हमारे देश भारत का विकास हर कोई कर रहा है। सरकारी विभागों से लेकर निजी क्षेत्र में काम करने वाला भी हमारे देश को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मजबूत कर रहा है। सामाजिक, न्यायिक, राजनीतिक रूप से हर व्यक्ति देश के निर्माण में लगा हुआ है, लेकिन इस वक़्त देश में आर्थिक मोर्चे पर जो काम हो रहा है वह सराहनीय नहीं, बल्कि अद्वितीय है। भारत आर्थिक पैमाने पर बढ़िया काम कर रहा है। यह बात हम सभी को मालूम है और हर प्रकार के आंकड़ो से यही पता चल रहा है कि भारत आर्थिक महाशक्ति बनने को तैयार है। अब स्टार्टअप और एंटरप्रेन्योरशिप से देश में विकास की महागाथा लिखी जा रही है। स्टार्टअप्स का मतलब है नए व्यापारिक तौर तरीकों से पैसा और रोजगार बनाना।
बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भविष्य में अगर याद किया जाएगा तो उसका प्रमुख कारण स्टार्टअप्स भी होगा। आज भारत, अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बन गया है और इसकी नींव सरकार द्वारा 2015 में ही रख दी गई थी। मोदी सरकार ने देश की युवा आबादी में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए स्टार्टअप इंडिया (अगस्त 2015) और स्टैंडअप इंडिया (अप्रैल 2016) नाम से दो कार्यक्रम शुरू किए थे। स्टार्टअप इंडिया में नए व्यापारिक विचारों को फंडिंग, इंसेंटिव, रिसर्च एंड डिवेलपमेंट की सुविधा प्रदान की जाती है। ये योजनाएं नवाचार, उत्पादकता को उत्प्रेरित कर रही हैं और बड़ी संख्या में रोजगार सृजित कर रही हैं। भारतीय बाजार में निवेशकों के भरोसे के लिए भी सरकार आश्वासन देती रही है और इसी सरकारी नीति के कारण भारत में से स्टार्टअप उभर रहे हैं।
भारत में मौजूद स्टार्टअप्स का मूल्यांकन अरबों डॉलर में चल रहा है, जिनमें से 50 से अधिक का मूल्यांकन किया गया है और इस साल तो रिकार्डतोड़ 26 यूनिकॉर्न कंपनी दर्ज की गई है। इससे पहले की आप परेशान हो, यूनिकॉर्न कम्पनियां उनको कहा जाता है जिनका मार्किट कैपिटल एक बिलियन डॉलर (7.5 हजार करोड़) से अधिक होता है।
DPIIT के तहत स्टार्टअप के रूप में पंजीकृत कंपनियों की कुल संख्या 50,000 से अधिक है और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऑनलाइन खाद्य वितरण कंपनी, जोमैटो द्वारा सफल शुरुआत और स्टॉक मार्केट लिस्टिंग के बाद Paytm, Nykaa जैसे कई और स्टार्टअप लिस्टिंग पर नजर गड़ाए हुए हैं।
भाजपा ने 2019 के आम चुनाव घोषणापत्र में स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने पर काफी जोर दिया था। स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए, भाजपा ने उद्यमियों को 50 लाख रुपये तक के संपार्श्विक मुक्त ऋण (collateral free loans) का वादा किया। किसी भी ऐसे आईडिया जिससे व्यापार किया जा सकता है, उसके ब्लूप्रिंट के आधार पर पैसा उठाया जा सकता है। पार्टी ने 20,000 करोड़ रुपये की राशि से एक सीड स्टार्टअप फंड स्थापित करने का भी वादा किया। “हम 20,000 करोड़ के ‘सीड स्टॉप फंड’ के निर्माण के माध्यम से स्टॉप्स को बढ़ावा देना और प्रोत्साहित करना जारी रखेंगे,” घोषणापत्र में यह बातें कही गई थी।
जून तिमाही में स्टार्टअप्स ने 6.7 बिलियन डॉलर का बाहरी निवेश जुटाया है। आज भारत में 41 हजार से ज्यादा स्टार्टअप्स ने मिलकर 4 लाख 70 हजार रोजगार को तैयार किया है। स्टार्टअप इंडिया ने 2017 में लोगों के बीच से एंटरप्रेन्योर को चुनने के लिए स्टार्टअप यात्रा की शुरुआत की थी, जिसमें 23 राज्यों के 207 जिलों में जाकर 78, 346 एंटरप्रेन्योर को लाभ मिला है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था का केंद्र बनने के लिए भारत को ऐसे योजनाओं में ज्यादा पैसा और मेहनत करना चाहिए। बॉब वोन डिजक जैसे बड़े विश्वस्तरीय निवेशक अब भारत के स्टार्टअप्स की तारीफ कर रहे है। उन्होंने बताया की भारत मे किसी भी स्तर पर पैसा लाकर लाभ कमाया जा सकता है। उन्होंने 4.7 बिलियन डॉलर में एक भारतीय कम्पनी को खरीद लिया है।
स्टार्टअप के और भी लाभ है। संयुक्त राज्य अमेरिका में भारत के राजदूत, तरनजीत सिंह संधू के अनुसार, भारतीय स्टार्टअप भारत-अमेरिका संबंधों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा स्पेस क्षेत्र से लेकर कई नये क्षेत्रों में नए नए विचार सामने आ रहे है। उनसे पैसा कमाया जा रहा है, उनसे रोजगार विकसित किया जा रहा है। अगर ऐसी योजनाएं नहीं होती तो शायद वो कभी भी बाहर नहीं आ पाती। नरेंद्र मोदी से प्रेरित होकर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बुधवार को ‘इनोवेशन मिशन पंजाब’ (आईएमपंजाब) की पेशकश की है। यह एक सार्वजनिक-निजी भागीदारी होगी जिसके तहत वैश्विक निवेशकों और विशेषज्ञों के जरिये स्टार्टअप को मजबूती देने का प्रयास होगा।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी नई नीति के जरिए गोवा सरकार ने वर्ष 2025 तक राज्य को एशिया में टॉप 25 स्टार्टअप डेस्टिनेशन में स्थान दिलाने का लक्ष्य तय किया है। गोवा में फिलहाल 111 स्टार्ट अप बेहतर कार्य कर रहे हैं। अगले तीन वर्षों में 500 से अधिक स्टार्टअप को सर्टिफाइड करने की योजना है
ये आर्थिक महाशक्ति बनने की शुरूआत है। जितने ज्यादा स्टार्टअप होंगे उतना ही ज्यादा रोजगार होगा। जो काम अमेरिका ने आज से 80 साल पहले किया, यूरोप ने 70 साल पहले शुरू किया, इजरायल ने 30 साल पहले शुरू किया वो देर से ही सही, भारत में भी शुरू हो गया है।