शुक्रवार को भाजपा नेता के लिए गिरफ्तारी के लिए पहुंची बंगाल CID के कुछ अधिकारियों को अलीगढ़ में जमकर पीटा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार शाम को पश्चिम बंगाल सीआईडी के SI सुवासीष दत्त एवं सिपाही आलमगीर न्यायालय से जारी सीआरपीसी की धारा 82 के तहत BJYM के एक नेता योगेश वार्ष्णेय के खिलाफ कुर्की नोटिस/गिरफ्तारी वारंट लेकर अलीगढ़ पहुंचे। पश्चिम बंगाल CID 2017 के एक मामले में योगेश वार्ष्णेय को गिरफ्तार करने पहुंची थी जिसमें उन्होंने ममता बनर्जी के खिलाफ बयान दिया था।
शाम करीब साढ़े सात बजे जब CID के दोनों अधिकारी अचल चौकी के दरोगा व सिपाही को साथ लेकर योगेश वार्ष्णेय के घर पहुंचे। बताया जा रहा है कि स्थानीय चौकी प्रभारी व सिपाही बाहर दरवाजे पर ही रुक गए और पश्चिम बंगाल से आई पुलिस योगेश के घर में उसका नाम पुकारते हुए घुस गई। मौके पर योगेश घर में नहीं थे। जब योगेश वार्ष्णेय की मां और बहन ने पूछा कि आप कौन हैं तो आरोप के मुताबिक उन लोगों ने घर की तलाशी लेते हुए धक्का-मुक्की शुरू कर दी और विरोध किया तो मारपीट कर अभद्रता कर दी। इसी बीच चीख पुकार पर पड़ोस में रहने वाली पार्षद अल्का गुप्ता आईं तो उनके साथ भी अभद्रता व मारपीट की गई।
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जैसे ही यह बात योगेश वार्ष्णेय को मालूम हुई, उसने अपने कार्यकर्ताओं को सचेत कर दिया। मौके पर कार्यकर्ताओं को पहुंचते देर ना लगी और फिर उन्मादी भीड़ द्वारा बंगाल CID के लोगों को पीटा गया। पीटने के बाद उन्हें घर में बंद करके बड़े वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाया गया।
मौके पर सांसद सतीश गौतम, विधायक संजीव राजा, अनिल पाराशर, महानगर अध्यक्ष विवेक सारस्वत, पूर्व मेयर शकुंतला भारती, युवा जिलाध्यक्ष मुकेश लोधी, महानगर अध्यक्ष अमन गुप्ता, प्रतीक चौहान, संजू बजाज, वैभव गौतम आदि पहुंच गए और उन्होंने पहुंचकर हंगामा कर रहे युवा भाजपाई शांत किया और साफ कहा कि कोई योगेश को नहीं ले जाएगा।
भारतीय जनता युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष मुकेश लोधी ने पश्चिम बंगाल पुलिस को सीधी चेतावनी दी है कि वहां की पुलिस योगेश वार्ष्णेय क्या किसी भाजपा कार्यकर्ता को नहीं ले जा सकती है।
बता दें कि योगेश वार्ष्णेय के ममता बनर्जी के खिलाफ बयान पर कोलकाता के टीपू सुल्तान मस्जिद के शाही इमाम सैयद मोहम्मद नुरूर रहमान बरकती ने फतवा जारी करके कहा था कि योगेश वार्ष्णेय का सिर कलम कर लाने वालों को 22 लाख रुपये का ईनाम दिया जाएगा।
मामला 2017 का है। 12 अगस्त 2017 को उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति ममता बनर्जी का सिर कलम करेगा, उसे 11 लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। योगेश वार्ष्णेय के बयान के सियासत में भूचाल आ गया था। मामलें को संज्ञान में लेते हुए, बंगाल पुलिस योगेश को पकड़ने के लिए आई थी लेकिन उस समय भी नेताओं के दबाव में करना मुश्किल हो गया था।