वास्तविक नाम महजबीन वानो था। जॉनी वॉकर का वास्तविक नाम बहरुद्दीन जमालुद्दीन काजी था। मान्यता दत्त का वास्तविक नाम दिलनवाज शेख है। मधुबाला का वास्तविक नाम मुमताज जहां देहलवी था। ऐसे कई छोटे-बड़े अभिनेता-अभिनेत्रियां हैं जिन्होंने परदे पर अपना नाम हिंदू रखा।
इसकी एक वजह ये भी है कि अभिनेता-अभिनेत्रियां इस तरह के हिंदू नाम रखते थे जिसकी स्वीकार्यता पूरे देश में हो। बीजेपी हरियाणा के आईटी सेल के हेड अरुण यादव ने दिलीप कुमार की मौत पर ट्विट करते हुए लिखा, ‘फिल्मी जगत में हिन्दू नाम रखकर पैसा कमाने वाले मोहम्मद यूसुफ खान ( दिलीप कुमार ) का निधन भारतीय फिल्म जगत के लिए अपूरणीय क्षति है! शोक संतप्त परिवार के प्रति गहन संवेदना! दिवंगत आत्मा को शांति दे भगवान।‘
फिल्मी जगत में हिन्दू नाम रखकर पैसा कमाने वाले मोहम्मद यूसुफ खान ( दिलीप कुमार ) का निधन भारतीय फिल्म जगत के लिए अपूरणीय क्षति है!
शोक संतप्त परिवार के प्रति गहन संवेदना!
दिवंगत आत्मा को शांति दे भगवान।
भावभीनी श्रद्धांजलि!
— Arun Yadav 🇮🇳 (मोदी का परिवार) (@beingarun28) July 7, 2021