मॉब लिंचिंग एवं असहिष्णुता, ये एजेंडा वामपंथियों ने सर्वाधिक मोदी सरकार के विरोध में चलाया है। किसी भी मुस्लिम व्यक्ति को यदि उसके कुकृत्यों के कारण भी जनता के आक्रोश का सामना करना पड़ता है, तो उस प्रकरण को सांप्रदायिक चश्मे से देखा जाता है। मध्य प्रदेश के इंदौर में तस्लीम नाम के चूड़ी बेचने वाले युवक के साथ हुई पिटाई को वामपंथियों ने पीएम मोदी और शिवराज सरकार के विरुद्ध एजेंडा चलाने का अवसर समझा था, किन्तु अब इस घटना की विस्तृत जांच की परतें खुलने के पश्चात वामपंथियों के अंडरग्राउंड होने का समय आ गया है, क्योंकि एक तो इसने अपनी पहचान खुद को हिन्दू (गोलू) बताकर छिपाई, एवं दूसरा ये कि इसने चूड़ी बेचने के बहाने एक नाबालिग बच्ची के साथ छेड़छाड़ की। अब जब जांच के बाद युवक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, तो उसके समर्थन में अलगाववादी संगठन पीएफआई भी उतर आया है, जो कि वामपंथियों के लिए पाठ्यक्रम के बाहर का प्रश्न बन गया है।
हिन्दू मुस्लिम एजेंडे का आरोप तो वामपंथी बीजेपी पर लगाते रहे हैं, किन्तु सच्चाई ये है कि अपराधी या पीड़ित का जाति, धर्म एवं समुदाय सबसे पहले ये लोग ही देखते हैं। इंदौर में चूड़ी बेचने वाले युवक की पिटाई के संबंध में भी कुछ ऐसा ही हुआ। इस घटना पर एजेंडा चलाया गया कि लड़के को मुस्लिम होते हुए चूड़ी बेचने के कारण मारा गया। मुस्लिम एकता के पुरोधा एवं AIMIM चीफ असद्दुदीन ओवैसी तक इस विषय पर सीधे बीजेपी को निशाने पर लिया, किन्तु अब जांच में हुए खुलासों ने सभी की नींदें उड़ा दी हैं। इंदौर पुलिस ने इस मामले में बताया कि युवक के पास कई अलग-अलग नाम एवं धर्मों के पहचान पत्र थे, जो कि उसकी पहचान छिपाने की आपराधिक नीयत को दर्शाते हैं, जिसके चलते उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
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वहीं, पिटाई को लेकर सामने आया कि तस्लीम नाम के चूड़ी बेचने वाले युवक ने एक नाबालिग बच्ची के साथ छेड़छाड़ की, जिसके कारण आक्रोशित लोगों द्वारा चूड़ी बेचने वाले युवक की पिटाई की गई। इस घटनाक्रम के संबंध में बच्ची ने बताया कि इस युवक ने एक अधजला कार्ड दिखाया। तब उससे चूड़ियां खरीदीं। इस बीच नाबालिग की मां रुपये लेने अंदर गईं तो इस युवक ने चूड़ियां पहनाने के बहाने से बच्ची के साथ अश्लील हरकतें करने लगा, जिसे समझकर बच्ची चिल्लाने लगी। इन आवाजों को सुनकर आसपास के लोग जुटे एवं उसकी मां घर से बाहर आ गई। ऐसे में भागने का प्रयास करते चूड़ी बेचने वाले युवक को लोगों ने पकड़ लिया, इसके बाद वो स्वाभाविक रूप से वो जनता के आक्रोश का शिकार हो गया।
वहीं इस मामले में राज्य के गृहमंत्री एवं बीजेपी के वरिष्ठ नेता नरोत्तम मिश्रा ने भी आरोपी के संबंध में कार्रवाई की बात कही है। उन्होंने कहा, “युवक अपना धर्म एवं नाम छिपा कर चूड़ियां बेच रहा था, लेकिन विवाद की शुरुआत हाथ पकड़ने पर हुई। तत्पश्चात जब उसका आधार कार्ड देखा तो उसके धर्म का पता चला। प्रश्न यह है कि उसने अपना धर्म क्यों छिपाया? सही नाम से घूमे जहां घूमना है, कौन रोक रहा है लेकिन उसनेे ऐसा क्यों किया।” स्पष्ट है कि धर्म छिपाना और फिर नाबालिग बच्ची के साथ छेड़छाड़ करना उस युवक के विरुद्ध कार्रवाई का आधार हैं।
वहीं इस मामले विपक्षी राजनीतिक दल से लेकर कुछ वामपंथी लोग मोदी सरकार तक पर सवाल खड़े कर रहे थे। स्वयंभू शायर एवं दिल्ली दंगों में अराजकता फ़ैलाने वालों के समर्थक इमरान प्रतापगढ़ी इस विषय पर पुनः तनाव बढ़ाने के प्रयास करने लगे थे। इसके विपरीत इन लोगों के लिए मुसीबत तब खड़ी हो गई जब इस आरोपी युवक के समर्थन में अलगाववादी संगठन PFI तक के लोग प्रदर्शन करने लगे।
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इस घटना पर इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया, “मामला तूल न पकड़े इसलिए हम शांति बनाकर रख रहे हैं। घटना में प्रदर्शन आपत्ति जनक था। कोतवाली पर प्रदर्शन की घटना में एसडीपीआई और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के लोगों का हाथ होने की बात सामने आयी है। इंटलीजेंस यूनिट एसडीपीआई और पीएफआई पर नजर रख रही है, जो भी माहौल बिगाड़ने का काम कर रहा है उस पर सख्त कार्रवाई होगी।” ध्यान देने वाली बात ये भी हे कि इस घटना में प्रदर्शन करने वाले लोगों के विरुद्ध भी पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।
स्पष्ट है कि एक युवक जो कि अपराधिक मानसिकता वाला था, एवं नाम बदलकर चूड़ी बेचते हुए नाबालिग बच्ची के साथ अश्लील हरकतें करने के कारण पीटा गया, किन्तु इस घटनाक्रम में हिन्दुओं की छवि धूमिल कर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के प्रयास किए गए। इससे कुछ सामान्य लोग भी हिंदुओं को कोसने के वामपंथियों के एजेंडे में शामिल हो गए, वहीं अब जब पर्दाफाश हो चुका है, तो वामपंथियों ने अपने मुंह सिल लिए हैं।