हाल ही में प्रसिद्ध चरित्र अभिनेता अनुपम श्याम ओझा की किडनी संबंधित समस्याओं के कारण 63 वर्ष की आयु में निधन हो गया। ‘मन की आवाज प्रतिज्ञा’ जैसे सीरियल और ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’, ‘लगान’, ‘दिल से’, ‘रक्त चरित्र’ जैसी फिल्मों में अपने अभिनय के लिए चर्चा में रहे प्रतापगढ़ के इस प्रतिभावान अभिनेता के निधन से बॉलीवुड के कई अभिनेताओं ने दुख जताया। इस बीच अनुपम श्याम ओझा के निधन के पश्चात बॉलीवुड का एक और घिनौना पक्ष सामने आया, जिससे एक बार फिर सिद्ध होता है कि आखिर क्यों कुछ अभिनेताओं को यूं ही नहीं सोशल मीडिया पर जनता के कोपभाजन का शिकार होना पड़ता है। दूसरी ओर इसी संकट के समय योगी आदित्यनाथ का परमार्थी स्वभाव भी सबके समक्ष सामने आया है।
लेकिन अनुपम श्याम के निधन से बॉलीवुड की काली करतूतों का कच्चा चिट्ठा कैसे खुला? दरअसल, अनुपम श्याम ओझा अभिनेता आमिर खान के काफी निकट माने जाते थे, क्योंकि उन्होंने आमिर खान की दो चर्चित फिल्में, ‘लगान’ और ‘मंगल पाण्डेय’ में छोटी पर अहम भूमिकाएँ निभाई। अब एक सनसनीखेज खुलासे में अनुपम श्याम ओझा के भाई ने दावा किया है कि जब वे बीमार थे, तो आमिर ने उनकी सहायता करने का वचन दिया था, लेकिन बाद में अपने ही वचन से वे मुकर गए।
9 अगस्त को आजतक से साक्षात्कार के दौरान अनुपम के भाई अनुराग ओझा ने बताया था कि आमिर ने स्वयं अनुपम को आश्वासन दिया था कि वे प्रतापगढ़ में उनके लिए डायलिसिस सेंटर लगवा देंगे परंतु बाद में आमिर ने फोन उठाना बंद कर दिया।
अनुराग के बयान के अनुसार,
“हमारा परिवार बहुत कुछ झेल रहा है। मेरी माँ का पिछले महीने निधन हो गया। अनुपम हैरान थे कि वह प्रतापगढ़ तक (जहाँ उनकी माँ रहती थी) नहीं जा सके। शहर में डायलिसिस सेंटर के बिना, अनुपम के लिए यह एक बड़ा स्वास्थ्य जोखिम होता। हमने प्रतापगढ़ में एक डायलिसिस सेंटर के लिए आग्रह किया और अनुपम इसके लिए आमिर खान के पास भी गए। खान ने उन्हें आश्वासन दिया कि वह केंद्र स्थापित करने में मदद करेंगे, लेकिन उन्होंने कुछ महीनों के बाद उनकी (अनुपम) कॉल उठाना बंद कर दी।”
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आम तौर पर मीडिया में आमिर खान को एक बड़े दयालु और बड़े ही वात्सल्य से परिपूर्ण व्यक्ति के तौर पर चित्रित किया गया है। परंतु पिछले कई वर्षों में एक के बाद कई घटनाओं ने उनके असली व्यक्तित्व से पूरे देश को परिचित करा दिया है, चाहे असहिष्णुता पर उनके दोहरे मापदंड हो, या फिर सामाजिक मुद्दों पर उनका दोहरा चरित्र हो। लेकिन जहां एक तरफ अनुपम श्याम को आमिर खान ने जानबूझकर ठेंगा दिखाया, तो वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संकट के समय उनकी आश्चर्यजनक रूप से सहायता की थी।
इसे स्वीकारते हुए स्वयं अनुपम श्याम ओझा ने दैनिक भास्कर से एक साक्षात्कार में बताया,
“वह (सीएम योगी) मुझे व्यक्तिगत रूप से जानते हैं और मेरे काम को पसंद करते हैं। उनके द्वारा की गई वित्तीय मदद ने संकट के दौरान मेरी मदद की। मेरे पास कुछ बचत भी थी जिसे मैं इलाज के लिए इस्तेमाल करता था। अब, जैसा कि मैं काम पर वापस आ गया हूँ, मुझे उम्मीद है कि मैं भविष्य के लिए पैसे बचाने में सक्षम हो जाऊँगा।”
Multiple Organ Failure के कारण अनुपम श्याम ओझा का निधन हो गया। इस प्रकरण में जहां योगी आदित्यनाथ का परमार्थ सबके समक्ष आया, जिन्होंने एक चरित्र अभिनेता की बिना कहे सहायता की, तो वहीं आमिर खान का दोहरा व्यक्तित्व एक बार फिर उजागर दुआ, जो कहते कुछ और हैं, और करते कुछ और हैं।