क्या रहाणे और पुजारा के कारण BCCI ने कोहली को कप्तानी त्यागने पर बाध्य किया था?

रहाणे और पुजारा ने विराट के व्यवहार को लेकर BCCI सचिव से की थी बात

अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा बेटिंग करते हुए

PC: PTI

इन दिनों विराट कोहली काफी ज्यादा चर्चा में है। परंतु वे अपने खेल के लिए कम, और अपने आचरण के लिए अधिक चर्चा में है, जिसके पीछे उन्हे हाल ही में टी20 की कप्तानी से कथित तौर पर हाथ धोना पड़ा है। परंतु अगर सूत्रों की मानी जाए, तो यह बात आज की नहीं है, बल्कि इसकी नींव कई महीने पहले पड़ चुकी थी, और कहीं न कहीं विराट कोहली की वर्तमान व्यथा के पीछे अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा की भी भूमिका हो सकती है, जिन्हे विराट कोहली टीम से बाहर निकालने पर तुले हुए थे।

रहाणे और पुजारा ने की BCCI से विराट कोहली के व्यवहार को लेकर बात

अब यह कैसे संभव है? यदि न्यूज 18 के रिपोर्ट की माने, तो इन सब के पीछे कहीं न कहीं विराट कोहली की अनुशासनहीनता ही कारण है। विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के फाइनल में विराट कोहली के लचर नेतृत्व के कारण भारत विपरीत परिस्थितियों में लाभकारी पोजीशन बनाने के बाद भी न्यूज़ीलैंड से 8 विकेट से हार गया।

पराजय भारत की हुई थी, जिसमें सर्वाधिक भूमिका विराट कोहली की थी, लेकिन कोहली ने इसकी भड़ास अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा पर निकली। कमाल की बात यह थी कि रहाणे उन चंद बल्लेबाज़ों में से थे, जिन्होंने थोड़ा बहुत भारत की पारी को संभालने का प्रयास किया था, और भारत की प्रथम पारी में उन्होंने सर्वाधिक 49 रन भी बनाए थे। इसके अलावा चेतेश्वर पुजारा का भी इस टूर्नामेंट से पूर्व कोई खास बुरा प्रदर्शन नहीं था।

ऐसे में दोनों को विराट का व्यवहार अशोभनीय प्रतीत हुआ, और उन्होंने कथित तौर पर इसकी शिकायत BCCI के सचिव जय शाह से की। यदि ये रिपोर्ट शत प्रतिशत सत्य है तो कहीं न कहीं विराट कोहली पर ‘कार्रवाई’ की नींव विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के पश्चात इस कॉल से ही पड़ चुकी थी, क्योंकि रहाणे और पुजारा के बाद टीम के अन्य प्लेयरों से भी उनकी सलाह मांगी गई।

विराट कोहली के लिए मुसीबत यहीं तक सीमित नहीं रही। यदि उनका प्रदर्शन टी-20 विश्व कप में अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा, तो बोर्ड उनसे वन डे की कप्तानी भी वापिस ले सकता है। अटकलें ये भी है कि टीम के कोच के रूप में पुनः अनिल कुंबले वापसी कर सकते हैं। ऐसे में यदि ये कहा जाए कि बोर्ड कोहली के पर कुतरने की तैयारी कर रहा है, तो ये गलत नहीं होगा।

अनुभवी होने के बाद भी होता था सौतेलों जैसा व्यवहार

विराट कोहली के वर्तमान अवस्था का एक कारण ये भी है कि लचर नेतृत्व और उसके खराब व्यवहार के कारण वरिष्ठ खिलाड़ी को ऐसा लगने लगा कि उन्हे जानबूझकर अनदेखा किया जा रहा है। उदाहरण के लिए रविचंद्रन अश्विन को ही देख लीजिए। जब विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप में पूरी भारतीय टीम ताश के पत्तों की भांति बिखर रही थी, तो अकेले अश्विन थे, जिन्होंने टीम की नैया संभालने का प्रयास किया, चाहे बल्ले से हो या गेंद से। परंतु इंग्लैंड के विरुद्ध टेस्ट सीरीज़ में टीम में होते हुए भी विराट कोहली ने उन्हे ऐसे अलग किया, जैसे चाय में से मक्खी। IANS के रिपोर्ट की माने तो टी20 विश्व कप में अश्विन के चयन से भी विराट बहुत अधिक प्रसन्न नहीं थे।

परंतु अश्विन अकेले ऐसे प्लेयर नहीं थे। अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजार जैसे अनुभवी प्लेयरों के साथ भी सौतेला व्यवहार किया जा रहा था, चाहे वे अपने आप को उपयोगी सिद्ध करने का जितना प्रयास करे। अजिंक्य रहाणे तो एक प्रकार से कहीं न कहीं विराट के लिए खतरा समान भी थे, क्योंकि जब निजी कारणों का हवाला देकर विराट कोहली पहले ही टेस्ट के पश्चात ऑस्ट्रेलिया टूर छोड़कर भाग गए थे, तो ये अजिंक्य रहाणे ही थे, जिन्होंने सीमित संसाधनों और घायल प्लेयरों के बावजूद भारत को एक ऐतिहासिक विजय दिलवाई।

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रोहित शर्मा को बाहर निकालने के प्रयास पर भड़क गया था बीसीसीआई

लेकिन पानी सिर के ऊपर से तब निकलने लगा, जब उपकप्तान रोहित शर्मा को हास्यास्पद तर्कों के आधार पर विराट कोहली उपकप्तानी से हटाना चाहते थे। विराट कोहली का यह मानना था कि रोहित शर्मा 34 वर्ष के हो चुके हैं, ऐसे में अब वे उपकप्तानी के ‘योग्य’ नहीं है, जबकि कोहली स्वयं 33 वर्ष के हैं। लेकिन वास्तविक कारण तो कुछ और ही था। असल में रोहित शर्मा के अनुरोध पर ही रविचन्द्रन अश्विन को टी 20 विश्व कप की टीम में शामिल किया गया, जो विराट को बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं था, और उसी के बाद से वे रोहित को निकालने के लिए तिकड़म भिड़ाने लगे। इसके अलावा जिस प्रकार से उन्होंने अपने लापरवाही के कारण पूरे टीम को कोविड 19 से एक्सपोज़ कर दिया, वो भी अपने आप में सिद्ध करता है कि वे वास्तव में टीम के प्रति कितने सजग थे।

इसमें कोई दो राय नहीं है कि स्वयं बोर्ड कोहली के मनमाने रवैए को अच्छी तरह से नोटिस कर रहा था, और दादा के रहते टीम में कोई इस तरह से बर्ताव करे, यह उन्हें बिल्कुल पसंद नहीं हैं। भले ही ये कहा जाए कि कोहली ने अपने कार्यभार को कम करने के लिए टी-20 की कप्तानी से त्यागपत्र दिया है, किन्तु यथार्थ सत्य यही है कि कोहली से इस्तीफा, पर्दे के पीछे से दादा ने दादागिरी से दिलवाया है, और टीम के कायाकल्प की नीति अपनाई है। ऐसे में यदि अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा के कॉल ने इस प्रक्रिया को गति दी थी, तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है, क्योंकि अपनी अनुशासनहीनता से विराट कोहली ने अपने विनाश की नींव स्वयं स्थापित की थी।

 

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