महाविकास आघाडी की सरकार में शिवसेना के कोटे से यातायात मंत्री बनाए गए अनिल परब की चेक वापसी के मामले में बड़ी फजीहत हो रही है। मंत्री जी अनिल परब ने पहले तो बाढ़ पीड़ितों को चेक दिया और जब फोटो सेशन हो गया तो चेक वापस लेकर गायब हो गए।
दरअसल, बीते जुलाई महीने में देश के कई भाग बाढ़ से त्रस्त थे जिनमें महाराष्ट्र का कोंकण क्षेत्र भी था। बाढ़ की वजह से 95 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। सैकड़ो लोग या तो गायब हैं या राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं। इसी क्रम में प्रशासन ने जनता को सहायता और राशन देने का कार्यक्रम चलाया था।
रत्नागढ़ ज़िले के यातायात मंत्री अनिल परब कोंकण के पासोरा गाँव मे बाढ़ पीड़ितों को सहायता राशि वितरण करने पहुंचे। सहायता राशि चेक के माध्यम से वितरित की गई लेकिन कुछ ही समय बाद चेक ये कहते हुए वापिस ले लिया गया कि सहायता राशि ऑनलाइन माध्यम से सीधे उनके खाते में आएगी।
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SS minister Anil Parab hands over cheques to relatives of deceased in #MaharashtraFloods
But it was all just a PR exercise
The cheques were taken back after photo session & people told that money will be transferred online
What a cruel joke on Marathi manoos😢 pic.twitter.com/KGWs4uX7wv
— PallaviCT (Modi Ka Parivar) (@pallavict) August 4, 2021
जब जनता को उम्मीदों पर पानी फिरता दिखा तो मामले ने तूल पकड़ लिया। हालांकि, मंत्रीजी या सरकार की तरफ से इस मामले मे कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है लेकिन जनता ठगा हुआ महसूस कर रही है। यानी यह सिर्फ एक PR कैम्पेन था जिसे सरकार की वाह-वाही के लिए किया गया था। वैसे, अनिल परब का विवादों से पुराना नाता रहा है।
इनके ऊपर भ्रष्टाचार से लेकर सचिन वाज़े द्वारा बीएमसी मामले में ठेकेदारों से करोड़ो रुपये की वसूली तक के भी आरोप लगे हैं। अनिल परब ने मातोश्री से नजदीकी होने के कारण इस्तीफा नहीं दिया और उद्धव के चहेते बने रहे। अनिल परब तीन बार से एमएलसी हैं और ऊपरी सदन में सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं।
अनिल परब शिवसेना के कद्दावर मंत्रियों में से एक हैं, लेकिन चेक देकर वापिस लेने वाले इस मामले ने उनकी और सरकार दोनों की किरकिरी कराई है। वैसे शिवसेना के अध्यक्ष और सरकार के मुखिया उद्धव ठाकरे ने बाढ़ पीड़ितों के लिए 11500 करोड़ रुपये का पुनर्वास पैकेज भी जारी किया है, लेकिन इस घटना से राहत सहायता वितरण में हुए घोटाले की वास्तविकता सामने आ गई है।
कुछ दिनों पहले महाविकास आघाडी सरकार में शिवसेना कोटे से बिजली मंत्री नितिन राऊत भी बिजली बिल माफी के अपने बयान से पलट गए थे। नितिन राऊत ने पहले तो बिजली बिल में राहत देने की घोषणा की लेकिन अब मंत्री जी पलटते हुए यह कह रहे हैं कि लोगों को पूरा बिजली बिल भरना होगा। महाविकास आघाडी सरकार के मंत्रियों के इस पलटते रवैये और चरित्र से जनता हैरान, परेशान और भयाक्रांत है।