4 अगस्त 2021। इस दिन कोई इतिहास नहीं रचा गया, परंतु एक अहम बदलाव अवश्य देखने को मिला। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय दल के लिए यह एक अहम दिन था। इसी बीच कल ही के दिन भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैचों की सीरीज़ भी शुरू हो गई, और कल ही भारत और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट मैच भी था। अब क्रिकेट प्रेमी भारत में स्वाभाविक था कि प्राथमिकता किसे मिलनी थी। लेकिन आपको पता है प्राथमिकता किसे मिली? ओलंपिक में भारत के प्रतिनिधित्व को, क्रिकेट को नहीं! जी हाँ, आपने ठीक सुना।
कल प्रात: काल से ही पूरा भारत ओलंपिक में भारत के खिलाड़ियों का प्रदर्शन देख रहा था, चाहे वो भाला फेंक हो, कुश्ती हो, या फिर हॉकी ही क्यों न हो। पहली बार क्रिकेट और अन्य खेलों की भिड़ंत में क्रिकेट पिछड़ गया और भारतीय प्रशंसकों ने टोक्यो ओलंपिक में भाग ले रहे भारतीय खिलाड़ियों को बढ़ावा दिया। ये कैसे संभव है? आम तौर पर भारत में या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ओलंपिक में भारत के किसी भी स्तर के प्रदर्शन को कवरेज नहीं दी जाती। लेकिन जब आज मुक्केबाज लवलीना बोरगोहैन सेमीफाइनल में दावेदारी के लिए उतरी, तो उसे भी प्रमुख तौर पर भी कवरेज दी गई, और जब नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में अपेक्षा के अनुरूप प्रदर्शन करते हुए पुरुष भाला फेंक के फाइनल्स में जगह बनाई, तो उसे भी बराबर मीडिया कवरेज दी गई –
#Tokyo2020 | Shivpal Singh bows out!
Neeraj Chopra tops qualification, Pakistan's Arshad Nadeem joins him in the Men's Javelin final #Athletics #Olympics
Report: https://t.co/g4W5s7hOaW
— India Today Sports (@ITGDsports) August 4, 2021
लेकिन बात केवल मीडिया कवरेज तक ही सीमित नहीं रही। सोशल मीडिया पर भी दिन भर अधिकतर ट्रेंडिंग में लवलीना, भारतीय हॉकी, नीरज चोपड़ा, रवि दहिया, दीपक पूनिया जैसे नाम ही गूँजते रहे। दरअसल आज भारतीय महिला हॉकी टीम का सेमीफाइनल कई बार विश्व चैंपियन और ओलंपिक चैंपियन रह चुकी अर्जेन्टीना की महिला हॉकी टीम से था। हालांकि भारत अर्जेन्टीना से नाजुक अंतर से 1-2 से हार गई, परंतु यह टीम अपने प्रदर्शन के लिए पूरे समय चर्चा में रही। इसके साथ साथ कुश्ती में अपेक्षा से बेहतर प्रदर्शन करते हुए दो पहलवान, रवि कुमार दहिया और दीपक पूनिया, फ्रीस्टाइल कुश्ती में अपने अपने वर्गों के सेमीफाइनल तक पहुंचे।
दीपक सेमीफाइनल में हार गए और अब वे कांस्य पदक के लिए कल भिड़ेंगे, लेकिन एक अप्रत्याशित दांव में कजाखिस्तान के नूरइस्लाम सनाएव को तकनीकी आधार पर चित करते हुए रवि कुमार दहिया ने इतिहास रचा और 57 किलो वर्ग के कुश्ती के फाइनल में जगह बनाई –
जिस देश में क्रिकेट का नाम दिन रात जपा जाता हो, वहाँ एक दिन के लिए भी यदि क्रिकेट से इतर किसी खेल में लोग रुचि लें, तो ये एक सकारात्मक बदलाव प्रतीत होता है। लवलीना बोरगोहैन को जब मुक्केबाजी के लिए कांस्य पदक मिला, तो देशभर में उसे बधाइयाँ देने का तांता लग गया। पूरे दिन लवलीना, नीरज चोपड़ा, और रवि दहिया का ही नाम ट्विटर पर गूँजता रहा।
इस सकारात्मक पहल में केंद्र सरकार ने भी बराबर का योगदान दिया। चाहे पूर्व खेल मंत्री किरेन रिजिजू हों, या फिर वर्तमान खेल मंत्री अनुराग ठाकुर, दोनों ने खिलाड़ियों को समय समय पर प्रोत्साहित किया। खिलाड़ियों के प्रति देश और सरकार का रवैया किस प्रकार से सकारात्मक रूप से बदला है, इसका सबसे बड़ा प्रमाण तो स्वयं पीएम नरेंद्र मोदी ने दिया है।
What a brilliant comeback Ravi Kumar Dahiya!
You’re a fighter!
You had us on the edge of our seat with your power play!
All the best for the final!
India 🇮🇳 is cheering for you !#Cheer4India pic.twitter.com/pwevoimBC5
— Anurag Thakur (मोदी का परिवार) (@ianuragthakur) August 4, 2021
हाल ही में, पीएम नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक घोषणा की है कि स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर पूरे भारतीय ओलंपिक दल के सभी सदस्यों को लाल किले पर प्रधानमंत्री का अभिभाषण देखने के लिए आमंत्रित किया गया है। पहली बार देखने को मिला कि जिस देश में क्रिकेट के अलावा किसी और खेल के बारे में चर्चा तक नहीं की जाती, वहाँ एक दिन के लिए ही सही, परंतु केवल और केवल कुश्ती, भाला फेंक, हॉकी जैसे खेलों की चर्चा अधिक हुई, और क्रिकेट की ओर किसी का ध्यान नहीं गया। एक दिन के लिए ही सही, पर रवि दहिया, नीरज चोपड़ा, लवलीना बोरगोहैन इत्यादि का नाम पूरे देश की जुबान पर था।