इस समय चीनी प्रशासन का वुहान वायरस के कारण वैश्विक छवि रसातल में है। हिमालय में आक्रमण करने की उसकी भूल के कारण भारत ने उसके ‘ड्रैगन’ वाली छवि का भी कीमा बनाकर रख दिया है। हालांकि अब भी चीन अन्य देशों के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाने से बाज़ नहीं आ रहा है तथा तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर ही आनंद ले रहा है। इस बार ड्रैगन ने यह झूठ ऑस्ट्रेलिया को लेकर फैलाया है।
क्या झूठ फैला रहा चीन?
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के बयान के तथ्यों को चीनी प्रशासन ऐसे तोड़ मरोड़ कर पेश कर रहा है जैसे इन दोनों ही पूर्व प्रधानमंत्रियों ने स्कॉट मॉरिसन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया हो। ग्लोबल टाइम्स में एक लेख “Will criticism of Turnbull, Rudd make a difference on Morrison’s China policy?” प्रकाशित हुआ है जिसमें इस तरह से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है।
इस लेखक के जरिए ग्लोबल टाइम्स ये जताना चाहता है कि ऑस्ट्रेलिया के वर्तमान प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की चीन के प्रति नीतियों से पूरा ऑस्ट्रेलिया इतना नाराज है कि स्वयं ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्रियों को आगे आकर प्रधानमंत्री मॉरिसन की आलोचना करनी पड़ी है। चीन तो यहाँ तक दावा कर रहा है कि ऑस्ट्रेलिया की सेना चीन के पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ युद्ध करने को तैयार है।
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सच क्या है?
परंतु क्या यही सच है? क्या वास्तव में पूर्व प्रधानमंत्री Kevin Rudd और Malcolm Turnbull ने स्कॉट मॉरिसन को उनकी वर्तमान चीन नीति के पीछे घेरा है। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। असल में ग्लोबल टाइम्स सफेद झूठ बोलकर चीनी तानाशाह शी जिनपिंग को प्रसन्न करना चाहता है, जबकि सत्य तो यह है कि ऑस्ट्रेलिया में मैल्कम टर्नबुल, केविन रड, टोनी एबॉट और स्कॉट मॉरिसन तीनों ही धुर चीन विरोधी हैं। मैल्कम टर्नबुल ने जापानी न्यूज पोर्टल Nikkei Asia के लिए लिखे लेख में तो यहाँ तक लिखा था कि यदि भारत जैसे देशों का साथ मिले, तो ऑस्ट्रेलिया चीन की हर चुनौती का सामना कर सकता है।
असल में टर्नबुल और केविन रड ने स्कॉट मॉरिसन के प्रशासन को चीन के परिप्रेक्ष्य में अपनी भाषा पर संयम बरतने को कहा है। मैल्कम टर्नबुल के अनुसार, “चीन के सरकार के साथ जो हमारी वर्तमान तनातनी है, उसमें हमें संयम बरतना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारी तुलना चीन के लोगों से न होने लगे।” केविन रड के अनुसार चीन के बारे में जो भी बातें हो रही, वो कहीं अन्य एशियाई समुदायों के लिए हानिकारक न सिद्ध हो। उन्होंने यह भी कहा कि हमें अपने सभी सहयोगियों के साथ मिल कर चीन के खिलाफ उतरना होगा।
लेकिन इसे चीनी प्रशासन ने कैसे फेक न्यूज में परिवर्तित करके अपने तानाशाह शी जिनपिंग को प्रसन्न किया है, ये आज सबके सामने है। ग्लोबल टाइम्स ने दो पूर्व प्रधानमंत्रियों द्वारा जताई गई चिंता को स्पष्ट रूप से एक सफेद झूठ में परिवर्तित किया है, जिसका न कोई सर है न पैर। लेकिन चीनी मीडिया इसीलिए दुनिया भर में हंसी का पात्र थोड़ी न बनी है। CCP की अकर्मण्यता और उसकी निर्लज्जता को बचाने के लिए ये लोग इसी प्रकार के हास्यास्पद सिद्धांतों का निर्माण करते हैं, ताकि उनके आका प्रसन्न रहे और चीनी प्रसन्न कुपित न रहे।