पहले देशविरोधी बन ध्वजारोहण को मना किया, बाद में देशप्रेमी बनने की ताक में देश की कदमताल कर लो। कुछ ऐसा ही हाल अभी गोवा में चल रहा है़। रिपोर्ट के अनुसार 75 वें स्वतंत्रता दिवस को मनाने के लिए गोवा में वास्को डी गामा के पास साओ जैसिंटो द्वीप पर जब भारतीय नौसेना ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने की पहल तो उन्हें स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। इस विरोध का स्पष्टीकरण देते हुए कहा गया कि उन्हें सरकार और सैन्य अधिकारियों के इरादों पर संदेह था कि ध्वजारोहण की आड़ में उनकी ज़मीन कब्जा ली जाएगी।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस बार स्वतंत्रता दिवस को विशेष रुप में मनाने का आवाहन करते हुए प्रत्येक राज्य में इसे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के तहत मनाने के लिए कहा है। गोवा शासन भी इसी का अनुसरण करते हुए राज्य में आयोजन स्थलों पर जायजा लेने और अन्य तैयारियों में जुटा हुआ है। वहीं, जब नौसेना भी इसी कार्यक्रम के तहत गोवा के साओ जैसिंटो द्वीप पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने पहुंची तो स्थानीय निवासी विरोध पर उतर आए। उनके विरोध के कारण नौसेना को कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा। नौसेना ने बताया कि 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह के तहत 13 से 15 अगस्त 2021 के बीच देशभर के द्वीपों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की रक्षा मंत्रालय की पहल का हिस्सा था, जो अब स्थानीय रहवासियों के हठ की वजह से पूरा नहीं हो पाएगा।
क्या कहा नौसेना ने?
नौसेना के एक बयान में कहा गया है कि, “गोवा नौसेना क्षेत्र की एक टीम ने इस अखिल भारतीय पहल के तहत साओ जैसिंटो द्वीप सहित गोवा के द्वीपों का दौरा किया। हालांकि, जैसिंटो द्वीप पर योजना को रद्द करना पड़ा क्योंकि वहाँ के निवासियों ने इस कार्यक्रम का विरोध किया था। यह पहल देश भर में देशभक्ति की भावना जगाने और आजादी के 75वें वर्ष तक जश्न मनाने के लिए की गई थी।”
अपनी गलती को स्वीकारने के बजाय, द्वीप के ग्रामीणों ने अनर्गल तथ्य और आधार देते हुए कहा कि, ‘वे राष्ट्रीय ध्वज फहराने के विरोध में नहीं थे, बल्कि इसे स्वयं करेंगे क्योंकि उन्हें डर था कि नौसेना या केंद्रीय अधिकारी उनके द्वीप पर “कब्जा” कर सकते हैं।
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इस कार्यक्रम में बाधा डालकर द्वीपवासियों ने न केवल देश की भावनाओं का अनादर किया है बल्कि देश के विपरीत कदम उठाने की चेष्ठा की है। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस घटना पर कहा कि उनकी सरकार कड़ी कार्रवाई के साथ ऐसी “भारत विरोधी” गतिविधियों से निपटेगी। ऐसे तर्क देने वालों से यही सवाल बनता है कि यह कार्यक्रम संपूर्ण देश में चलाया जाने वाला है, इसका अर्थ यह है कि सरकार हर जगह का अधिग्रहण करने की ताक में है?
It is unfortunate and shameful that some individuals at St Jacinto Island have objected to Hoisting of the National Flag by the Indian Navy on the occasion of India's Independence Day. I condemn this and want to state on record that my Government will not tolerate such acts.1/2
— Dr. Pramod Sawant (Modi Ka Parivar) (@DrPramodPSawant) August 13, 2021
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वहीं गोवा के पूर्व राजस्व मंत्री और राज्य राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष जोस फिलिप डिसूजा ने कहा कि, “वे झंडा फहराने के कार्यक्रम को आगे नहीं बढ़ने देंगे। हम केवल यह बताना चाहते हैं, चाहे वह नौसेना हो, सरकार हो, या कोई निजी कंपनी हो, हम किसी को भी यहां आने और ऐसा करने के लिए अनुमति नहीं देंगे।
यह कैसा दुस्साहस है कि अपने देश के एक राज्य में सरकार तो छोड़िए, सैन्य सुरक्षा बल और अन्य ऐजेंसियों को धमकाने जैसे षडयंत्र एक राजनीतिक दल के नेता द्वारा किए जा रहे हैं और राष्ट्रीय ध्वज को न फहराने के लिए पूरा जोर लगाया जा रहा है। इससे यही प्रतीत होता है कि साओ जैसिंटो द्वीप वासी अपना कानून मानने वालों में से हैं न की देश का संविधान।
बता दें कि, साओ जैसिंटो द्वीप लगभग एक किलोमीटर के अंदर स्थापित द्वीप है और यहाँ लगभग 200 परिवारों का घर है।
राज्य सरकार इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगी
इस बीच, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने द्वीपवासियों पर भारत विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाया और उनसे सख्ती से निपटने का दावा किया। अपने बयान में उन्होंने कहा कि, “यह दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक है कि साओ जैसिंटो द्वीप पर कुछ लोगों ने भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीय नौसेना द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाने पर आपत्ति जताई है। मैं इसकी निंदा करता हूं और मैं यह कहना चाहता हूं कि मेरी सरकार इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्त नहीं करेगी।
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ समारोह की तैयारियों को आगे बढाते हुए सीएम सावंत ने कहा कि, “मैंने भारतीय नौसेना से अपनी मूल योजना के साथ आगे बढ़ने का अनुरोध किया है और गोवा पुलिस से [उन्हें] पूर्ण सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया है। वहीं सरकार द्वारा ऐसी कुछ भारत विरोधी गतिविधियों के इन प्रयासों से सख्ती से निपटा जाएगा। हम सबके लिए हमेशा ‘राष्ट्र पहले’ रहेगा।” ऐसे तत्वों के लिए प्रशासनिक और कानूनी शिकंजा भी तैयार है, यह सीएम सावंत की बातों से सपष्ट भी हो गया है।