जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भाजपा बेहद गंभीर है। इस बात का संदेश उन्होंने हाल ही में एक बेहद अहम निर्णय में दिया है, जहां उन्होंने उत्तराखंड में एक पार्षद नीता पांचाल को सिर्फ इसलिए पद से हटा दिया, क्योंकि हाल ही में उन्होंने तीसरे बच्चे को जन्म दिया था। आपने ठीक पढ़ा है, भाजपा ने अपने ही पार्टी के एक चुने हुए सभासद को इसलिए पदच्युत कर दिया, क्योंकि उन्होंने दो संतान से जुड़े नियमों का उल्लंघन किया।
तीर्थस्थल हरिद्वार के लक्सर नगरपालिका से हाल ही में महिला सभासद नीता पांचाल को पदच्युत किया गया है। अगस्त 2020 में उनकी सदस्यता को चुनौती देने वाली याचिका उच्च न्यायालय उत्तराखंड में पंकज कुमार बंसल नामक याचिकाकर्ता ने डाली थी। पंकज का आरोप था कि उत्तराखंड के अधिनियमों के अंतर्गत नीता के दो से अधिक बच्चे नहीं होने चाहिए, परंतु उनके घर तीन संताने आ गईं। इसी को लेकर कुछ ही हफ्तों पहले भाजपा ने एक अहम निर्णय में नीता की सदस्यता को रद्द करने का निर्णय किया।
अब ये स्थानीय निकाय चुनाव के अधिनियम आखिर है क्या, जिसके अंतर्गत नीता पांचाल की सदस्यता रद्द की गई? 2002 में पारित इस अधिनियम के अनुसार, जो भी नगरपालिका पार्षद, ब्लॉक सदस्य, या पंचायत सदस्य ऐसा मिला, जिसकी दो से अधिक संतानें हो, उसकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी जाएगी। फिलहाल के लिए ये अधिनियम उत्तराखंड में अभी लागू है।
चीन की ‘वन चाइल्ड पॉलिसी’ और यूपी की ‘टू चाइल्ड पॉलिसी’ में जमीन-आसमान का अंतर है, सबकुछ समझिए
नीता की सदस्यता के रद्द होने की सूचना देते हुए लक्सर के एसडीएम शैलेन्द्र सिंह नेगी ने बताया, “इस मामले की जांच मुझसे पहले यहाँ रह चुके एसडीएम ने की थी, मुझे भी मीडिया के माध्यम से ही यह जानकारी मिली है कि नीता पांचाल की सदस्यता खत्म हो चुकी है”। लक्सर नगरपालिका के अध्यक्ष अम्बरीष गर्ग के अनुसार, “निकाय चुनाव लक्सर में 2018 में आयोजित हुए। चुनाव से लेकर शपथ ग्रहण तक नीता की दो ही संतानें थी, पर तीसरी संतान होने के बाद उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई है”।
SP की महिला कार्यकर्ता को किया परेशान, तो सीएम योगी ने लखीमपुर पुलिस की पूरी टीम को किया सस्पेंड
इसी प्रकार का अधिनियम अब जल्द ही उत्तर प्रदेश में भी लागू होने जा रहा है। इस मामले से भाजपा ने एक बेहद अहम सन्देश दिया है – जब बात कानून के पालन की आएगी, तो यदि उसके अपने भी उल्लंघन करते पाए गए, तो उन्हें भी नहीं छोड़ा जाएगा। अपने ही पार्षद नीता पांचाल को अपने अधिनियमों के उल्लंघन के लिए जिस प्रकार से भाजपा ने बाहर का रास्ता दिखाया। कुछ ही दिन पहले उत्तर प्रदेश में ही जब ब्लॉक प्रमुख के चुनाव के परिणाम घोषित होने पर उपद्रव मचा था और लखीमपुर खीरी में कुछ भाजपा नेताओं पर एक सपा नेत्री से बदतमीजी करने के आरोप लगे, तो योगी सरकार ने तत्काल प्रभाव से उक्त पुलिस थाने के सभी अफसरों को निलंबित करने के साथ आरोपी नेताओं के विरुद्ध कार्रवाई करने की पूरी छूट भी दी।
राजनीति में अपनी पार्टी के नेताओं के विरुद्ध कार्रवाई तो छोड़िए, उन्हें डांटना भी आश्चर्य की बात मानी जाती है, लेकिन भाजपा ने अपने ही सभासद नीता पांचाल को जनसंख्या अधिनियमों का उल्लंघन करने के पीछे उनकी सदस्यता खत्म कर एक स्पष्ट संदेश भेजा है – कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे।