कृषि उत्पादों की निर्यात संभावनाओं को बढ़ावा देने के मामले में भारत काफी आगे निकल चुका है। भारत ने साल 2020-21 की तुलना में 2021-22 (अप्रैल-अगस्त) में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में 21.8 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हासिल की है।
वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय (डीजीसीआईएंडएस) द्वारा जारी त्वरित अनुमानों के अनुसार अप्रैल-अगस्त 2021 के दौरान कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) उत्पादों के कुल निर्यात में 21.8 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
एपीडा उत्पादों का कुल निर्यात अप्रैल-अगस्त 2020 में 6485 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल-अगस्त 2021 में 7902 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है। कोविड-19 प्रतिबंधों के बावजूद निर्यात में यह वृद्धि हासिल की गई है। कृषि निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि को देश के कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता के प्रमाण के रूप में देखा जाता है।
चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पहले पांच महीनें के दौरान कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में भारी उछाल देखे गए। निर्यात में वृद्धि की निरंतरता इस वर्ष सतत बनी हुई है। विश्व व्यापार संगठन के व्यापार मानचित्र के अनुसार वर्ष 2019 में 37 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कुल कृषि-निर्यात के साथ भारत कृषि निर्यात के विश्व रैंकिंग में 9वें स्थान पर है।
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- भारत ने चावल के निर्यात में 13.7 प्रतिशत की सकारात्मक वृद्धि दर्ज की है। चावल के निर्यात में भारत अप्रैल-अगस्त 2020 में 3359 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर अप्रैल-अगस्त 2021 में 3820 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया है।
- ताजे फलों और सब्जियों के निर्यात में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों जैसे अनाज की तैयारी और विविध प्रसंस्कृत वस्तुओं के निर्यात में 41.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। अप्रैल-अगस्त 2020-21 में ताजे फल और सब्जियों का निर्यात 1013 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था जो अप्रैल-अगस्त 2021-22 में बढ़कर 1075 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।
- भारत ने अन्य अनाजों के निर्यात में महत्वपूर्ण 142.1 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की, जबकि मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों के निर्यात में चालू वित्त वर्ष (2021-22) के पहले पांच महीनों में 31.1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
- अन्य अनाज का निर्यात अप्रैल-अगस्त 2020 में USD 157 मिलियन से बढ़कर अप्रैल-अगस्त 2021 में USD 379 मिलियन हो गया। मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात अप्रैल-अगस्त 2020 में USD 1185 मिलियन से बढ़कर अप्रैल में USD 1554 मिलियन हो गया।
- काजू के निर्यात में अप्रैल-अगस्त 2021 में 28.5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। काजू का निर्यात अप्रैल-अगस्त 2020 में 144 मिलियन अमेरिकी डॉलर था जो अप्रैल-अगस्त 2021 में 185 मिलियन अमरीकी डॉलर हो गया है।
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कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरणके प्रयास
वाणिज्य मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाली एपीडा के द्वारा शुरु की गई पहल ने देश को इस मुकाम पर पहुंचाया है। देश ने ऐसे समय में यह उपलब्धि हासिल की है जब COVID-19 महामारी की दूसरी लहर के फैलने के बाद लगाए गए प्रतिबंधों के कारण अधिकांश व्यावसायिक गतिविधियों को भारी झटका लगा है।
एपीडा के विभिन्न पहलों के कारण कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात में वृद्धि देखी जा रही है। जिसमें विभिन्न देशों में B2B प्रदर्शनियों का आयोजन, सक्रिय भागीदारी द्वारा उत्पाद विशिष्ट और सामान्य विपणन अभियानों के माध्यम से नए संभावित बाजारों की खोज करना आदि शामिल है।
एपीडा ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ कृषि और खाद्य उत्पादों पर और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हस्तशिल्प सहित जीआई उत्पादों पर वर्चुअल मीट कर भारत में पंजीकृत भौगोलिक संकेत (जीआई) वाले उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं। एपीडा निर्यात की जाने वाली प्रमुख कृषि वस्तुओं के जीआई उत्पादों को लोकप्रिय बनाने के लिए संभावित आयातक देशों के साथ वर्चुअल क्रेता-विक्रेता सम्मेलन (वीबीएसएम) भी आयोजित करती है।
निर्यात किए जाने वाले उत्पादों के निर्बाध गुणवत्ता प्रमाणन को सुनिश्चित करने के लिए एपीडा ने उत्पादों और निर्यातकों की एक विस्तृत श्रृंखला को परीक्षण की सेवाएं प्रदान करने के लिए पूरे भारत में 220 प्रयोगशालाओं को मान्यता दी है।
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एपीडा निर्यात परीक्षण और अवशेष निगरानी योजनाओं के लिए मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं के उन्नयन और सुदृढ़ीकरण में भी सहायता करता है। एपीडा कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचा विकास, गुणवत्ता सुधार और बाजार विकास की वित्तीय सहायता योजनाओं के तहत भी सहायता प्रदान करता है।
एपीडा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेलों में निर्यातकों की भागीदारी का आयोजन करता है, जो निर्यातकों को वैश्विक बाजार में अपने खाद्य उत्पादों के विपणन के लिए अच्छा एक मंच प्रदान करता है। एपीडा कृषि-निर्यात को बढ़ावा देने के लिए आहार, ऑर्गेनिक वर्ल्ड कांग्रेस, बायोफैच इंडिया आदि जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रमों का भी आयोजन करता है।
एपीडा अंतरराष्ट्रीय बाजार की गुणवत्ता आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु बागवानी उत्पादों के लिए पैक-हाउस का पंजीकरण भी शुरू करता है। एपीडा के द्वारा मूंगफली के छिलके, ग्रेडिंग और प्रसंस्करण इकाइयों के लिए निर्यात इकाइयों का पंजीकरण भी किया जाता है।
एपीडा वैश्विक खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता आवश्यकताओं के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए मांस प्रसंस्करण संयंत्रों और बूचड़खानों का पंजीकरण करता है। एक अन्य प्रमुख पहल में ट्रेसबिलिटी सिस्टम का विकास और कार्यान्वयन शामिल है जो आयात करने वाले देशों की खाद्य सुरक्षा और गुणवत्ता अनुपालन सुनिश्चित करता है। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एपीडा विभिन्न अंतरराष्ट्रीय व्यापार विश्लेषणात्मक सूचनाओं का संकलन और प्रसार करता है और साथ ही निर्यातकों के बीच बाजार पहुंच की जानकारी और व्यापार पूछताछ का समाधान भी करता है l