छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने हाल में अपने पिता की गिरफ़्तारी पर बयान दिया था कि ‘कानून से ऊपर मेरे पिता भी नहीं हैं।’ इस बयान में एक निष्पक्ष जनसेवक की छवि दिख रही थी, किंतु वास्तविकता इससे विपरीत है। अगर यह कहा जाए कि यह बयान षडयंत्र का हिस्सा था तो गलत नहीं होगा। उस दौरान भूपेश बघेल ने अपने पिता की रायपुर पुलिस से गिरफ्तारी तो कर लिया गया था परंतु अब खबर आ रही है कि उनके पिता को जमानत मिल गयी है।
यह षडयंत्र सिर्फ योगी सरकार से डर के कारण रचा गया था। इसी के तहत भूपेश बघेल ने अपने पिता की रायपुर पुलिस से गिरफ्तारी करवाई थी। यही कार्रवाई यदि सीएम योगी की पुलिस करती, तो उन्हें जमानत न मिल पाती, क्योंकि रायपुर पुलिस की गिरफ्तारी और न्यायिक हिरासत की अवधि पूरी होने से पहले ही उन्हें जमानत मिल गई है।
एक पुत्र के रूप में मैं अपने पिता जी का सम्मान करता हूँ लेकिन एक मुख्यमंत्री के रूप में उनकी किसी भी ऐसी गलती को अनदेखा नहीं किया जा सकता जो सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने वाली हो।
हमारी सरकार में कोई भी कानून से ऊपर नहीं है फिर चाहे वो मुख्यमंत्री के पिता ही क्यों न हों।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) September 5, 2021
दरअसल, पिछले महीने ही उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल ने ब्राह्मणों के विरुद्ध बयान दिया था, जिसके बाद से उन पर कार्रवाई की मांग योगी सरकार के साथ भूपेश बघेल से भी हो रही थी।
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जैसे ही इस ब्राह्मण विरोधी बयान की खबर चारों दिशाओं में उड़ी, वैसे ही सियासी पारा चढ़ गया और कई ब्राह्मण संगठनों ने बघेल पर कार्यवाई करने की मांग उग्र रूप से तेज़ कर दी। इसके परिणामस्वरूप लखनऊ के घटनाक्रम पर रायपुर में कानूनी कार्रवाई प्रारंभ की गई जिसमें पहले ही केस दर्ज़ किया जा चुका था और बाद में “सर्व ब्राह्मण समाज” द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर 4 सितंबर को उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
गिरफ़्तारी के बाद भी नंद कुमार बघेल चर्चा में बने रहे, चाहे वो पुलिस हिरासत में ठाठ से खाना खाते हुई वायरल तस्वीर हो, या अन्य सुविधाओं से लैस वातावरण। उस समय ही ये साबित हो गया था, कि भूपेश बघेल ने अपने पिता को रायपुर पुलिस से गिरफ्तारी करवा कर उत्तर प्रदेश की पुलिस और योगी प्रशासन से प्रोटेक्शन दिलवाया था। इसके विपरीत यूपी से निकलने के बाद रायपुर पहुंचने पर जैसे ही नंद कुमार पर योगी सरकार की कार्रवाई की तलवार हटी, रायपुर कोर्ट से उन्हें जमानत भी मिल गई है।
TFI ने पहले ही बताया था कि अपने पिता की गिरफ्तारी मात्र राजनीतिक स्वार्थ के लिए किया गया एक षड्यंत्र था, और सीएम पद पर होने की वजह से भूपेश बघेल ने नैतिकता दिखाने के प्रयास भी किए थे। उन्होंने पिता नंद कुमार की ड्रामे वाली गिरफ्तारी कराते हुए सार्वजानिक रूप से यह भी दिखा दिया कि कोई भी हो कानून सबके लिए एक समान है।
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अब उन्होंने अपने पिता को 15 दिन की न्यायिक हिरासत के बावजूद तीन दिनों में ही जेल से बाहर निकाला। इस प्रकार, यह कहा जा सकता है कि छत्तीसगढ़ के सीएम ने अपने पिता को योगी के प्रकोप से बचाने के लिए गिरफ्तार करवाया था और फिर उन्हें जेल से बाहर निकाला। भूपेश बघेल ने अपने पिता के अपराध पर बड़े-बड़े प्रवचन दिए, और पिता की गिरफ्तारी तक करवाई, वो उनका मात्र एक षडयंत्र था, क्योंकि उन्होंने अपने पिता को बचाने के लिए कानून का ही दुरुपयोग किया है, और अपनी राजनीतिक नौटंकी का एक प्रमाण दिया है।