हिंदुओं के प्रति घृणा बॉलीवुड अथवा विज्ञापन जगत का काफी गहरा नाता रहा है। पिछले ही वर्ष हमने देखा था कि कैसे तनिष्क ने लव जिहाद जैसे विषय का उपहास उड़ाने का प्रयास किया था। ये परंपरा अभी भी अनवरत जारी है, और इसी कड़ी में नई एंट्री है मान्यवर की। विवाह और अन्य समारोहों के लिए भारतीय परिधान बनाने के लिए चर्चा में रहने वाली ये कंपनी विराट कोहली से लेकर अनुष्का शर्मा, कार्तिक आर्यन जैसे सितारों तक से विज्ञापन करवा चुकी है, इसके अधिकतम ग्राहक हिन्दू ही रहे हैं, इसके बावजूद मान्यवर ने अपने वर्तमान कन्यादान एड से सनातन धर्म को अपमानित करने का बेहद बचकाना प्रयास है।
मान्यवर के वर्तमान ‘Mohey’ कलेक्शन विज्ञापन में चर्चित अभिनेत्री आलिया भट्ट ‘कन्यादान’ प्रथा का उपहास उड़ाती हुई दिखाई दे रही हैं। ‘ट्रेडिशन वही, सोच नई’ के बैनर तले ये विज्ञापन विवाह में ‘कन्यादान’ की प्रथा को पितृसत्ता का प्रतीक बताते हुए उसका उपहास उड़ाता है, और यहां पर आलिया भट्ट ये कहते हुए दिखाई देती हैं कि क्या कन्या इतनी अयोग्य और अप्रिय है कि उसे दान कर दिया जाए? इसके बाद ‘#KanyaMaan’ का नारा आता है, जिसके अंतर्गत महिलाओं का सम्मान करने की सलाह दी जाती है।
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अब प्रश्न ये उठता है कि इन स्वघोषित समाज सुधारकों को सदैव सनातन धर्म के अनुयाइयों को ही ज्ञान देना होता है? कन्यादान का अर्थ स्पष्ट होता है – अपनी कन्या को वर के हाथ में दान करना अर्थात सौंपना। यदि हम किसी वस्तु का दान करते हैं, तो क्या वो तुच्छ होती है? बिल्कुल नहीं, इसके विपरीत उस वस्तु का अपना मूल्य होता है। सांस्कृतिक तौर पर वर को नारायण का स्वरूप माना जाता है, और कन्या का दान अर्थात नारायण को समर्पण।
लेकिन आधुनिक तौर पर कन्यादान का इतिहास ढूँढने निकलो, तो इसका एक स्त्रोत विजयनगर के साम्राज्य में भी मिलता है। यहाँ ब्राह्मणों के एक समूह ने विवाह में वधुओं की एक प्रकार से मूल्य प्रणाली का विरोध करते हुए शास्त्रीय आधार पर कन्यादान पद्वति से विवाह कराने का संकल्प लिया था। वधुओं की मूल्य प्रणाली इस्लामिक मेहर निकाह समान थी, जहां महिलाओं से विवाह करने के लिए मूल्य चुकाना पड़ता था।
निस्संदेह यह Woke प्रोपेगेंडा आज के युवा पीढ़ी को प्रभावित करने में सक्षम है, और सनातन धर्म से घृणा करने को प्रेरित करता है, परंतु सोशल मीडिया एक ऐसा अस्त्र है जिसके कारण बड़े से बड़े ‘सूरमा’ भी एक क्षण के लिए मैदान में नहीं टिक पाते। ऐसे में मान्यवर को उसके घटिया एड के लिए जनता ने जमकर लताड़ा, और सोशल मीडिया पर खूब ट्रोल भी किया। एक यूजर ने बॉलीवुड द्वारा ‘बेटी पराया धन’ के टैग को जानबूझकर बढ़ावा देने के लिए आड़े हाथों लिया।
Dear @aliaa08, saw your woke Ad which is insulting hindu rituals, specially "Kanyadaan"!
Before you question others, just look inwards to the very industry you work. "Beti paraya dhan" is a line made popular by "BOLLYWOOD".
— Ron Bikash Gaurav (Modi Ka Parivar) (@RonBikashGaurav) September 19, 2021
यो यो फनी सिंह नामक ट्विटर यूजर ने ट्वीट किया, ‘कन्यादान ‘Patriarchal’ है परंतु ब्राइड गिव अवे करना, निकाह मेहर देना, ये सब कूल है, नहीं मान्यवर।”
Kanyadaan is “Patriarchal” but Giving the bride, Nikah-Mehr are all “Woke” !! Right @Manyavar_ ? pic.twitter.com/iLgyL89Kqd
— Yo Yo Funny Singh (@moronhumor) September 18, 2021
Jaipur Dialogues नामक ट्विटर अकाउंट ने इसी व्यंग्य पर एक मीम शेयर करते हुए तंज कसा, “हम उस समाज में रहते हैं जहां कन्यादान महिला विरोधी है, परंतु चार बीवी रखना और तीन तलाक देना लैंगिक समानता और पितृसत्ता को चुनौती देने के समान है।”
Woke Alia is back.#Aliabhatt #Kanyadaan pic.twitter.com/hOOJ4gparE
— The Jaipur Dialogues (@JaipurDialogues) September 18, 2021
हालांकि, ये पहली बार नहीं जब इस प्रकार के एड से सनातन धर्म की भावनाओं को भड़काने का प्रयास किया गया हो, और ये भी जाहिर है कि ये आगे भी जारी रहेगा, परंतु इस पूरे प्रकरण में सबसे सकारात्मक पक्ष ये भी है कि अब सनातनी पहले की भांति अपमान का घूंट पीकर नहीं रह जाते। तनिष्क वाले विवाद से लेकर अब तक ऐसे कई अवसर आए हैं, जहां सोशल मीडिया पर ऐसे घृणित प्रयासों के विरुद्ध सनातनियों की एकजुटता ने यदि इन प्रोपेगेंडावादियों को क्षमा मांगने पर नहीं, तो कम से कम अपना विवादास्पद एड हटाने पर विवश तो किया ही है, जैसे कि कल्याण ज्वेलर्स वाले प्रकरण में हुआ था। इस आभूषण कंपनी ने तो भारतीय नथ को मुगलई बताने का प्रयास किया, परंतु जनता के आक्रोश ने इसे अपना विवादास्पद पेज संशोधित करने पर विवश कर दिया। यहाँ संदेश स्पष्ट है – सनातन धर्म के साथ खिलवाड़ अब स्वीकार्य नहीं होगा।