TFIPOST English
TFIPOST Global
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Bajrang Punia

    बजरंग पूनिया ने चुपचाप मांगी माफी, जानिए क्या था मानहानि का मामला?

    कांग्रेस और ममता ने BJP के कथित अभियान को लेकर सवाल उठाए थे

    ‘घर-घर सिंदूर’: दैनिक भास्कर ने तो माफी मांग ली, ममता और कांग्रेस कब मांगेंगे?

    Kolkata Police arrested Sharmistha Panoli from Gurugram

    माफी से नहीं बनी बात! शर्मिष्ठा पनौली गुरुग्राम से गिरफ्तार, कोलकाता पुलिस का एक्शन

    Corona New Variant

    कोरोना का तांडव शुरू: देशभर में 24 घंटे के भीतर 7 लोगों की मौत, दिल्ली में बुजुर्ग ने तोड़ा दम

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    आधुनिक सैन्य प्रणालियों का निरीक्षण करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इस्तेमाल होने वाले ‘मेड इन इंडिया’ लूटरिंग म्यूनिशन्स का सेनाध्यक्ष ने किया मुआयना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कैलाशहर एयरपोर्ट

    ‘चिकन नेक’ तक आया ड्रैगन तो भारत ने 3 दशक पुराने ‘हथियार’ को फिर से किया एक्टिव, जिसने कभी PAK के किये थे दो टूकड़े अब चीन को देगा मुंहतोड़ जवाब

    operation sindoor china pakistan

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद धर्म संकट में ड्रैगन! क्या हथियार व्यापार में पाकिस्तान को धोखा दे रहा है चीन?

    व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने वॉशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान संबोधित किया (फोटो: सिन्हुआ)

    White House ने एक और जंग रुकवाने का किया दावा, इज़रायल ने अस्थायी युद्धविराम को दी हरी झंडी, गाज़ा में जगी शांति की उम्मीद!

    America Chine communist visas

    कम्युनिस्ट विचार पर अमेरिका का प्रहार, चीनी छात्रों का वीजा होगा रद्द; रुबियो ने बताया कारण

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    करियप्पा को उनके रिश्तेदार 'चिम्मा' कहकर बुलाते थे

    नेहरू के विरोध के बावजूद भारतीय सेना के पहले हिंदुस्तानी कमांडर-इन-चीफ कैसे बने करियप्पा? अंग्रेज अफसरों को फौज की कमान क्यों सौंपना चाहते थे नेहरू?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    IPL 2025 Suspended

    भारत पाकिस्तान तनाव के बीच IPL-2025 सस्पेंड, बचे हुए थे 16 मैच

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
tfipost.in
  • राजनीति
    • सभी
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
    Bajrang Punia

    बजरंग पूनिया ने चुपचाप मांगी माफी, जानिए क्या था मानहानि का मामला?

    कांग्रेस और ममता ने BJP के कथित अभियान को लेकर सवाल उठाए थे

    ‘घर-घर सिंदूर’: दैनिक भास्कर ने तो माफी मांग ली, ममता और कांग्रेस कब मांगेंगे?

    Kolkata Police arrested Sharmistha Panoli from Gurugram

    माफी से नहीं बनी बात! शर्मिष्ठा पनौली गुरुग्राम से गिरफ्तार, कोलकाता पुलिस का एक्शन

    Corona New Variant

    कोरोना का तांडव शुरू: देशभर में 24 घंटे के भीतर 7 लोगों की मौत, दिल्ली में बुजुर्ग ने तोड़ा दम

    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • सभी
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
    6.5% GDP वृद्धि का अनुमान

    वित्त वर्ष 2026 में 6.5% GDP वृद्धि का अनुमान: घरेलू मांग में सुधार भारत की विकास रफ्तार का प्रमुख इंजन बन सकता है – क्रिसिल

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    भारत ने रचा इतिहास, $4 ट्रिलियन की GDP के साथ बना दुनिया की चौथी बड़ी आर्थिक महाशक्ति

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    वैश्विक अस्थिरता के बीच मजबूत भारतीय अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में GDP वृद्धि 6.5% तक पहुंचने की संभावना

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी

    चीन-तुर्की को बहुत महंगी पड़ रही पाकिस्तान से हमदर्दी: सेलेबी के शेयर दो दिन में 20% लुढ़के तो वहीं चीनी डिफेंस मार्केट में हाहाकार

    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • सभी
    • आयुध
    • रणनीति
    Air Chief Marshal Amarpreet Singh

    एयरचीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह की चिंता जायज, जानिए क्यों समय से पूरे नहीं हो पाते रक्षा प्रोजेक्ट?

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    2047 तक छह गुना बढ़ जाएगा भारत का रक्षा उत्पादन, ₹32 लाख करोड़ होगा डिफेंस बजट: रिपोर्ट

    Brahmos

    ब्रह्मोस को लेकर रूस के राजदूत का बड़ा दावा! भारत के साथ मिलकर बना रहे खतरनाक हथियार

    आधुनिक सैन्य प्रणालियों का निरीक्षण करते हुए सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी

    ऑपरेशन सिंदूर में पहली बार इस्तेमाल होने वाले ‘मेड इन इंडिया’ लूटरिंग म्यूनिशन्स का सेनाध्यक्ष ने किया मुआयना

    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • सभी
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
    कैलाशहर एयरपोर्ट

    ‘चिकन नेक’ तक आया ड्रैगन तो भारत ने 3 दशक पुराने ‘हथियार’ को फिर से किया एक्टिव, जिसने कभी PAK के किये थे दो टूकड़े अब चीन को देगा मुंहतोड़ जवाब

    operation sindoor china pakistan

    ऑपरेशन सिंदूर के बाद धर्म संकट में ड्रैगन! क्या हथियार व्यापार में पाकिस्तान को धोखा दे रहा है चीन?

    व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने वॉशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस में एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान संबोधित किया (फोटो: सिन्हुआ)

    White House ने एक और जंग रुकवाने का किया दावा, इज़रायल ने अस्थायी युद्धविराम को दी हरी झंडी, गाज़ा में जगी शांति की उम्मीद!

    America Chine communist visas

    कम्युनिस्ट विचार पर अमेरिका का प्रहार, चीनी छात्रों का वीजा होगा रद्द; रुबियो ने बताया कारण

    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • सभी
    • इतिहास
    • संस्कृति
    संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू

    नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

    1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)

    अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

    कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954

    ‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

    करियप्पा को उनके रिश्तेदार 'चिम्मा' कहकर बुलाते थे

    नेहरू के विरोध के बावजूद भारतीय सेना के पहले हिंदुस्तानी कमांडर-इन-चीफ कैसे बने करियप्पा? अंग्रेज अफसरों को फौज की कमान क्यों सौंपना चाहते थे नेहरू?

    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • सभी
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
    अमेरिका में iPhone बनाना एक जटिल प्रक्रिया हो सकती है

    अमेरिका में बनने लगे iPhone तो क्या हो सकती है कीमत?

    Saudi Arabia AI Clinic

    क्या डॉक्टरों की जगह ले रहा है AI? सऊदी अरब में खुला पहला आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्लीनिक

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    जो बाइडन को हुआ ‘तेज़ी से फैलने वाला’ प्रोस्टेट कैंसर; जानें क्या हैं इसके लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव?

    IPL 2025 Suspended

    भारत पाकिस्तान तनाव के बीच IPL-2025 सस्पेंड, बचे हुए थे 16 मैच

    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
tfipost.in
tfipost.in
कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • रक्षा
  • विश्व
  • ज्ञान
  • बैठक
  • प्रीमियम

मोपला नरसंहार: कैसे टीपू सुल्तान और उसके पिता हैदर अली ने मोपला नरसंहार के बीज बोए थे

भाग-1

Aniket Raj द्वारा Aniket Raj
14 September 2021
in इतिहास
मोपला नरसंहार
Share on FacebookShare on X

जब भी बात दंगों की होती है, तो हमें सबसे पहले 2002 स्मरण कराया जाता है। हमारे देश में अनेक दंगे, अनेक नरसंहार हुए, परंतु उन्हें हमारी स्मृतियों से ऐसे हटाया गया जैसे रेत पर बने किसी चित्र को समुद्र की लहर हटाती है। ऐसा ही एक नरसंहार केरल के मालाबार में किया गया था। एक ऐसा नरसंहार जो आरंभ तो तुर्की के खलीफा के नाम पर किया गया था परंतु निशाने पर थे मालाबार के हिन्दू। हमारी स्मृतियों से मोपला के नरसंहार को कब निष्कासित किया गया, तथा कब वह एक हिंदू विरोधी नरसंहार से एक ‘कृषि विरोधी’ आंदोलन में परिवर्तित हो गया, हमें आभास भी नहीं होने दिया गया।

मोपला नरसंहार इस्लामिक क्रूरता और धर्मान्धता का सबसे वीभत्स उदाहरण है। ये दंगे खिलाफत, जिहाद, इस्लामी चरमपंथ और उन्माद जैसे सभी अवधारणाओं की विकृत और निकृष्टतम प्रस्तुतीकरण है जिसकी नींव 150 वर्ष पहले ही हैदर अली के शासन काल में पड़ी थी। ये दंगे एक नृशंस धार्मिक नरसंहार को कृषक-विद्रोह और छद्मराष्ट्रवाद में परिवर्तित करने की कहानी मात्र ही नहीं अपितु जिहादियों की महिमा गाथा भी है। एक आम भारतीय इन्हें वस्तुतः एक सामान्य सांप्रदायिक दंगे के रूप में देखता है। स्वाधीनता पश्चात वाम और ‘’वाम के हाथ’’ अर्थात कांग्रेस के मध्य झूलती शिक्षा व्यवस्था से यही अपेक्षित भी था। परंतु अब भावी पीढ़ियाँ राष्ट्रीय और बौद्धिक पुनर्जागरण के मध्य खड़ी हैं। अतः जनप्रबोधन अत्यंत आवश्यक है जिससे कि अनभिज्ञता का ये आवरण हटे और शीघ्रताशीघ्र इन दंगों के पीछे का सच और सिद्धांत दोनों सामने आये। इस वर्ष इस नरसंहार के 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं, इसलिए यह आवश्यक है कि जनमानस इस वीभत्स नरसंहार से अवगत हो।

संबंधितपोस्ट

मृत पति का चेहरा तक नहीं देख पाईं, अंग्रेज़ों को हराने वाली पहली रानी: कहानी वेलु नचियार और उनकी ‘महिला सेना’ की

“वोट के लिए हमारे पूर्वजों को अपमानित किया जा रहा”, टीपू सुल्तान के कथित वंशज राजनेताओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे

कर्नाटक में अब ‘सलाम आरती’ नहीं ‘सांध्य आरती’ होगी

और लोड करें

केरल के मालाबार में हुए नरसंहार की कोरी कल्पना भी रोम-रोम में भय का संचार करती है। ये नरसंहार हत्या का वो तांडव था जिससे मनुष्य की अंतरात्मा तक कांप उठे। आज के प्रथम अंक में मैं आपको बताऊंगा कि कैसे मोपला दंगों की नींव मैसूर में पड़ चुकी थी, जब दंगों से 150 वर्ष पूर्व सुल्तान हैदर अली और उसके बाद उसके बेटे टीपू सुल्तान का शासन था।

हैदर अली का आतंक

मोपला दंगो के पीछे टीपू और उसके पिता हैदर अली की भूमिका से पूर्व ये जानना नितान्त आवश्यक है कि मोपला कौन थे और दंगे कहा हुए। 1921 के केरल में मालाबार नाम का एक ज़िला था जिसमें 10 तालुकाएँ थी। 10 तालुकाओं से मिलकर बने इस मालाबार क्षेत्र में मुसलमानों की मजबूत उपस्थिति है। मोपला मुसलमानों का प्रादुर्भाव यहाँ लगभग 600 AD में 15 इस्लाम प्रचारकों का एक दल के साथ हुआ जिसका नेतृत्व मलिक-इब्न-दीनार कर रहे थे।

यह दल क्रैंगानोर पर उतरा और समकालीन शासकों से बसने और धर्म प्रचार की अनुमति प्राप्त की। उसने मालाबार और दक्षिण केनरा में 10 अलग-अलग स्टेशनों पर दस मस्जिदों का निर्माण किया और साथ ही साथ बड़े पैमाने पर धर्मांतरण भी शुरू किया। इसके परिणामस्वरूप मोपला के नाम से विख्यात मुस्लिमों का उद्भव हुआ। 1921 तक मोपला मालाबार में सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ता समुदाय बन चुका था। इनकी संख्या लगभग 10 लाख थी जो पूरे मालाबार की जनसंख्या का 32 प्रतिशत थी। अधिकांश मोपला दक्षिण मालाबार में केंद्रित थे। जिहाद के केंद्र एरनाड तालुके में इनकी संख्या कुल संख्या का 60 प्रतिशत था।

अब तार्किक अन्वेषण के माध्यम से यह समझने का प्रयत्न करते हैं कि आखिर कैसे मालाबार क्षेत्रों में इस्लाम का प्रादुर्भाव हुआ और हैदर अली तथा उसके पुत्र टीपू सुल्तान की इसमें क्या भूमिका रही?

मालाबार के संकटग्रस्त इतिहास में औपनिवेशिक साम्राज्यवाद से भी वीभत्स अध्याय हैदर अली और उसके पुत्र टीपू के आगमन से आरम्भ होता है। इस घटना का आरंभ तब हुआ जब हैदर अली अपने ही राजा, मैसूर के वोडेयार की पीठ में छुरा घोंप सिंहासन पर बैठ गया और स्वयं को सुल्तान घोषित कर दिया। यह समाचार अली राजा के कानों में मधुर संगीत की तरह बज उठा। उन्होंने कोल्लाथिरियों के साथ पुराने द्वंद चुकता करने का अवसर देखा और हैदर अली को आमंत्रण भेज दिया। अली राजा हैदर अली का विश्वासपात्र सहयोगी था जिसे बाद में हैदर ने उच्च पदों पर आसीन कर पुरस्कृत किया।

यही नहीं अली राजा ने कन्नूर की एक मस्जिद के ऊपर एक सुनहरा शिखर इस्लाम का पहला पताका फहराया। यह “हिंदू धर्म” को दिया गया “सबसे बड़ा अपमान” था क्योंकि उस समय पूरे मालाबार में “प्रमुख शिवालयों” के अलावा किसी भी संरचना पर स्वर्ण शिखरों का निर्माण स्थापित संस्कृति के विरुद्ध था। जनवरी 1763 को, अंग्रेजों को खुफिया जानकारी से जानकारी मिली कि अली राजा हैदर अली को मालाबार पर आक्रमण करने के लिए मनाने में व्यस्त था और वह विजय में उसका सबसे ठोस सहयोगी होगा।

1765 के अंत तक, हैदर अली ने अली राजा को हाई एडमिरल के रूप में नियुक्त किया और फरवरी 1766 के तीसरे सप्ताह में, हैदर अली ने मालाबार में विध्वंश किया। अली राजा के 12,000 मोपिलाओं ने हैदर अली की सेना को मालाबार का मार्ग दिखाने वाले स्काउट्स के रूप में कार्य किया। तत्कालीन कोल्लाथिरी का शाही परिवार चार कारणों से असहाय था। एक, वे हैदर के इस्लामी आक्रमण के परिणामों से पूरी तरह अवगत थे। दूसरा, उन्होंने कुन्हिमंगलम में हिंदू मंदिर के भाग्य के बारे में सुना था जिसे हैदर अली ने अपवित्र कर नष्ट कर दिया था। तीसरा, अली राजा ने चिरक्कल में उनके महल को अपने अधीन कर लिया था और परिवार के सभी सदस्यों को वहां कैद कर लिया था तथा चौथा उन्होंने टेलिचेरी से हिंदुओं की बड़ी संख्या के भागने की खबर सुनी थी।

हैदर अली के आक्रमण को स्थानीय मोपिलाओं द्वारा हर जगह सहायता प्रदान की गयी। कोट्टायम में, हिंदू राजा के मोपिला सैनिकों ने उन्हें छोड़ दिया और विश्वासघात कर हैदर अली के पक्ष में आ गए। तब हैदर अली ने ऐसा मौत का तांडव किया कि चारों दिशाओं में बिखरे हुए अंग और कटे-फटे शरीर से समस्त भू पटा पड़ा था। महिलाओं या बच्चों तक को नहीं छोड़ा गया। सर्वत्र लूट मार, अराजकता और ऐसी निरंकुशता कि हृदय काँप उठे।

और पढ़ें: मोपला दंगों के 100 साल, पर आज भी केरल में कुछ नहीं बदला है

टीपू की पशुता और विभीषिका

इसके बाद, हैदर अली के बेटे, टीपू सुल्तान ने 1789-90 में मालाबार को रक्तरंजित किया, जिसका वर्णन संदीप बालाकृष्णन ने अपनी पुस्तक ‘टीपू सुल्तान: मैसूर के तानाशाह’ में विस्तृत रूप से किया है। टीपू को उसके हिंदू नरसंहार में कन्नूर बीबी (मृतक अली राजा की पत्नी) द्वारा भी सहायता प्रदान की गई थी, जिनके टीपू के साथ अवैध सम्बन्ध होने की किवदंती भी प्रचलित थी। एक तरफ उसने अंग्रेजों से दोस्ती करने का नाटक किया और दूसरी तरफ उसने अपनी बेटी की शादी टीपू से कर दी। मैसूर विजय के दौरान टीपू सुल्तान के आदेश के तहत बलपूर्वक धर्मांतरण शुरू किया गया था तथा यही से नींव पड़ी 1921 के मोपला दंगों की।

मार्च 1789 में 19,000 मैसूरी सैनिकों की टुकड़ी ने 2000 नायरों को सपरिवार कुट्टीपुरम के एक पुराने किले में घेर लिया। यह किला कदथनाद राजपरिवार का मुख्यालय भी था। नायरों ने अदम्य साहस का प्रदर्शन करते हुए कई दिनों तक इस किले का बचाव भी किया। परंतु , मालाबार मैनुअल में उल्लेखित एक उद्धरण के अनुसार, “आखिरकार, किले के बचाव में स्वयं को असमर्थ पाते हुए, उन्होंने टीपू के सामने घुटने टेक दिए तथा स्वैच्छिक धर्मांतरण, सामूहिक निर्वासन या मृत्यु में से धर्मांतरण का चुनाव किया। अगले दिन सभी पुरुषों का खतना किया गया। पुरुषों और महिलाओं, दोनों को गोमांस खाकर समारोह समाप्ति के लिए विवश किया गया। इस उपलब्धि को सेना की अन्य टुकड़ियों के लिए मानक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया गया। ईसाई और मूर्तिपूजक महिलाओं की शादी बलपूर्वक मुस्लिमों से की गई।” तलवार की नोक पर आरंभ हुआ धर्मांतरण का यह क्रम मोपला दंगों की नींव मजबूत करता गया।

तलवार की नोंक पर धर्मांतरण

टीपू ने पूरे मालाबार को मुस्लिम देश में बदलने की बार-बार प्रतिज्ञा की थी और वह सफल भी होता परंतु 18 मार्च, 1792 की संधि के तहत टीपू को मालाबार को ईस्ट इंडिया कंपनी को सौंपना पड़ा। संधि के बाद, त्रावणकोर में शरण लेने वाले कई हिंदू अपने घरों को लौट गए। हालांकि, संकट अभी समाप्त नहीं हुआ था। मालाबार मैनुअल में उल्लेखित एक अन्य उद्धरण के अनुसार “हिंदुओं के लिए संकट समय के साथ विकराल स्वरुप लेती गयी। उपलब्ध रिकॉर्ड से हम पाते हैं कि एरनाड और वल्लुवनद जैसे मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में मोपलाओं द्वारा धार्मिक उन्माद और धर्मान्तरण (हल इलकाम) का कार्य एक पेशे के तौर पर चलता रहा। लोगों को बलपूर्वक मुस्लिम संप्रदाय अपनाने पर मजबूर कर दिया गया। इस्लामिक क्रूरता के केंद्र स्थलों में रहने वाले हिंदु इस प्रकार भयाक्रांत थे कि अधिकतर अपने अधिकार के लिए प्रतिकार तक नहीं करते और न मोपला मुस्लिमों से भू-किराया लेते हैं, क्योंकि उन्हें अपने भू-स्वामित्व छीनने का भय सताता रहा। हिन्दू समाज को अन्य चोटें भी लगी हैं और लगती रहती है परंतु भय की पराकष्ठा देखिये, उलाहना तक नहीं की गई।”

टीपू और उसके पिता हैदर अली का उद्देश्य सिर्फ मालाबार विजय नहीं अपितु इस क्षेत्र में कट्टर इस्लामिक शासन की स्थापना था। जब तक एक भी काफिर बचा है, उनकी विजय पूर्ण नहीं थी। अतः वृहद स्तर पर बलपूर्वक धर्मांतरण कराया गया। जो नहीं माने उन्हें या तो मार दिया गया या निर्वासित कर दिया गया। जो रुके उन पर कर का बोझ डाला गया। जनसांख्यिकी को छल, बल, जिहाद और धर्मांतरण के अथक प्रयासों से बदला गया। इसमें ‘दक्षिण के औरंगजेब’ को आशातीत सफलता भी मिली जिसका परिणाम आज भी केरल की जनसंख्या और सामाजिक व्यवस्था पर दिखता है। इन दोनों शासकों के कुकृत्य का ही परिणाम था कि ”देवों के देश” में उन्माद और धर्मांधता की नींव पड़ी और इसी नींव की परिणीत मोपला दंगों के रूप में हुई।

और पढ़ें: कम्युनिस्ट केरल में हिंदुओं को ड़राने के लिए कट्टर इस्लामिस्टों ने मोपला नरसंहार का किया रूपान्तरण

निष्कर्ष

इतिहास ऐसे ढेरों उल्लेख, उद्धरणों, साक्ष्यों तथा प्रमाणों से पटा पड़ा है। शब्दकोश में शब्द कम पड़ेंगे और इतिहास के पास प्रमाण। आवश्यकता है तो बस आपको अपने चेतना को झकझोरने की। सच आपके सामने ही खड़ा है। मोपला दंगों इस अंक में हमने टीपू और हैदर के भूमिका की विस्तारपूर्वक चर्चा की है। अगले अंक में हम इससे भी बड़े कुकृत्य के बारे में चर्चा करेंगे। आखिर कैसे वाम और ”वाम के हाथ’ अर्थात काँग्रेस नें इस घटना को न सिर्फ छुपाया बल्कि छद्म राष्ट्रवाद और कृषक विद्रोह के नाम पर इस्लामी कट्टरपंथियों का महिमामंडन किया?

 

Tags: टीपू सुल्तानमोपला नरसंहारहैदर अली
शेयर500ट्वीटभेजिए
पिछली पोस्ट

‘विदेशी टैग’ के कारण भारतीय कोरियाई आयुर्वेदिक ब्यूटी प्रोडक्ट्स ख़ुशी-ख़ुशी खरीद रहे

अगली पोस्ट

भारत में अपना अस्तित्व खोने के मुहाने पर खड़े वामपंथी Media Portals को बढ़ावा देने की दिशा में गूगल का बड़ा कदम

संबंधित पोस्ट

संघ के दूसरे प्रमुख गोलवालकर और जवाहरलाल नेहरू
इतिहास

नेहरू की निष्क्रियता से 1947 के बाद भी 14 वर्षों तक गुलाम रहा गोवा, RSS ने आज़ादी में निभाई अहम भूमिका

30 May 2025

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के बड़े नेताओं ने शुक्रवार (30 मई) को गोवा के स्थापना दिवस के मौके पर बधाई दी...

1950 में जेल से रिहा किए जाने के बाद सावरकर (चित्र: savarkar.org)
इतिहास

अंग्रेज़ों की ही नहीं, नेहरू सरकार की कैद में भी महीनों रहे थे सावरकर

28 May 2025

जब विनायक दामोदर सावरकर यानी वीर सावरकर को ब्रिटिश सरकार ने अंडमान की सेलुलर जेल में कैद किया, तब उन्होंने कल्पना भी नहीं की होगी...

कंबोडिया के बंतेय श्री मंदिर के चौखट पर बैठे जवाहरलाल नेहरू, नवंबर 1954
इतिहास

‘महाभारत में बीफ परोसने का उल्लेख’: जानें हिंदुत्व, रामायण, महाभारत और गीता को लेकर क्या थी नेहरू की राय?

27 May 2025

देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की आज (27 मई) 61वीं पुण्यतिथि है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस और बीजेपी के तमाम बड़े...

और लोड करें

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

I agree to the Terms of use and Privacy Policy.
This site is protected by reCAPTCHA and the Google Privacy Policy and Terms of Service apply.

इस समय चल रहा है

Pakistan needs money from IMF to feed their people

Pakistan needs money from IMF to feed their people

00:15:20

Vacate PoK and more: Steps Pakistan needs to take to avoid Indian military action

00:06:36

Taking The Wire’s Propaganda Piece on VP to the Cleaners – Feat. Prof. Kapil Kumar

00:09:19

Rahul Gandhi Undermines India’s Electoral Integrity as Trump Applauds It

00:07:09

Why Pakistan army chief reminds two nation theory| what is the plan| Waqf Bill |Asim Munir| Jinnah

00:13:02
फेसबुक एक्स (ट्विटर) इन्स्टाग्राम यूट्यूब
टीऍफ़आईपोस्टtfipost.in
हिंदी खबर - आज के मुख्य समाचार - Hindi Khabar News - Aaj ke Mukhya Samachar
  • About us
  • Careers
  • Brand Partnerships
  • उपयोग की शर्तें
  • निजता नीति
  • साइटमैप

©2025 TFI Media Private Limited

कोई परिणाम नहीं मिला
सभी परिणाम देखें
  • राजनीति
    • चर्चित
    • मत
    • समीक्षा
  • अर्थव्यवस्था
    • वाणिज्य
    • व्यवसाय
  • रक्षा
    • आयुध
    • रणनीति
  • विश्व
    • अफ्रीका
    • अमेरिकाज़
    • एशिया पैसिफिक
    • यूरोप
    • वेस्ट एशिया
    • साउथ एशिया
  • ज्ञान
    • इतिहास
    • संस्कृति
  • बैठक
    • खेल
    • चलचित्र
    • तकनीक
    • भोजन
    • व्यंग
    • स्वास्थ्य
  • प्रीमियम
TFIPOST English
TFIPOST Global

©2025 TFI Media Private Limited