भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन के माध्यम से पुनः एक बार देश को नई राह दिखाने वाली लोकहितकारी योजनाओं की घोषणा की। इस बार यूं तो प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश अनुरूप स्वतंत्रता दिवस को खास बनाने के लिए उसे “आज़ादी का अमृत महोत्सव” का नाम दिया गया, पर उसको सार्थक एक नई सोच ने किया। उस सोच को पीएम मोदी ने ‘गति शक्ति योजना’ नाम दिया है। ‘समग्र बुनियादी ढांचे’ के विकास के लिए इस परियोजना पर मोदी सरकार 100 लाख करोड़ राशि का आवंटन करेगी। वैश्विक महामारी कोरोना के बाद ऐसी योजना देश के भविष्य को राह और नई अलख जलाने में सारथी की भूमिका निभाने जा रही है।
दरअसल, कोरोना महामारी के दौरान उद्योग से लेकर हर क्षेत्र से जुड़े कारोबारों को आर्थिक मार झेलनी पड़ी है जिससे कोई भी अछूता नहीं रहा। विगत दो वर्षों में कॉलेज की पढ़ाई पूरी करके निकले नौजवान अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं, और यही हाल उन छात्रों का भी है जो आने वाले समय में कॉलेज की पढ़ाई पूर्ण करेंगे। इसी बीच पीएम मोदी की पीएम गति शक्ति योजना ने नई आशाओं का संचार करते हुए युवाओं को आशान्वित किया है कि उनके आने वाले कल को यह प्लान गति प्रदान कर सकता है।
"We are set to present to you PM Gati Shakti's National Master Plan in the near future. This new initiative worth Rs 100 lakh crore will bring employment opportunities to the youth": PM Shri @narendramodi
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गति शक्ति योजना क्या है?
अपने भाषण में, पीएम मोदी ने इस परियोजना को भविष्य में युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों के स्रोत के रूप में पेश किया है। पीएम मोदी ने कहा कि, “आने वाले दिनों में, सरकार ‘पीएम गति शक्ति योजना’, जिससे 100 लाख करोड़ का राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा मास्टर प्लान तैयार करने जा रही है, जो समग्र बुनियादी ढांचे की नींव बनाएगा और हमारी अर्थव्यवस्था को एक एकीकृत मार्ग प्रदान करेगा।”
परियोजना के फोकस क्षेत्र क्या हैं?
पीएम मोदी ने कहा कि ‘गति शक्ति योजना’ स्थानीय निर्माताओं के वैश्विक विस्तार को बढ़ाने तथा उन्हें दुनिया भर में अपने समकक्षों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में मदद करेगी। यह भविष्य के नए आर्थिक क्षेत्रों की संभावनाओं को भी जन्म देता है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि, ‘भारत को विनिर्माण और निर्यात दोनों बढ़ाने की जरूरत है। वैश्विक स्तर पर बिकने वाला हर उत्पाद भारत से जुड़ा हुआ है, इसलिए मैं कह रहा हूं कि आपका हर उत्पाद भारत का ‘ब्रांड एंबेसडर’ है।
‘गति शक्ति योजना’ हमारे स्थानीय निर्माताओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में भी एक दूरगामी सफर तय करेगी और भविष्य के आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण के लिए नई संभावनाओं का विकास करेगी। इस दशक में ‘गति की शक्ति’ भारत के परिवर्तन का आधार बनेगी।‘
We are set to present the PM Gati Shakti's National Master Plan in the near future which will make a foundation for holistic approach in infrastructure construction – PM @narendramodi #IndiaIndependenceDay #AmritMahotsav #IndiaAt75 pic.twitter.com/RcTCXEx7zn
— PIB India (@PIB_India) August 15, 2021
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आम आदमी पर क्या होगा असर?
उन्होंने बताया कि अभी, परिवहन के विभिन्न साधनों के बीच कोई समन्वय नहीं है और गति शक्ति योजना इन बाधाओं और व्यवधानों को तोड़ते हुए इन सभी बाधाओं को दूर कर देगी। उन्होंने कहा, “इससे आम आदमी की यात्रा का समय कम होगा और हमारे उद्योग की उत्पादकता भी बढ़ेगी।“
NIP का उद्देश्य
पीएम मोदी ने कहा कि नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन प्रोजेक्ट (एनआईपी) से देश को जोड़ने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य पूरा हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “NIP पर भारत 100 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रकम खर्च करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। अलग-अलग क्षेत्रों के लगभग 7000 परियोजनाओं को चिन्हित किया जा चुका है।’’ उन्होंने बताया कि आने वाले एक हजार दिन में देश के हर गांव को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाएगा।
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एनआईपी की शुरुआत 6,835 परियोजनाओं के साथ की गई थी। बाद में इसे बढ़ाकर इसके तहत 7,300 परियोजना शामिल कर दी गई हैं। NIP की इन परियोजनाओं के लिए साल 2020-25 के दौरान 110 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की जरूरत है। मोदी सरकार के मुताबिक, साल 2024-25 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की जीडीपी हासिल करने के लिए भारत को इंफ्रास्ट्रक्चर पर लगभग 1.4 ट्रिलियन डॉलर (100 लाख करोड़ रुपये) खर्च करने की जरूरत है।
हॉलिस्टिक एप्रोच की आवश्यकता
पीएम ने कहा कि, ‘भारत को अपना मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपोर्ट बढ़ाना होगा। उन्होंने उदाहरण के तौर पर आईएनएस विक्रांत का उल्लेख भी किया। संबोधन में अपनी बात रखते हुए पीएम ने कहा कि, “आज भारत अपना स्वदेशी लड़ाकू विमान, तथा अपनी पनडुब्बी बना रहा है। आने वाली दिनों में गगनयान अंतरिक्ष में भारत का झंडा फहराएगा। यह स्वदेशी विनिर्माण में हमारी अपार क्षमताओं का प्रमाण है।”
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इन सभी संभावनाओं को अपनी क्षमता और भारत विकास यात्रा में जुड़ रही कड़ी बताते हुए पीएम मोदी ने भारत को फिरसे खड़ा करने और आर्थिक रूप से सबल बनाने के लिए “पीएम गति शक्ति योजना” से यह बताया कि, ‘छोटे मन से कोई बड़ा नहीं होता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं होता।’
पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की तृतीय पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर पीएम मोदी ने उनकी इन्हीं पंक्तियों को जीवंत कर देश को एक नयी ऊंचाई देने वाली योजना की घोषणा की। आज कोरोना के कारण आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए ऐसी योजना की आवश्यकता है जिसका लाभ जमीनी स्तर पर अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंचे। पीएम मोदी के संबोधन से देश इसी आशा के साथ नई दिशा में बढ़ने के लिए प्रयासरत हो चुका है।