पश्चिमी देशों में भारतीय संस्कृति के प्रति घृणा का कारोबार कोई नया नहीं है, हिन्दू देवी देवताओं से लेकर भारतीय मान्यताओं को सदैव गलत तरह से पेश किया जाता है, जो लोगों को आक्रोशित करती है। इसका नया नमूना WWE में सामने आया है, फ्री स्टाइल रेस्लिंग के मामले में मशहूर WWE के लिए व्यापार के लिहाज से भारत सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। इसके बावजूद समय-समय पर WWE की तरफ से ऐसे लोगों को उतार कर पूर्व निर्धारित कहानी के आधार पर लड़ाई कार्रवाई जाती है, जिससे भारतीय संस्कृति का अपमान होता है। इसका हालिया उदाहरण ‘वीर’ नाम का एक रेसलर है। इस शख्स का वास्तविक नाम रिंकू सिंह है, जो कि रुद्राक्ष पहनकर और त्रिपुंड लगाकर लड़ाई के लिए रिंग में उतरता है, और यहीं से सभी हिन्दू संस्कृति के अपमान की कहानी सामने आती है।
अपने व्यापार और खेल के जरिए एजेंडा चलाने वालों की भरमार है, और पश्चिमी देशों से भारतीय संस्कृति के खिलाफ चल रहा ये खेल सर्वविदित है। अब WWE में एक ऐसा रेसलर उतारा गया है, जिसका नाम वीर (रिंकू सिंह) है। इस शख्स को एक हिन्दू आस्तिक व्यक्ति के रूप में दिखाया गया है, जो कि गले में रुद्राक्ष धारण करने के साथ ही माथे पर त्रिपुंड लगाए हुए है। सटीक शब्दों में कहा जाए तो वीर को हिन्दू की पहचान दी गई है, जिसे लड़ाई के दौरान पीटा जाता है। फाइटिंग में ये आम बात लग सकती है, किन्तु ऐसा दिखाने के पीछे का उद्देश्य घिनौना है।
वीर को फाइटिंग में उसका प्रतिद्वंदी उन्हीं अंगों पर अधिक वार करता है, जहां हिन्दू प्रतीक चिन्ह हैं, जैसे माथे पर लात मारना, गले पर लात मारना। प्रतिद्वंदी द्वारा इस तरह की फाइटिंग में निश्चित तौर पर हिन्दुओं के प्रतीकों को लात मारते दिखाया गया है, जो कि हिन्दू संस्कृति के लिए एक घोर अपमान का विषय है। महत्वपूर्ण बात ये भी है कि ये फाइटिंग सांवन के पवित्र महीने के दौरान हुई थी। इन सबके चलते WWE पर सवाल खड़े होते रहे हैं। वहीं ऐसा ही उस दौरान भी देखा गया था, जब खली रेसलिंग के मैदान में उतर थे, तो ‘जय मां काली’ बोलने पर दर्शक दीर्घा द्वारा उनका मजाक बनाया जाता था, ये मामले दिखाते हैं कि आखिर WWE की भारत के प्रति कितनी अधिक घृणित सोच है।
WWE की बात करें तो विश्व में सबसे ज्यादा लोकप्रियता इसकी भारत में ही है। यही कारण है कि पिछले वर्ष भारत में अपने प्रसारण पार्टनर सोनी पिक्चर्स के साथ कंपनी ने अपना करार 5 वर्षों लिए बढ़ा लिया है। कंपनी ने खुद इस बात को स्वीकारा है कि कैसे इंटरनेट की दुनिया में यूट्यूब से लेकर फेसबुक तक में WWE की लोकप्रियता सर्वाधिक है। वहीं WWE के संचालक कनाडाई जिंदर महल को एक असभ्य व्यक्ति माना जाता है।
ये भी कहा जाता है कि WWE की पूरी फाइटिंग में सब कुछ पहले से तय होता है, और एक पटकथा के अनुसार ही खेला जाता है। ऐसे में इसे वीर नाम के हिन्दू आस्तिक दिखने वाले शख्स के जरिए हिन्दुओं का अपमान करने की साजिश कहना गलत नहीं होगा। खास बात ये भी है कि WWE ने कभी किसी मुस्लिम को लेकर इस तरह का कोई प्रयोग नहीं किया। साल 2005 में एक प्रयोग किया गया था, जिसके चलते पूरी दुनिया में विरोध के सुर फूट पड़े थे। इसका नतीजा ये है कि आज तक इस्लाम संबंधी कैरेक्टर लाकर उसे अपमानित करने का WWE कोई प्रयास नहीं कर सका है।
ऐसे में आवश्यक है कि जिस तरह से सावन के पवित्र माह में त्रिपुंड लगाए एक फाइटर को लातों से मारने की जो पटकथा लिखी गई, उसकी आलोचना होनी चाहिए। इस मामले में WWE के प्रबंधन से लेकर वीर नाम के उस खिलाड़ी व उसके प्रतिद्वंदी के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए, जिससे WWE इस रवैए को अपनी आदत न बना ले।