योगी के बाद बोम्मई सरकार ने कर्नाटक में लगाया मुहर्रम जुलूस पर प्रतिबंध

कर्नाटक मुहर्रम प्रतिबंध

PC: VNS

कर्नाटक की बसवारज बोम्मई सरकार ने राज्य में बढ़ते COVID-19 मामलों को रोकने के लिए मुहर्रम के दिन सार्वजनिक रूप से होने वाले सभी उत्सवों पर प्रतिबंध लगा दिया है। राज्य सरकार ने त्योहारों के उत्सव के लिए विस्तृत COVID-19 दिशा निर्देशों की एक नई गाइडलाइन जारी की है, मुहर्रम जैसे त्योहारों से जुड़े सभी प्रकार के जुलूसों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया गया है। यह सबको पता है कि ईद और महुर्रम जैसे त्योहारों के दौरान लगातार कम से कम 10 दिनों तक बड़ी संख्या में संबंधित समुदायों द्वारा जुलूसों का आयोजन किया जाता है। वहीं, सरकार के ऐसे कदम से एक बार के लिए कोई समुदाय तो रुष्ट हो सकता है, पर दूरदृष्टि से देखा जाए तो यह फैसला राज्य में कोरोना के प्रभाव को बढ़ाने के बजाय घटाने पर बल देगा।

यह कोई पहली बार नहीं है जो कोई सरकार ऐसे कदम उठा रही है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कड़े फ़ैसलों का अनुपालन अपने प्रदेश में भी इसलिए किया है ताकि उनका राज्य कोरोना विस्फोट से बचाव कर पाए। अब तक की जानकारी के मुताबिक कर्नाटक सरकार ने मुहर्रम को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। कोरोना वायरस के एक्टिव केसों की संख्या और कोरोना के खतरे को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने फैसला लेते हुए कहा है कि इस साल मुहर्रम पर जलूस निकलने की अनुमति नहीं है। सरकार ने आदेश दिया है कि यह प्रतिबंध 12 अगस्त से 20 अगस्त तक जारी रहेगा।

अटकलें तो यह भी लगाई जा रही हैं कि, 16 अगस्त के बाद कर्नाटक सरकार लॉकडाउन भी लगा सकती है। इसके अलावा पूर्व में राज्य में यात्रा करने से लेकर इधर उधर घूमने के संबंध में भी नए नियम लागू किए जा चुके हैं।

यह भी पढ़ें- कर्नाटक में अब हिंदू मंदिरों का फंड हज, मदरसा और चर्चों पर खर्च नहीं होगा

सरकार ने कहा है कि पूर्व में जैसे कहीं भी नमाज़ पढ़ते हुए लोग भारी संख्या में एक जगह एकत्र हो जया करते थे उसपर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। मुहर्रम के दिन मस्जिद समेत सामुदायिक भवनों, खुले मैदानों आदि में किसी भी सभा का आयोजन करने की अनुमति नहीं है।

इसके साथ ही कब्रिस्तान में होने वाले सभी कार्यक्रमों को नामंज़ूर कर दिया गया है। आयु वर्गों पर इस बार विशेष नोटिस जारी करते हुए कहा गया है कि 10 साल से कम और 60 वर्ष से ज्यादा के नागरिकों को मस्जिद में जाकर नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इस आयु सीमा में आने वाले सभी लोगों को घर में ही नमाज पढने का आदेश दिया गया है।

खबर के अनुसार, गुरुवार को सरकार की तरफ से जारी हुए आदेश में कहा गया है, ‘सभी तरह के जुलूसों पर 12 अगस्त से 20 अगस्त तक प्रतिबंध रहेगा। अलम/पंजा और ताजिया जैसी झांकयों और जुलूसों को बगैर छुए दूर से देखने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अलावा प्रार्थना को लेकर भी नए नियम जारी किए गए हैं, ‘प्रार्थना सभागारों में मास्क पहनना अनिवार्य है और सभी प्रार्थनाएं मस्जिदों में कोविड नियमों के कड़े पालन के साथ होंगी।’

यह भी पढ़ें- ‘नन और पादरी को भी देना पड़ेगा टैक्स, आर्टिकल 25 धर्म के आधार पर टैक्स में छूट नहीं देता’

अभी तक इस निर्णय में किसी मौलाना या मुस्लिम धर्मगुरु की कोई टिप्पणी नहीं आई है। इसकी प्रमुख वजह यह है कि सरकार ने केवल मुहर्रम में ऐसी पाबंदियाँ नहीं लगाई हैं, अपितु आने वाले दिनों में गणेश चतुर्थी जैसे त्योहार पर भी इसके साथ प्रतिबंध लगा दिया गया है।

Exit mobile version