हम तो डूबेंगे ही सनम, साथ तुम्हें भी ले डूबेंगे। कुछ यही हालात अभी कांग्रेस पार्टी में उनके नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ देखने मिल रहा है। कानून के उल्लंघन को अपना विरोध करने का हथियार बना असंवेदनशीलता की सीमा को लांघने वाले कांग्रेस नेताओं का अब ट्विटर पर वही हाल हुआ जो उनके नेता राहुल गांधी का हुआ था। यानि अब उन नेताओं के ट्विटर अकाउंट भी लॉक हो चुके हैं।
दरअसल, दिल्ली के नांगला रेप केस में मृत पीड़िता की तस्वीरों को अपना राजनीतिक मुद्दा बनाने पर राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं पर ट्विटर की गाज गिरी है। पूर्वत मात्र राहुल गांधी के ट्विटर अकूउंट के खिलाफ ट्विटर ने कार्रवाई करते हुए उनका ट्विटर अकाउंट अस्थायी रूप से लॉक कर दिया था। इसके बाद कांग्रेसी नेता उस ट्वीट को सही बताने में जुट गए और ट्वीटर द्वारा हटाई गयी उस तस्वीर को अपने-अपने अकाउंट से ट्वीट करने लगे।
कांग्रेस नेताओं का भी ट्विटर अकाउंट लॉक
इसी क्रम में उन कांग्रेस नेताओं ने हैशटैग ‘#मैं_भी_राहुल’ के साथ अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से भी उस तस्वीर को पोस्ट जिसमें पीड़िता के माता-पिता की पहचान उजागर थी। अब ट्विटर ने कार्रवाई करते हुए कांग्रेस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल समेत कई वरिष्ठ नेताओं के अकाउंट लॉक कर दिया है। कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव अजय माकन, कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला, लोकसभा में पार्टी के व्हिप मणिकम टैगोर, असम कांग्रेस प्रभारी जितेंद्र सिंह और महिला कांग्रेस अध्यक्ष सुष्मिता देव के ट्विटर अकाउंट लॉक कर दिये गए हैं।
First Rahul Gandhi ji's account,
Then Congress Workers account,
Then Congress Leaders account,
& Now official account of @INCIndiaTwitter is openly batting as a frontal organization of BJP.
Are we still living in India or North Korea? pic.twitter.com/dUDCroVV7r
— Srinivas BV (@srinivasiyc) August 12, 2021
ट्विटर ने राहुल के अकाउंट को लॉक करने के बाद ही चेता दिया था कि इस मामले पर ट्वीट्स को डिलीट करने और अकाउंट्स को लॉक करने की कार्रवाई भारतीय कानून के दायरे के अनुसार किया जा रहा है।
राहुल गांधी ने उस तस्वीर को साझा किया था जिसमें दलित लड़की के माता-पिता के चेहरे थे जो कि स्पष्ट तौर पर ‘किशोर न्याय अधिनियम और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम’ की धाराओं का उल्लंघन था। दोनों कानूनों में कहा गया है कि पीड़ित या उसने परिवार जनों की पहचान का खुलासा नहीं किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट ट्विटर को नोटिस जारी करने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ट्वीट को ट्विटर ने हटा दिया था।
राहुल गांधी के ट्वीट को हटाने और उनके अकाउंट को अस्थायी रूप से लॉक भी कर दिया गया था जिसके बाद, रणदीप सुरजेवाला और अजय माकन जैसे अन्य कांग्रेस नेताओं ने उसी तस्वीर को साझा किया था। अब ट्विटर ने कार्रवाई करते हुए उनके अकाउंट को भी अस्थायी रूप से बंद कर दिया है।
ट्विटर की प्रवर्तन कार्रवाई नीति में कहा गया है कि, “यदि किसी अकाउंट की सामग्री हमारी नीतियों का अनुपालन नहीं करती है, तो हम इसे अस्थाई रूप से अनुपलब्ध (Temporarily Unavailable) कर सकते हैं। हम यह भी बताते हैं कि यूजर के प्रोफ़ाइल में किस सामग्री (ट्वीट या पोस्ट) ने किस नीति का उल्लंघन किया है।”
ट्विटर कुछ ट्वीट्स को नोटिस भी देता है और प्लेटफॉर्म पर हो रहे उसके वार्तालाप को सीमित करता है, जैसे कि ट्वीट और अकाउंट पर रिप्लाई, रीट्वीट और लाइक की अनुमति नहीं देना। इसके अलावा, ऐसे ट्वीट, जिन पर नोटिस के बिना ही नज़र रखी जाती है, उन्हें Top Tweets, Safe Search, या ईमेल और प्लेटफॉर्म द्वारा भेजे गए टेक्स्ट नोटिफिकेशन में नहीं दिखाया जाता है।
कांग्रेस और उसके नेताओं के ट्वीट और अकाउंट का आगे क्या होगा?
ट्विटर द्वारा चिन्हित किए गए सभी ट्वीट्स को या तो पार्टी के आधिकारिक अकाउंट के साथ-साथ नेताओं के अकाउंट को हटाना होगा, या लंबे समय तक इन सभी अकाउंट को बंद रखना होगा। ट्विटर इन यूजर्स को उनके खातों के माध्यम से किए गए उल्लंघनों की प्रकृति के बारे में ई-मेल के माध्यम से भी सूचित करेगा, और उन्हें प्लेटफॉर्म की नीति के अनुसार ट्वीट्स को हटाने या कार्रवाई का सामना करने के लिए कहेगा। इसका यह अर्थ भी है कि, बार-बार उल्लंघन करने पर उस अकाउंट का स्थायी निलंबन भी हो सकता है।
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कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेता और उनके कहने पर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने पीड़िता के परिजनों की राहुल गांधी के साथ वाली फोटो ट्वीट कर न केवल उस परिवार की बल्कि उस मृत पीड़िता के साथ वो मज़ाक किया गया है जिसके लिए कोई भी क्षमायाचना तुच्छ ही साबित होगी। कांग्रेस की ओर से आगे भी यदि ऐसा व्यवहार और कानून का उल्लंघन किया जाता है तो ट्विटर ही नहीं प्रशासन को भी कानूनी तौर पर उचित कदम उठाने होंगे वरना आने वाले समय में इन सभी के हौसले और बुलंद हो जाएंगे और फिर न जाने क्या क्या ट्रेंड करने में जुट जाएँ जो मानवता को शर्मसार करता हो।