उदय कोटक के नेतृत्व वाली सरकारी पैनल ने solve किया IL&FS Debt Crisis

उदय कोटक IL&FS मीटिंग

भारत में मोदी सरकार कर्ज में डूबी सरकारी संस्थाओं का कैसे उद्धार कर रही है, इसका एक नया नमूना IL&FS संस्था है, जो एक वक्त कर्ज में डूबी हुई थी, किन्तु उदय कोटक द्वारा संस्था का प्रमुख पद संभालने के बाद लगातार कर्ज डूबे IL&FS की स्थिति सकारात्मक संकेत दे रही है। कोटक ने अपनी सूझ-बूझ के दम पर संस्था को कर्ज से उबारने के लिए प्रयास किए हैं। संभवतः यही कारण है कि मोदी सरकार ने उदय कोटक का कार्यकाल IL&FS के नॉन एग्जक्युटिव चेयरमैन के पद के लिए 6 महीने आगे बढ़ा दिया है। 3 अक्टूबर को खत्म हो रहा उदय कोटक का कार्यकाल अब 6 महीने और जारी रहेगा, जो कि IL&FS के लिए एक सकारात्मक संकेत हो सकता है।

IL&FS एक इनफ्रास्ट्रक्चर फाइनेसिंग कंपनी है जिसमें कई निजी बैंक तथा सरकारी बैंकों की भागेदारी है। देश के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए सरकार को लोन देने के मामले में IL&FS की भूमिका अहम मानी जाती है। इसके विपरीत एक यथार्थ सत्य ये भी है कि ये संस्था पुरानी कार्यशैलियों के कारण स्वयं कर्जे में आ गई है। इसको कर्ज मुक्त कराने का विश्वास मोदी सरकार ने कोटक महिंद्रा बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर उदय कोटक पर दिखाया है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि IL&FS के प्रमुख के तौर पर उदय का कार्यकाल मोदी सरकार लगातार बढ़ा रही है।

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मोदी  सरकार ने उदय कोटक को वर्ष 2018 में लेंडर बोर्ड के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया था, जिससे वो बोर्ड को संभालने में दिक्कतों और कंपनी को कर्ज की कठिनाइयों से बाहर निकालने में मदद कर सकें। ऐसे में पिछले वर्ष इनका कार्यकाल एक वर्ष के लिए बढ़ाया गया था, ठीक उसी तरह अब मोदी सरकार ने एक बार पुनः उदय कोटक का कार्यकाल 6 महीने बढ़ा दिया है। सरकार के वित्त मंत्रालय के वित्त सेवा विभाग ने अपने नोटिफिकेशन में बताया कि 3 अक्टूबर 2021 को खत्म हो रहा IL&FS  के नॉन एग्जिक्यूटिव चेयरपर्सन उदय कोटक कार्यकाल अब 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है।

मोदी सरकार का ये फैसला दर्शाता है कि कैसे उदय कोटक सरकार की उम्मीदों पर खरें उतर रहे हैं। उनका काम था, संस्थान के संचालन में कठिनाइयों को खत्म करने के अलावा कर्ज का भार भी कम किया है। इतना ही नहीं, संस्था अन्य कंपनियों से अपना दिया हुआ कर्ज भी तेजी के साथ वसूल रही है। NEWS18 की रिपोर्ट बताती है कि  IL&FS ने कुल 99 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा के कर्ज में से 43,000 करोड़ का निपटारा कर दिया है। इसके साथ ही संस्था ने कर्ज वसूली लक्ष्‍य में 5000 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की है।

वित्‍त वर्ष 2021-22 के लिए कंपनी का कर्ज वसूली लक्ष्‍य 56,000 करोड़ से बढ़कर 61,000 करोड़ रुपये हो गया है। कंपनी ने अपने ऐसेट्स बेचकर और दूसरे श्रोतों से मिली नकदी से कर्ज भुगतान किया है। संस्थान का कहना है कि उसने कर्ज की 44 फीसदी राशि का भुगतान कर दिया है। वहीं इस संस्थान के अंतर्गत आने वाली कंपनियों के पेमेंट न होने पर ही IL&FS डिफॉल्टर की श्रेणी में आ गया था। ऐसे में 2018 के बाद से संस्थान की मुसीबतों को कम करने में मुख्य योगदान उदय कोटक का है।

अक्टूबर 2018 तक IL&FS समूह के तहत कुल 347 इकाइयों में से कुल 186 इकाइयाओं मसले हल हो चुके हैं। जबकि शेष 161 इकाइयां समाधान के विभिन्न चरणों में हैं। IL&FS समाधान प्रक्रिया से समूह के कुल ऋण के लगभग 61% की कर्जमुक्ति और वसूली IBC के नियमों के तहत कर्जदारों के औसत 39 प्रतिशत से अधिक बेहतर है।

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उदय कोटक की कार्यकुशलता का ही नतीजा है कि 44 फीसदी से ज्यादा का कर्ज चुका IL&FS  इस स्थिति में आने वाला है, कि वो बचा हुआ कर्ज भी जल्द ही चुका है। इस सफलता की हीरो अर्थात उदय कोटक के कार्यों को अब मोदी सरकार ने भी सराहा है, और नॉन एग्जिक्यूटिव चेयरपर्सन के पद के लिए उनका कार्यकाल 6 महीने तक बढ़ाना इस बात का स्पष्ट उदाहरण है।

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