अमेरिका में सरकार बदलने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका गए हैं, इस दौरान क्वाड के नेताओं में आस्ट्रेलियाई स्कॉट मॉरिसन और जापान के पीएम योशिहिदे सुगा से भी मुलाकात की है। पीएम आज संयुक्त राष्ट्र महासभा को भी संबोधित करने वाले हैं। इसके विपरीत कथित वैश्विक ताकत माने जाने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात को लेकर चर्चाएं उतनी नहीं हुई हैं। पीएम मोदी के अन्य कार्यक्रमों को तो चर्चा का विषय माना गया किन्तु मोदी बाइडन की मुलाकात में उदासीनता ही दिखी। पीएम मोदी का रवैया जो बाइडन के लिए मात्र एक राष्ट्र के प्रतिनिधि के तौर पर ही था। दोनों के बीच ऐसी कोई केमेस्ट्री दिखी ही नहीं, जिसे विशेष माना जा सके। ये दिखाता है कि पीएम मोदी और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बीच जो नजदीकियां थीं, वो बाइडन के साथ होना लगभग नामुमकिन हैं।
पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान हमेशा ही एक सकारात्मकता रहती हैं, क्योंकि भारत और अमेरिका जैसे दो वैश्विक ताकतों के नेताओं के बीच न केवल कूटनीतिक रिश्तों पर बात होती हैं, अपितु विश्व के अलग- अलग परिदृश्यों पर भी चर्चा होती है। ऐसी ही चर्चाएं इस बार भी हुईं हैं। पीएम मोदी जब बाइडन से मिले तो तालिबान से लेकर अफगानिस्तान में शांति, QUAD की मजबूती, इंडो-पैसेफिक की हालिया स्थिति, और चीन को लेकर कड़ा रुख… इन सब पर बात हुई और दोनों राष्ट्रप्रमुखों ने इन पर अपनी सहमति भी जताई, लेकिन अगर ये कहा जाए कि पीएम मोदी का रवैया बाइडन के प्रति अतिउदासीनता वाला था, तो संभवतः गलत नहीं होगा। इतना ही नहीं बाइडन और मोदी की मुलाकात के दौरान एक अजीब क्षण भी आया। जब गले मिलने की कोशिश कर रहे बाइडन को पीएम मोदी ने ही रुकने के संकेत दे दिए, जबकि यही मोदी गर्मजोशी के साथ ट्रंप से गले मिलते थे।
आरंभ है प्रचंड … pic.twitter.com/3KUFQf3F4I
— Dr. Shalabh Mani Tripathi (मोदी का परिवार) (@shalabhmani) September 24, 2021
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बाइडन के साथ पीएम मोदी की मुलाकात को देखें तो सबसे पहले हमें पूर्व राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के साथ पीएम मोदी की मुलाकातों पर ध्यान देना होगा। ट्रंप के कार्यकाल में पीएम मोदी जितनी बार भी अमेरिका की यात्रा पर गए, तो अमेरिका और भारत के बीच कूटनीतिक रिश्तों में तो विस्तार हुआ ही, साथ ही भारत के प्रति अमेरिका का रुख भी बदला। भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में आए बदलावों की एक मात्र वजह ये थी कि पीएम मोदी और ट्रंप के बीच एक विशेष निजी केमेस्ट्री थी।
हमने देखा है कि पीएम मोदी और ट्रंप जब भी मिले तो उन्होंने एक दूसरे का अभिवादन गले मिलकर किया। ट्रंप और मोदी के बीच एक निजी रिश्ता बन गया था, जो कि देश के लिए सकारात्मक था। ऐसा नहीं है कि ये केवल गले मिलने तक ही सीमित था, अपितु दोनों एक दूसरे को एक दोस्त की भांति ही महत्व देते थे। इसका एक बड़ा संकेत ये भी था कि प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ही एक बार पीएम मोदी ने ट्रंप के हाथ पर थपकी भी मारी थी जिसने ये साबित किया था, कि मोदी और ट्रंप की ये दोस्ती अमेरिका और भारत के रिश्तों को एक नया आयाम देने वाली है। दोनों का गले मिलना और रिश्तों में गर्मजोशी होना इस बात संकेत देता था कि उनकी निजी दोस्ती दोनों देशों के लिए सकारात्मक है। किन्तु, अमेरिका के एक चुनाव परिणाम ने सब-कुछ पलट दिया है।
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ऐसा नहीं है कि ट्रंप के पहले बराक ओबामा के साथ पीएम मोदी के रिश्ते खराब थे, किन्तु वो बस एक राष्ट्रप्रमुख के कूटनीतिक रिश्तों सरीखे ही थे। ऐसे में ट्रंप के जाने के बाद पीएम मोदी ओबामा वाला ही व्यवहार जो बाइडन के साथ कर रहे हैं। जब पीएम मोदी बाइडन से मिले तो हाथ मिलाने के अलावा कुछ नहीं हुआ। रिश्तों में गर्मजोशी तनिक भी नहीं दिखी जो पहले ट्रंप के साथ दिखती थी। कूटनीतिक रिश्ते वैसे ही थे किन्तु इसके अतिरिक्त और कुछ भी नहीं था। इस पर लोगों ने सोशल मीडिया पर मजे भी लिए।
First time Modi Ji didn't hug a world leader he met but refused the hug offered 😳pic.twitter.com/AZ1NwpLBTT
— Mihir Jha (@MihirkJha) September 24, 2021
https://twitter.com/TheAngryLord/status/1441469871703818241?s=20
Seems like Biden assumed Modi will go for a hug. And Jo tried to be ready for it with arms stretched. Lol
— TheSoundOfClouds (@royally_fiery) September 24, 2021
https://twitter.com/WarHorizon/status/1441451122313646081?s=20
पीएम मोदी की यात्रा को केवल अमेरिका और भारत के कूटनीतिक रिश्तों तक सीमित रखें तो यकीनन ये सफल थी, किन्तु यदि ट्रंप और मोदी की केमेस्ट्री कई तुलना करें तो ये यक़ीनन एक उदासीन ही मानी जाएगी। ट्रंप के जाने के बाद पीएम मोदी का व्यवहार राष्ट्रपति जो बाइडन के लिए ठीक वैसा ही है, जैसा ट्रंप के आने के पहले पूर्व राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा के साथ था।