कौन जात हो भाई? भैया जनेऊधरी कौल ब्राह्मण हूँ भैया! बस, यह बातें और दावे मौखिक रूप से बयान होने के बाद वास्तविक जीवन में कितनी महत्ता रखते हैं वो इटली उपासक राहुल गांधी बेहतर जानते हैं। राहुल गांधी ने सोमवार को ट्विटर पर पैरा एथलीट सुमित अंतिल को टोक्यो में चल रहे पैरालंपिक खेल के अंतर्गत भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतने के लिए बधाई दी। राहुल गांधी की जो फोटो ट्वीट की है वो क्रॉप की हुई और काटे गए हिस्से में ॐ लॉकेट था जो सुमित अंतिल ने धारण किया हुआ था। यानी एक ॐ ने राहुल को उनके इटली धर्म को याद दिला दिया और क्रॉप करने के साथ ही बधाई देने की खानापूर्ति भी हो गई और अपनों के सवालों से भी बच गए। यह खेल ऐसे शांत कैसे हो जाएगा, अब जब उड़ते तीर के सामने आया ही हैं तो उसका लुत्फ भी तो राहुल गांधी को उठाना तो पड़ेगा।
चुनावी सभा में कुर्ता फाड़ से लेकर, जनेऊ दिखाने से लेकर अपने गोत्र और जाति का महिमामंडन करने वाले यही राहुल के अंदर भरा हुआ हिन्दू विरोध कही-न-कहीं से बाहर निकल ही जाता है। यह वही राहुल गांधी हैं जिनके पिता राजीव गांधी कोट के ऊपर जनेऊ धारण कर संसद चले जाया करते थे और इनकी बहन प्रियंका वाड्रा चुनावी वेकेशन में आमतौर पर मंदिरों की परिक्रमा लगाती दिख जाती हैं। यही दिखावे का धार्मिक कर्मकांड राहुल भी करते दिखते हैं। लेकिन जब सच्चाई सामने आनी होती है तो किसी भी स्वरूप में आ ही जाती है क्योंकि सच दबाये नहीं दबता और छुपाए नहीं छिपता।
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Congratulations to Sumit Antil for the #Gold .
The nation applauds your record-breaking grit and determination.
#TokyoParalympics pic.twitter.com/LJdKV0uxNz— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) August 30, 2021
जिस तरह से राहुल गांधी ने खानापूर्ति के लिए सुमित अंतिल के जिस फोटो को पोस्ट कर बधाई दी उससे यह साफ-साफ प्रतीत होता है कि साझा तस्वीर में अंतिल ने जो चेन पहनी हुई है, उसमें से राहुल ने ‘ओम’ को काट दिया है।
यह फोटो काट वाला ट्वीट उस दिन आता है जब उन्होंने ‘डरा हुआ मुसलमान’ के नैरेटिव को आगे बढ़ाने के लिए नकली गृहणास्पद क्लिप साझा की थी। अपने दोहरे मानदंडों में अब राहुल ने खुद को ही फंसा लिया है। ट्विटर के माध्यम से ही ट्विटर उपयोगकर्ता अब राहुल को उनकी बीमार सोच के लिए लताड़ रहे हैं और भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा साझा की गई वास्तविक तस्वीर को ट्वीट करते हुए ट्रेंड चल रहे हैं जिसमें ॐ लॉकेट पूर्ण रूप से प्रदर्शित हो रहा है।
लोगों की प्रतिक्रियाएँ इस प्रकार थीं कि राहुल गांधी तस्वीर से ‘ओम’ को हटा सकते हैं, लेकिन वह एथलीटों से हिंदू धर्म नहीं निकाल पाएंगे। कुछ लोगों ने यह भी बताया कि शायद राहुल गांधी यह संदेश देना चाहते हैं कि ‘धर्मनिर्पेक्षता’ एक बार फिर खतरे में है और इसलिए ‘ओम’ को काट दिया।
वाह रे कांग्रेस के चश्मोचिराग, लाड़साहब @RahulGandhi बाकि सब ठीक है लेकिन #HinduPhobia का इतना भी क्या आतंक है आपके मनोमस्तिष्क में। शीशे में सामना करना भी मुश्किल होता होगा? है कि नहीं! कतई बेशर्म #दोगला_चरित्र_इटली_वाले_विचित्र@FrustIndian @TheAtulMishra @tfipost_in pic.twitter.com/oprGYOGliy
— Utkarsh Upadhyay (@Utkars_Upadhyay) August 30, 2021
https://twitter.com/Subhaji31346370/status/1432315768830509061
राहुल को बालबुद्धि कहा जाता है वो ठीक है परंतु यह बालबुद्धि के शिकार अपनी दक़ियानूसी सोच का नीच कृत्य सदैव हिन्दू धार्मिक आस्थाओं पर ही मढ़ देते हैं। राहुल और बचे कूचे कांग्रेसी नेताओं के अनुसार इससे कांग्रेस समेत इनके तथाकथित सांप्रदायिक मित्र और चमचों को पुनर्जीवन की प्राप्ति होती है। अब जब जनता ही समझदार है तो इनके कर्मकांडों को उजागर करने की किसी राजनीतिक दल या मीडिया संस्थान को आवश्यकता नहीं पड़ेगी क्योंकि इस ट्वीट की वास्तविकता को अब जनता ही राहुल गांधी को घेरते हुए सबके सामने ला रही है।