बिजनौर के कथित रेप और हत्या के मामले में आरोपी निकला शहजाद, वामपंथियों ने साधी चुप्पी

बिजनौर खो खो खिलाड़ी

जाति, धर्म के आधार पर राजनीति करना एवं मुद्दों को चुनना देश की राजनीतिक पार्टियों एवं वामपंथी धड़ों की आदत बन गई है। भाजपा एवं गैर भाजपा शासित राज्यों में होने वाले अपराधों के बीच विपक्षी दल और वामपंथी तत्वों की नीतियां भिन्न होती हैं। इसका नया उदाहरण उत्तर प्रदेश के बिजनौर में राष्ट्रीय महिला खो-खो खिलाड़ी के साथ रेप की कोशिश और फिर हत्या के संबंध में भी सामने आया है। घटना सामने आते ही विपक्षी दलों एवं ने प्रदेश की योगी सरकार की कानून व्यवस्था को आड़े हाथों ले लिया। ट्विटर पर भीम आर्मी की नौटंकियां भी ट्विटर पर दिखीं। इसके विपरीत अब जब जांच होने एवं अपराधी की पहचान होने के बाद सत्य सबके सामने आया है, तो वामपंथियों के मुंह सिल गए हैं। वहीं, विपक्षी दल भी चुप हैं, क्योंकि वो अपराधी शहजाद है, और अब ज्यादा राजनेता ज्यादा बोलेंगे तो बोले तो मुस्लिम वोटों की दृष्टि से उन्हें नुकसान हो सकता है।

पकड़ा गया अपराधी

उत्तर प्रदेश सरकार की कानून व्यवस्था की छवि पिछले पांच वर्षों मे पहले से बेहतर हो चुकी है, जिसके चलते योगी सरकार की सर्वाधिक प्रशंसा की जाती है। इसके विपरीत विपक्षी छोटा सा मुद्दा भी बड़ा बनाने की कोशिश करते हैं। इसका ताजा उदाहरण बिजनौर में राष्ट्रीय महिला खो-खो खिलाड़ी की मौत की घटना है, जिसको लेकर खूब सवाल पूछे गए। इसके विपरीत अब जांच के बाद बड़े खुलासे हो रहे हैं। एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश पुलिस ने केस के अपराधी को पकड़ लिया है, तो दूसरी ओर जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि ये शख्स महिला खिलाड़ी का रेप करने में असफल हो गया था, जिसके बाद हताश होकर नशीली दवाओं के आदी इस शहजाद नाम के शख्स ने खिलाड़ी की हत्या कर दी। वहीं इस शख्स की पहचान उजागर होने के बाद से ही वामपंथी एवं राजनीतिक दल चुप्पी साध चुके हैं।

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जैसे ही ये खबर आई थी कि बिजनौर जौनपुर में ट्रेन के स्लीपर डिब्बे से महिला खो-खो खिलाड़ी का शव मिला है, और उसके बलात्कार की भी संभावनाएं हैं; तो वामपंथी धड़ों से लेकर राजनेताओं ने इस मुद्दे को केन्द्र में रखकर योगी सरकार को निशाने पर लेना शुरु कर दिया। दलितों के हक की बात करने के नाम पर समाज में वैमनस्य फैलाने के लिए कुख्यात भीम आर्मी के ट्विटर योद्धाओं ने तो इस मुद्दे पर बवाल ही मचा दिया। इन्होंने महिला की जाति दलित होने के चलते जातिगत कार्ड भी खेला, एवं ये दिखाने के प्रयास किए कि दलितों को दबाने का पूरा खेल किसी प्रयोजन के तहत चलाया जा रहा है। इसी तरह दलितों के हितों के नाम पर चल रहे अनेकों ट्विटर हैंडलों से इस मामले में ट्वीट किए, और उन सभी के निशाने पर केवल एक व्यक्ति थे… योगी आदित्यनाथ!

 

अब साध ली चुप्पी

योगी सरकार को निशाने पर लेने वाले नेताओं एवं वामपंथियों के लिए असमंजस की स्थिति उत्तर प्रदेश की पुलिस ने पैदा कर दी है। पुलिस ने इस घटना के मुख्य अपराधी को पकड़ लिया है, जिसने अपना अपराध स्वीकार भी कर लिया है। बिजनौर पुलिस के अनुसार ये शख्स नशीली दवाओं का आदी है एवं इसने मारने से पहले महिला खो-खो खिलाड़ी के साथ का बलात्कार करने के प्रयास किए थे,  किन्तु विफल होने के बाद इस शख्स ने हताशा में महिला की क्रूरता से हत्या कर दी। अब पुलिस के खुलासे में जैसे ही आरोपी का नाम सामने आया,  सोशल मीडिया पर सारा मामला ही ढंटा पड़ गया है।

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वो लोग जो कल तक इस मुद्दे पर योगी सरकार को निशाने पर ले रहे थे, उन लोगों ने आरोपी की पहचान मुस्लिम के रूप में उजागर होने के बाद चुप्पी साध ली है। सभी राजनीतिक दलों ने इसे तब तक मुद्दा बनाया जब तक ये मामला दलित पहचान से संबंधित था, किन्तु जैसे ही इसमें अपराधी की पहचान एक मुस्लिम के तौर पर हुई तो सारा मामला ठंडा पड़ गया है, क्योंकि सभी को पता है कि यदि मुस्लिम अपराधी से संबंधित मामले में विरोध किया गया तो राजनीतिक नुकसान हो सकता है। ये दिखाता है कि अपराधों के मुद्दे पर भी वामपंथी एवं राजनेता जाति, धर्म, राज्य की शासित राजनीतिक पार्टी के आधार पर अपनी नीतियां तय करते हैं, जो कि आश्चर्यजनक एवं शर्मनाक है।

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