बिन पेंदी के लोटा आपने सुना होगा। हिंदी की यह मशहूर लोकोक्ति तब इस्तेमाल होती है जब किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह में स्थिरता नहीं होती है। वो बस इधर उधर लुढ़कते रहते है। भारतीय राजनीति में ऐसे बहुत से बिन पैनी के लोटा है। सुबह में हरी घास को छि-छि कहेंगे और शाम में कोयर काट कर खाएंगे। अब इसी सूची में शिरोमणि अकाली दल का भी नाम आ गया है। पहले तो इस पार्टी अकाली दल ने CAA का विरोध किया और अब इसे लागू करने के साथ-साथ इस कानून में उल्लेखित तिथि को आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। दरअसल शिरोमणि अकाली दल (बादल) के नेता और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने केंद्र सरकार से नागरिकता संसोधिन कानून (CAA) की कट ऑफ डेट बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से यह निवेदन किया है कि CAA की तारीख को 2014 से बढ़ाकर 2021 किया जाए ताकि अफ़ग़ान संकट के बाद आये शरणार्थियों को इसका लाभ मिल सके।
अकाली दल के प्रवक्ता मनजिंदर सिंह सिरसा ने ट्विटर पर सरकार से अफगानिस्तान में फंसे हिन्दू और सिख शरणार्थियों को लाने का भी अनुरोध किया। उन्होंने ट्वीट किया, “जैसे-जैसे स्थिति गंभीर होती जा रही है और अधिक से अधिक शहर तालिबान के हाथों में पड़ रहे हैं, अल्पसंख्यक सिख और अफगानिस्तान में रहने वाले हिंदू अपनी सुरक्षा और धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर चिंतित हैं। हम भारत सरकार से अफगानिस्तान में शेष हिंदुओं और सिखों की सुरक्षा और निकासी सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कदम उठाने का अनुरोध करते हैं।”
As situation is turning grim & more towns falling to Taliban, minority Sikhs & Hindus living in Afghanistan are concerned about their safety & religious freedom. We request Govt of India to take urgent steps to ensure safety & evacuation of remaining Hindus & Sikhs in Afghanistan pic.twitter.com/5HipIiphoc
— Manjinder Singh Sirsa (मोदी का परिवार) (@mssirsa) August 13, 2021
हालांकि जैसे ही उनका बयान सामने आया उसके बाद लोगों ने उनकी पार्टी अकाली दल द्वारा CAA के विरोध को याद दिलाने लगे। एक ट्विटर यूजर ऋषि बागरी ने ट्वीट कर कहा, “याद करिए किस तरह सरदार DS Bindra अपना फ्लैट बेचकर CAA के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को भोजन करा रहे थे।”
Pic 1 – How Sardar DS Bindra sold his flat to fund and feed Shaheen Bagh Protestors opposing CAA.
Pic 2,3,4 – Persecuted Sikhs of Afghanistan using CAA to come to India. pic.twitter.com/SZWCaueAWX
— Rishi Bagree (@rishibagree) August 24, 2021
एक अन्य यूजर ने ट्वीट किया, “मुझे समझ नहीं आता, ये वही पार्टी है जिसने बीजेपी से इसी कानून को लेकर झगड़ा किया था।”
Can’t believe this guy lol. His party protested against then allies BJP when they passed CAA.
— Sahyog Sanghvi ⚕️ (@SanghviSahyog) August 24, 2021
एक यूजर ने साइकल की फोटो डालकर कहा, “इसका भी स्टैंड है सिरसा!”
Iska bhi stand hai ek Sirsa pic.twitter.com/7MXXb81AKJ
— Jahazi (@Oye_Jahazi) August 24, 2021
एक यूजर ने कहा, “नहीं नहीं, आप जानकर CAA प्रदर्शनकारियों के लिए खाने बनवाओ।”
Bhai aap jaakar anti CAA walo ke liye Biryaani banwaao
— J Singh (@JNWSingh) August 24, 2021
बता दें कि शिरोमणि अकाली दल (बादल) समेत कई राजनीतिक दलों ने 2019 में CAA कानून का विरोध किया था। भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के बीच में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर मतभेद इस कदर बढ़ गया था की गठबंधन खतरे में आ गया था। SAD विरोध करने का फैसला कर चुकी थी। शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता दलजीत सिंह चीमा ने कहा था, “हमने CAA संशोधन का स्वागत किया था क्योंकि इससे प्रताड़ित सिखों और अन्य अल्पसंख्यकों को फायदा होगा, लेकिन मुसलमानों और अन्य समुदायों को भी इसमें शामिल किया जाना चाहिए।”
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खुद पार्टी के मुखिया, सुखबीर सिंह बादल बार-बार CAA कानून में मुसलमानों को शामिल करने की बात करते रहे हैं। उन्होंने कहा था, “मेरी पार्टी (शिरोमणि अकाली दल) का विचार है कि CAA में धार्मिक समुदायों का नाम लेने के बजाय अल्पसंख्यकों का उल्लेख करना चाहिए। देश में किसी को भी यह महसूस नहींं होना चाहिए कि उन्हें अकेला छोड़ दिया गया है। अकाली दल शुरू से ही अपनी स्थिति पर अड़ा रहा है। हम उस स्थिति पर टिके रहेंगे जो हमने संसद में लिया था कि हमें सीएए लाभार्थियों में मुसलमानों को शामिल करना चाहिए।”
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बता दें कि संसद भवन में कानून को पारित किए जाने के बाद देश भर में विरोध का दौर शुरू हुआ था। आज डेढ़ सालों में ही लोगों को कानून की आवश्यकता समझ आ गई है। कुछ दिन पहले ही कांग्रेस के नेता जयवीर शेरगिल ने विदेश मंत्री से आग्रह किया था कि अफगानिस्तान से हिंदुओ और सिखों को भारत लाया जाए। उन्होंने सरकार से आग्रह किया था कि हिंदुओ और सिखों को विशेष रूप से वीजा देने की व्यवस्था की जाए।
My letter to Minister for External Affairs in personal capacity as citizen of India belonging to Sikh Community requesting Govt of India to evacuate Hindus/Sikhs from Afghan on special visa considering escalating & disturbing violence by Taliban pic.twitter.com/n4A6xOOWsg
— Jaiveer Shergill (@JaiveerShergill) August 9, 2021
तालिबान द्वारा काबुल में कब्जे के बाद, कई जिम्मेदार और जानकार रायचन्द बन रहे नेताओं के सुर बदल रहे है। उन्हें भी शायद मालूम चल गया है कि अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक प्रताड़ना किस समुदाय की होती है।