PM के लिए “पनौती” जैसे शब्द का प्रयोग ही कारण है, कि क्यों विपक्ष राष्ट्रवादी नरेटीव नहीं बना पाता

न sense की कोई सीमा हो, न logic का हो बंधन, बस यही विपक्ष है!

पनौती उन्हें कहते है जो अपने साथ “बैड लक” (दुर्भाग्य) लेकर चलते है जिससे बना बनाया काम भी बिगड़ जाता है । कल भारत और बेल्जियम के हॉकी मैच के  दौरान 7 बजकर 35 मिनट पर प्रधानमंत्री मोदी का भारतीय टीम के समर्थन में एक ट्वीट आया । ट्वीट आने के बाद भारतीय टीम की स्थिति बिगड़ गयी । पहले 10 मिनट मे 2-1 से बढ़त बनाए भारत को 5-2 से हार मिली। पुरुष हॉकी में मेडल आने की उम्मीदों पर पानी फिरने से झुंझलाए ‘’ट्वीटेराट्टी’’ इस हार को PM मोदी के ट्वीट से जोड़कर देखने लगे और देखते ही देखते ट्वीटर पर पनौती ट्रेंड करने लगा।

 

इस तरह का पनौती ट्रेंड बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और अपमानजनक भी है। लेकिन, PM नरेंद्र मोदी को ऐसे ‘ट्रेंड्स’ से सहानुभूति और समर्थन प्राप्त होने की प्रबल संभावना होती है। विपक्ष राष्ट्रीय पटल पर सरकार और उसकी नीतियो के खिलाफ आम जनता और खुद को एकजुट नहीं कर पायी ।

विपक्ष किसी भी मुद्दे को राष्ट्रीय चर्चा का विषय बना कर सरकार को घेरने मे भी नाकाम रहा है, इसीलिए झुंझलाहट मे ऐसे तुच्छ हथकंडे अपनाने पड़ते है जिसका फायदा अंततः मोदी सरकार को मिलता है। बताते चले की टोक्यो ओलिंपिक्स के पहले दिन रजत पदक जीतने पर जब मोदी द्वारा मीराबाई को दिये गए बधाई संदेश को श्रेय लेने वाले बयान की तरह देखा गया। विपक्ष द्वारा PM मोदी की खूब आलोचना भी की गई थी। समर्थक और जनता के लिए यह ‘’हिप्पोक्रेसी’’ (पाखंड) की पराकाष्ठा ही है।

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तर्क यह है कि अगर प्रधानमंत्री के ट्वीट से उन्हें ‘’गोल्ड’’ का श्रेय देना बेमानी है तो हार के लिए उनके ट्वीट को जिम्मेदार ठहरना भी हास्यास्पद और पूर्वाग्रह से ग्रसित होने का संकेत है। जनता और समर्थक प्रधानमंत्री के किसी बयान को ओलिम्पिक में जीत-हार से जोड़कर देखने की प्रविर्ती को बेतुका और ओछी राजनीति का तुच्छ उपाय भर मानते है ।

प्रधानमंत्री के हर बयान का गलत मतलब निकाल कर और अपमानित करने के स्तर तक उनकी आलोचना करने से उनके समर्थको में गुस्सा और असंतोष बढ़ता जाता है । वो और मजबूती से मोदी के पीछे लामबंद होते है । उनसे सहानुभूति रखते है और विपक्ष को सबक सिखाने के लिए चुनाव से लेकर चौपाल तक उनका समर्थन करते है । विपक्ष को सतर्क हो नकारात्मक राजनीति से बचना चाहिए अन्यथा वो अपने पैरो पर ही कुल्हाड़ी मार रहे है ।

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