टाइम मैगजीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से पूर्व विश्व के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों की सूची जारी की है जिसमें प्रधानमंत्री मोदी का नाम छापते हुए उन्हें कट्टर हिन्दू नेता बताया गया है। वहीं, दूसरी ओर टाइम मैगजीन ने आतंकी संगठन तालिबान के सबसे बड़े आतंकियों में एक मुल्लाह अब्दुल गनी बरादर को उदार छवि का नेता बताया है। प्रधानमंत्री मोदी और अब्दुल गनी बरादर के अतिरिक्त ममता बनर्जी, अदर पूनावाला, जो बाइडन, कमला हैरिस, डोनाल्ड ट्रंप, इजराइली प्रधानमंत्री नेफ्ताली बेनेट आदि लोग इस सूची में शामिल हैं।
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एक ऐसे समय में जब प्रधानमंत्री अपने अमेरिकी दौरे मैं संयुक्त राष्ट्र को संबोधित करने वाले हैं तथा क्वाड ग्रुप की पहली ऑफलाइन बैठक होने वाली है जिसमें सभी सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष सम्मिलित होंगे, उस समय टाइम मैगजीन का यह कार्य प्रधानमंत्री की छवि को धूमिल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चलाए जा रहे प्रोपोगेंडा वॉर का हिस्सा लगता है।
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टाइम मैगजीन ने पीएम मोदी (Narendra Modi) पर मुस्लिमों के अधिकारों को खत्म करने का आरोप लगाया है और कहा है कि उन्होंने ‘देश को धर्मनिरपेक्षता से हिंदू राष्ट्रवाद की ओर धकेल दिया है।’ इसके अलावा अपने विरुद्ध बोलने वाले पत्रकारों को कैद करने और डराने-धमकाने का भी आरोप लगाया है। साथ ही प्रधानमंत्री पर मानवाधिकार के लिए काम करने वाले NGO आदि पर प्रतिबंध लगाने का आरोप भी लगाया है।
एक ओर विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश में बहुमत के आधार पर बनी सरकार का मुखिया टाइम मैगजीन को कट्टरपंथी लगता है वहीं, दूसरी ओर बंदूक के जोर पर सत्ता कब्जाने वाले आतंकी संगठन तालिबान का प्रमुख सरगना मुल्ला अब्दुल गनी बरादर टाइम मैगजीन को उदारवादी नेता लगता है। बरादर को चमत्कारी मिलिट्री लीडर की संज्ञा दी गई है तथा उसे अफगानिस्तान के भविष्य का आधार बताया गया है।
महत्वपूर्ण बात यह है कि अब्दुल गनी बरादर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों के लिए छपे लेख मुस्लिम पत्रकारों द्वारा लिखे गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी को कटघरे में खड़ा करने वाला लेख भारतीय मुस्लिम एवं अमेरिकी नागरिक फरीद जकारिया ने लिखा है वहीं बरादर के लिए छपा लेख पाकिस्तानी मुसलमान ने लिखा है।
यह पहला मौका नहीं है जब टाइम मैगजीन ने इस तरह की कोई हरकत की है। 2019 में जब प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी दौरे पर जाने वाले थे उसके पूर्व टाइम मैगजीन ने मोदी ‘डिवाइडर इन चीफ’ कहा था। इस बार टाइम मैगजीन ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर न केवल कट्टरपंथी होने का आरोप लगाया है, बल्कि यहां तक आरोप मढ़ा है कि प्रधानमंत्री देश की धर्मनिरपेक्षता के लिए खतरा बन गए हैं।
देखा जाए तो टाइम मैगजीन या पश्चिमी मीडिया के अन्य बड़े नाम जैसे CNN, BBC, न्यूयॉर्क टाइम्स, द गार्जियन आदि ने भारत विरोधी प्रोपेगेंडा को अपना एकसूत्रीय कार्यक्रम बना रखा है।
भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान पश्चिमी मीडिया ने लगातार सरकार विरोधी रिपोर्टिंग की थी और सरकार के प्रयासों को अपनी रिपोर्टिंग में कोई स्थान नहीं दिया था। उस समय श्मशान घाट में जलती चिताओं को इन मीडिया संस्थानों ने अपने प्रथम पृष्ठ पर छापा था, लेकिन जब अमेरिका में हाल में कोरोना की भयावह लहर शुरू हुई तो इन मीडिया संस्थानों ने उसकी रिपोर्टिंग तक नहीं की। यदा-कदा थोड़ी बहुत चर्चा ही हुई।
कोरोना की रिपोर्टिंग हो, कश्मीर की स्थिति, CAA विरोधी आंदोलन हो या किसान आंदोलन, पश्चिमी मीडिया हर मुद्दे पर सरकार विरोधी रिपोर्टिंग ही कर रहा है और हर बार सरकार के विरुद्ध लगाए जाने वाले आरोप भी एक से ही हैं। यह सभी बातें बताती हैं कि यह मीडिया संस्थान पत्रकारिता के स्थान पर योजनाबद्ध प्रोपेगेंडा पर काम कर रहे हैं और टाइम मैगजीन के हालिया प्रकरण ने वैश्विक स्तर पर चलाए जा रहे मोदी विरोधी एजेंडा को एक बार फिर उजागर किया है।