हम अकसर देखते हैं कि जिस भी मामले में हिन्दू-मुस्लिम से जुड़ा कोई भी एंगल होता है, उसमें हिंदुओं को दबाने के प्रयास सबसे अधिक किए जाते हैं। विडंबना की बात तो ये है कि ऐसे मुद्दों पर यदि सामाजिक चर्चा भी होती है, तो पूर्वाग्रहों से ग्रस्त प्रशासन के लोग भी हिन्दू पक्ष को दबाने का प्रयास करते हैं। कुछ ऐसा ही मामला दिल्ली के आजादपुर फ्लाईओवर पर अवैध रूप से बनी एक मजार से संबंधित है, जिसको लेकर एक पत्रकार ने मजार की देखभाल करने वाले मौलाना से कुछ सवाल पूछ दिए तो पहले मौलाना ने गलत जानकारियां दीं, और जब वो फंसने लगे तो आदर्शनगर SHO सीपी भारद्वाज पत्रकार से बदसलूकी करने लगे, जो दिखाता है कि ये पूर्वाग्रहों से कितने अधिक ग्रसित हैं। इसके चलते SHO के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की जा रही है।
हमने अकसर देखा है कि सड़कों और सरकारी ज़मीनों पर अवैध रूप से धार्मिक स्थलों का निर्माण कर दिया जाता है। मंदिरों को तो इसके चलते अकसर टूटते देखा गया है, मस्जिदों और मजारों के साथ स्थितियां बिल्कुल ही विपरीत हैं।
दिल्ली के आजादपुर फ्लाईओवर पर भी कुछ इसी तर्ज पर एक मजार बनी है जिसको लेकर एक पत्रकार ने सच्चाई जाननी चाही; तो उसे ही मुश्किलों का सामना करना पड़ा। दरअसल, एक पोर्टल के पत्रकार ने जब मजार की देखरेख करने वाले सिंकदर से पूछा तो उसने दावा किया कि मजार 1950 से बनी है, जबकि असल बात तो ये है कि उस वक्त तो वहां कोई फ्लाईओवर ही नहीं था।
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https://twitter.com/NegiDeekshaa/status/1422888268396331008
इसके विपरीत जब सिकंदर अपनी ही बातों में फंसने लगा तो ये बोलने लगा कि मजार 1982-83 के दौरान बनी थी, फिर पत्रकार ने पुनः टोका तो इस शख्स ने कबूल कर लिया कि मजार तब बनी थी, जब आजादपुर फ्लाईओवर बना। इसको लेकर पास खड़े एक विजय नाम के शख्स की सिकंदर से बहस होने लगी, जिसको लेकर आदर्श नगर के SHO सीपी भारद्वाज ने पत्रकार को ही धमकाना शुरू कर दिया।
SHO पत्रकार के साथ बदसलूकी करने लगा। एसएचओ बार-बार कानूनी दांव-पेंच का हवाला देकर ये जताने का प्रयास कर रहा था कि पत्रकार संवेदनशील मुद्दे को हवा दे रहा है।
How is this SHO’s bullying legal? Why are Muzlims allowed to illegally occupy any land they fancy for their mazaars? @AmitShahOffice @DCPNewDelhi pic.twitter.com/Ar2iLW1um3
— Shefali Vaidya. 🇮🇳 (@ShefVaidya) August 4, 2021
फ्लाईओवर पर मजार बनाना सही है, अवैध निर्माण करने वालों से सवाल पूछना गलत।
पुलिस से पूछ लो, केजरीवाल जी ने पक्का काम कर दिया है।#Encroachment@AmitShah pic.twitter.com/18K4ICjAtq— Hitesh Shankar (@hiteshshankar) August 3, 2021
एसएचओ ने मजार की देखरेख करने वाले सिंकदर को परेशान करने के आरोप में पत्रकार को ही खरी-खोटी सुनाना शुरू कर दिया। ये इशारा करता है कि SHO सिकंदर के पक्ष में बात कर उसे प्रशासनिक संरक्षण देने के प्रयास कर रहा था। SHO सीपी भारद्वाज ने दिल्ली सरकार की कमेटी की गाइडलाइंस तक गिनानी शुरू कर दीं। युवक के साथ इस बदसलूकी का वीडियो वायरल हो गया है, जिसके बाद से सोशल मीडिया पर सिकंदर के कुतर्को को लेकर तो चर्चा हो ही रही है, साथ ही SHO सीपी भारद्वाज के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी की जा रही है।
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Twitter पर वायरल हो रहे वीडियो के संबंध में लोग लगातार मांग कर रहे हैं कि SHO के विरुद्ध पुलिस प्रशासन को कार्रवाई करनी ही चाहिए, क्योंकि वो सामाजिक हित के एक मुद्दे पर साधारण चर्चा ही कर रहा था। जिसको पहले तो एक सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई और फिर उसी मुद्दे के आधार पर SHO ने पत्रकार के साथ बदसलूकी की।
ये पहली बार नहीं है कि ऐसे मामले सामने आए हों बल्कि मजारों और मस्जिदों के संबंध में सबसे ज्यादा प्रयास मुद्दों को दबाने के होते हैं और पुलिस से लेकर प्रशासन के कुछ लोग अपने पूर्वाग्रहों के आधार पर काम करते हैं।