एक कहावत है कि सांप को कितना भी दूध पिलाओ पर कभी न कभी वो पालने वाले को भी डस सकता है, और पंजाब की राजनीति में ये कहावत काफी सटीक बैठती है। भिंडरावाले को बढ़ावा देने में कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने विशेष भूमिका निभाई थी, और बाद में वो कांग्रेस पर ही भारी पड़ा, उनकी मृत्यु की मुख्य वजह पंजाब का आतंकवाज और भिंडरावाले ही था। कुछ ऐसा ही किसान आंदोलन को लेकर भी हो रहा है, पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ,नील जाखड़ स्वयं स्वीकार कर चुके हैं कि कैप्टन ने ही किसानों को एकजुट कर दिल्ली पहुंचाया है। ऐसे में किसान आंदोलन का समर्थन करने वाले अमेरिकी सिख फॉर जस्टिस संगठन ने कैप्टन अमरिंदर को राजनीतिक हत्या की धमकी दे दी है, कि यदि पंजाब में ध्वजारोहण हुआ, तो उनकी राजनीतिक हत्या होगी।
सर्वविदित है कि कांग्रेस पार्टी ने ही पंजाब की राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए किसान आंदोलन को हवा दी है, और वो ही इसे दिल्ली तक लेकर आई है। ऐसे में पहले सिख फॉर जस्टिस नामक अमेरिका स्थित अलगाववादी संगठन ने कैप्टन के इन कदमों की खूब तारीफ की थी, लेकिन जब-जब इस संगठन का कैप्टन ने विरोध किया, तो ये संगठन कैप्टन के ही खिलाफ खड़ा हो गया।
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अब एक बार फिर इस खालिस्तानी संगठन के निशाने पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ही आ गए हैं। सिख फॉर जस्टिस नामक खालिस्तानी संगठन के प्रमुख गुरु पतवंत सिंह पन्नू ने कहा कि किसी भी कीमत पर पंजाब में ध्वजारोहण का कार्यक्रम नहीं होना चाहिए, वरना कैप्टन अमरिंदर की राजनीतिक हत्या होगी।
महत्वपूर्ण बात ये है कि गुरु पतवंत सिंह पन्नू ने न केवल कैप्टन अमरिंदर सिंह, बल्कि राज्यपाल वीपी सिख बदनौर की हत्या की बात भी कही है। पतवंत सिंह पन्नू ने अपने एक टेलीफोनिक ऑडियो मैसेज में कहा, “हमारे किसान मर रहे हैं। ऐसे में ध्वजारोहण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” मुख्य बात ये भी है कि कैप्टन अमरिंदर से पहले हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी राज्य में ध्वजारोहण न करने की धमकी सिख फॉर जस्टिस द्वारा ही दी गई थी।
पतवंत सिंह पन्नू ने क़ृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले किसानों का समर्थन करने के लिए 15 अगस्त को ध्वजारोहण न करने की बात कही है। सिख फॉर जस्टिस की ये धमकी इस बात का पर्याय है कि ख़ालिस्तानी संगठन ने इस आंदोलन को किस हद तक हाईजैक कर लिया है।
इस पूरे किसान आन्दोलन की प्रायोजक कांग्रेस पार्टी है। पंजाब में राजनीतिक लाभ के लिए ही इसे पंजाब से लेकर दिल्ली तक हवा दी गई, और अब कैप्टन अमरिंदर सिंह ही एसएफजे जैसे अलगाववादी संगठन के निशाने पर आ गए, और ऐसे में एक फिर इंदिरा गांधी के साथ हुए घटनाक्रम की यादें लोगों के मन में ताजा हो सकती है।
SFJ की ये धमकी प्रतिबिंबित करती है कि कैप्टन ने राजनीति लाभ के लिए ऐसे लोगों का समर्थन भी शुरू कर दिया जो आज उनकी जान के दुश्मन बन गए हैं, और ये मामला सांप को दूध पिलाने वाली कहावत पर बिल्कुल सटीक बैठता है।