ओलंपिक एवं पैरालंपिक में भारत के प्रदर्शन के लिहाज से, 2021 एक ऐतिहासिक वर्ष बन गया है क्योंकि ओलंपिक खेलों में मेडल का रिकॉर्ड बनाने से हुई शुरुआत अब पैरालंपिक तक पहुंच चुकी है। पैरालंपिक मे मेडल के लिहाज से भारत एक सुनहरे मुकाम पर पहुंच चुका है, क्योंकि भारत ने इस बार, 42 वर्षों में सर्वाधिक मेडल जीतने का रिकॉर्ड बनाया है। गोल्ड मेडल जीतने वाले मनीष नरवल और प्रमोद भगत एवं रजत पदक जीतने वाले सिंघराज के साथ ही भारत ने इस पैरालंपिक में अब तक रिकॉर्ड 17 पदक प्राप्त कर लिए हैं। ओलंपिक से लेकर पैरालंपिक तक में बन रहे मेडल के नए रिकॉर्ड भारत सरकार की खेलों के प्रति संवेदनशीलता को प्रतिबिम्बित करते हैं।
टोक्यो ओलंपिक 2021 में भारत ने अब तक के सर्वाधिक मेडल जीते हैं। वहीं ओलंपिक से रिकॉर्ड बनाने का ये सिलसिला अब पैरालंपिक में भी जारी है। भारत अब तक इस पैरालंपिक में 17 मेडल जीत चुका है, जो कि देश के लिए रिकॉर्ड गर्व की बात है। भारत क मनीष नरवल ने 50 मीटर मिक्स्ड शूटिंग में स्वर्ण पदक जीता है, वहीं सिंघराज अधाना ने रजत पदक जीतकर भारत की मेडल टेली को इतिहास में दर्ज कर दिया है। इससे पहले अवनि लेखरा शूटिंग में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। खास बात ये है कि इस स्वर्ण पदक के साथ मनीष ने टोक्यो पैरालंपिक में भारत को तीसरा गोल्ड मेडल दिलाया है।
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भारत के पैरालंपिक में जीते पदकों की बात करें तो अब तक भारत 4 स्वर्ण, 7 रजत, एवं 6 कांस्य पदक जीत चुका है। वहीं अभी इस मेडल के ऊपर जाने की संभावनाएं भी बनी हुईं हैं। वीकिपीडिया की रिपोर्ट बताती है कि साल 1972 के बाद ये भारत का सबसे शानदार प्रदर्शन रहा है। इतना ही नहीं, भारत ने एक ही दिन में दो स्वर्ण पदक जीते हैं। भावना पटेल एवं अविनी लेखरा ने एक ही दिन में पदक जीतकर इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है। वहीं तीरंदाजी में पैरालंपिक में मेडल जीत कर हरविंदर सिंह तीरंदाजी में भारत के प्रथम भारतीय Paralympic पदक विजेता बन गए हैं।
इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पदक विजेताओं की जमकर तारीफ करते हुए उन्हें बधाई दी है। पीएम ने ट्वीट कर लिखा, “टोक्यो पैरालिंपिक में भारत का गौरव जारी है। युवा और प्रतिभावान मनीष नरवाल की शानदार उपलब्धि। उनका स्वर्ण पदक जीतना भारतीय खेलों के लिए एक विशेष क्षण है। उन्हें बधाई। आने वाले समय के लिए शुभकामनाएं।”
Glory from the Tokyo #Paralympics continues. Great accomplishment by the young and stupendously talented Manish Narwal. His winning the Gold Medal is a special moment for Indian sports. Congratulations to him. Best wishes for the coming times. #Praise4Para. pic.twitter.com/gGHUXnetWA
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2021
वहीं सिंघराज को बधाई देते हुए उन्होंने लिखा, “उत्कृष्ट सिंहराज अधाना आपनवे कर दिखाया! उन्होंने इस बार मिक्स्ड 50 मीटर पिस्टल एसएच1 इवेंट में एक और पदक जीता। उनके इस कारनामे से भारत खुश है। उन्हें बधाई। उन्हें भविष्य के प्रयासों के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं।”
The outstanding Singhraj Adhana does it again! He wins yet another medal, this time in the Mixed 50m Pistol SH1 event. India rejoices due to his feat. Congrats to him. Wishing him the very best for the future endeavours. #Paralympics #Praise4Para. pic.twitter.com/EWa9gCRaor
— Narendra Modi (@narendramodi) September 4, 2021
इस बार ओलंपिक से लेकर पैरालंपिक तक में भारत का प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा है। मेडल का ये रिकॉर्ड बताता है कि खेलों के प्रति 2014 में सरकार बदलने के बाद मोदी सरकार ने जो कदम उठाए थे, वो अब सकारात्मक परिणाम दे रहे हैं। मोदी सरकार से पहले भारतीय ओलंपिक संघ एवं पैरालंपिक संघ में खूब भ्रष्टाचार होता था, जिस पर मोदी सरकार ने लगाम लगाकर खेलों को प्रोत्साहन दिया गया है। मोदी सरकार द्वारा शुरु किया गया ‘खेलो अभियान’ इसी मुहिम का हिस्सा है।
ऐसा नहीं है कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से सिर्फ इस भ्रष्टाचार पर ही लगाम लगी हो, अपितु योग्य व्यक्तियों को प्रशासन की कमान सौंपी जाने लगी है। जब टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम की अध्यक्षता प्रख्यात लॉन्ग जम्पर अंजू बॉबी जॉर्ज के हाथ में दी गई, तभी लोगों को समझ जाना चाहिए था कि मोदी सरकार के इरादे क्या हैं। ओलंपिक की तरह ही पैरालंपिक में भी मोदी सरकार ने विशेष सक्रियता दिखाई थी, 2016 ओलंपिक के बाद से ही मोदी सरकार का खेल मंत्रालय खेलों में रुचि रखने वालों की प्रतिभा को निखारने के लिए उन्हें एक उचित मंच प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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मीराबाई चानू से लेकर नीरज चोपड़ा और अवनि लेखरा तक, सभी को आर्थिक सहयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके अलावा भारत सरकार द्वारा अच्छे प्रदर्शन पर जिस तरह से खिलाड़ियों का सम्मा किया जाता है, वो भी अन्य युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रोत्साहन का विषय है। दीपा मलिक इस बात का प्रत्यक्ष उदाहरण हैं जिन्होंने 2016 ओलंपिक में रजत पदक जीतकर देश के पैरालंपिक खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया था।
मोदी सरकार के ये सभी कदम अब सकारात्क परिणाम दे रहे हैं, संभवत इसी के चलते मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान 44 वर्षों के बाद भारत ने पैरालंपिक में 12 के रिकॉर्ड को तोड़ते हुए 17 पदक हासिल कर लिए हैं जिसके अभी बढ़ने की संभावना है।