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लव जिहाद

तनिष्क विवाद के बाद बल्लभगढ़ मामले ने साबित किया है कि लव जिहाद के खिलाफ अब खुलकर बहस हो

अभी तनिष्क के विज्ञापन का लव जिहाद वाला मामला बीते कुछ दिन हुए ही थे कि लव जिहाद का नया मामला सामने आ गया है जिसने तनिष्क की गंगा-जमुनी तहजीब की सोच पर सवाल खड़ कर दे दिए हैं। हरियाणा के बल्लभगढ़ में एक युवती की दिन दहाड़े गोली मारकर ...

तनिष्क और EROS NOW मामले से बड़ी सीख: पैसा और इज्ज़त बचानी है तो PR डिपार्टमेन्ट में छंटनी करनी पड़ेगी

तनिष्क और EROS NOW मामले से बड़ी सीख: पैसा और इज्ज़त बचानी है तो PR डिपार्टमेन्ट में छंटनी करनी पड़ेगी

पहले तनिष्क और अब Eros Now! दोनों ही हालिया दिनों में अपने हिन्दू विरोधी विज्ञापनों को लेकर चर्चा में रहे। तनिष्क के विज्ञापन से जहां लव जिहाद का विवाद भड़क गया, तो वहीं Eros Now ने तो सारी हदें पार करते हुए हिंदुओं के नवरात्रि पर्व का ही भद्दा मज़ाक ...

eros now

“तू एक नंबरी तो मैं दस नंबरी, बेहूदगी की रेस में तनिष्क को पछड़ता Eros Now”

Eros Now एक बार फिर सुर्खियों में है, परंतु इस बार गलत कारणों से। नवरात्रि के अवसर पर Eros Now ने कुछ एड निकाले थे, जिसमें इस पर्व को लेकर बेहद घटिया और अपमानजनक टिप्पणियाँ की गई थी, जिसके कारण सोशल मीडिया पर Eros Now के विरुद्ध काफी आक्रोश उमड़ ...

ndtv

NDTV ने गुजरात में तनिष्क शोरूम पर हमले की फेक न्यूज़ फैलाई, अब होगी कड़ी कार्रवाई

जैसे सफ़ेद झूठ बोलने में पाकिस्तान का कोई सानी नहीं है, वैसे ही फेक न्यूज़ फैलाने में NDTV का कोई मुक़ाबला नहीं है। तनिष्क एड के विवाद के सिलसिले में NDTV ने एक भ्रामक खबर फैलाई, जिसके कारण अब गुजरात सरकार को कुछ कड़े कदम उठाने के लिए बाध्य होना ...

तनिष्क

तनिष्क को Ad के लिए चारों तरफ से आलोचना मिली, तो विज्ञापन हटाकर दी सफाई

तनिष्क टाटा घराने की आभूषण कंपनी। ये कुछ दिनों से संभवतः मानवमात्र को एक करने के पावन उद्देश्य से एकतव्म नामक विज्ञापन शृंखला चला रहे हैं, जिसमें सभी धर्मो के एकीकरण की बात हो रही है। संभवतः तनिष्क का यह मानना है कि जो कार्य बड़े-बड़े साधु-संत नहीं कर पाये, ...

तनिष्क

सोने–चाँदी की आड़ में तुष्टीकरण की दुकान चला रहे तनिष्क को हिंदुओं ने दिया कड़ा संदेश

आभूषण कंपनी तनिष्क एक बार फिर सुर्खियों में है, परंतु इस बार गलत कारणों से। हाल ही में आगामी त्योहारों को लेकर उनका एक एड विवादों के घेरे में आया है, जिसके कारण तनिष्क को एड प्रसारित करने के कुछ ही दिनों बाद यूट्यूब समेत हर सोशल मीडिया हैंडल से ...

ऐसे भारतीय संगीतज्ञ जो आज भी उचित सम्मान से वंचित है

ऐसे भारतीय संगीतज्ञ जो आज भी उचित सम्मान से वंचित है

भारतीय संगीत विविध शैलियों और शैलियों का भंडार है, जो कई संगीतकारों की रचनात्मक प्रतिभा से समृद्ध है। जबकि एआर रहमान, प्रीतम जैसे कुछ संगीतकारों ने अपार प्रसिद्धि और प्रशंसा अर्जित की है, ऐसे कई प्रतिभाशाली व्यक्ति हैं, जो अपने असाधारण योगदान के बावजूद, अपेक्षाकृत किसी का ध्यान नहीं गए ...

टी सीरीज़

Cringe Consumers भी हैं टी सीरीज के खराब कंटेंट के दोषी

नमस्कार, क्रिंज कंटेंट से परेशान हैं? अपने क्लासिक सॉन्ग के मर्डर से चिंतित हैं? इसके लिए टी सीरीज़ जैसे कंपनियों को दोषी मानते हैं? यदि हां, तो आप निरे मूर्ख हैं! हो सकता है कि आपको ये शब्द सुनकर काफी बुरा लगे परंतु ताली एक हाथ से नहीं बजती। सब ...

इलैयाराजा, AR Rahman

इलैयाराजा और एमएम कीरावाणी जैसे संगीतकारों के सामने पानी भरते हैं एआर रहमान

एक संगीतज्ञ का आंकलन किस पैमाने पर होना चाहिए। क्या ये कि उसकी कला कितनी उत्कृष्ट है, उसके संगीत से कितने लोग प्रभावित हुए या ये कि उसने कितने पुरस्कार जीते? अगर पुरस्कार ही सब कुछ है तो क्षमा करें, ये बड़ी ही घटिया सोच है। हमारे देश में इलैयाराजा ...

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नेहा कक्कड़, संगीत के क्षेत्र की सबसे बड़ी आपदा है

अब कोई यह न कह दे कि नेहा कक्कड़ का कोई नया गीत आया है। एक महामारी से किसी तरह निकल के आए हैं कि दूसरी और लाद दी गई हम पर। इस लेख में जानेंगे कि कैसे नेहा कक्कड़ केवल एक घटिया, दो कौड़ी की गायिका नहीं अपितु एक महामारी ...

नेहा कक्कड़ फाल्गुनी पाठक

इतिहास की सबसे घटिया सिंगर नेहा कक्कड़ को फाल्गुनी पाठक ने सबक सिखा दिया

हे भगवन, यदि नीति हो तो इसी लोक में और यदि न्याय हो तो इसी संसार में हो। बहुत झेल लिया संगीत का सत्यानाश अब और नहीं रहा जाता, हम संगीत प्रेमियों को तनिक संगीत चाहिए, कान फोडू, कर्कश, बवासीर नहीं। क्षमा करें, परंतु यदि गीतों में आत्मा होती और ...

तुष्टीकरण की राजनीति

रमजान के साथ ही शुरू हो गई है तथाकथित धर्मनिरपेक्ष सरकारों की तुष्टीकरण की राजनीति

हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह नए साल का पहला महीना है। इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार यह साल का 9वां महीना है। इस प्रकार, नवरात्रि और रमजान, दोनों पवित्र पर्व अप्रैल महीने में शुरू हो चुके हैं। इस प्रकार क्या आपको नहीं लगता राज्य सरकारों को दोनों धर्मों का सम्मान करने ...

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