खालिस्तान का मानचित्र – अगर टेरर फैक्ट्री पाकिस्तान, अमेरिका पर कार्रवाई करने की बात करे, उस पर कब्जा जमाने की बात करे, तो यह सभी को हास्यास्पद ही लगेगा और यह हास्यास्पद है भी…क्योंकि पाकिस्तान की औकात क्या है यह पूरी दुनिया जानती है। मौजूदा समय में ठीक वैसी ही स्थिति खालिस्तानियों की हो गई है, जिनकी औकात तो कुछ नहीं है, यहां तक कि इस आतंकी संगठन को भारत में बैन भी कर दिया गया है लेकिन पाकिस्तान पोषित यह संगठन भारत को तोड़ने के सपने देख रहा है।
एक बहुत ही प्रचलित कहावत है कि समय से पहले और औकात से अधिक सपने नहीं देखने चाहिए। परंतु ये बात खालिस्तान समर्थकों को कौन समझाए? 26 जनवरी को लाल किले पर खालिस्तानियों ने उपद्रव क्या मचाया, वे अपने आप को ‘त्रिलोकस्वामी’ समझने लगे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने ‘खालिस्तान’ के अपने हास्यास्पद स्वप्न को पूरा करने हेतु एक विवादित मानचित्र भी जारी किया है। परंतु आखिर ‘खालिस्तान’ के मानचित्र में ऐसा क्या है, जिसे लेकर बवाल मचा हुआ है?
दरअसल,‘Sikhs For Justice’ नामक आतंकी संगठन ने तथाकथित खालिस्तान का मानचित्र जारी किया है, जिसके बाद से लोग सोशल मीडिया पर उसकी जमकर आलोचना कर रहे हैं। इस संगठन की ओर से कहा गया है कि भारत में एक स्वतंत्र सिख मुल्क बनाया जाएगा।
https://twitter.com/SikhPA/status/1451683715390840834
इस तथाकथित खालिस्तान के नक़्शे में पंजाब और हरियाणा के अलावा दिल्ली के हिस्सों को रखा गया है। साथ ही उत्तर प्रदेश का तराई इलाका और राजस्थान का जोधपुर-बीकानेर भी इसमें शामिल है। इतना ही नहीं, पूरे हिमाचल प्रदेश समेत राजस्थान के बूँदी, कोटा और उत्तराखंड के कई इलाकों को भी ‘खालिस्तान’ के नक्शे में दिखाया गया है। Sikhs for Justice का दावा है कि भारत से काट कर इन हिस्सों को अलग कर दिया जाएगा।
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लोगों ने दिखाया खालिस्तानियों को दर्पण
लेकिन वो कहते हैं न, हुंकार भरने और लंबी-लंबी डींगें हाँकने में बहुत बड़ा अंतर होता है। जिन इलाकों को तथाकथित खालिस्तान में शामिल किया गया है, उन्हीं क्षेत्रों के लोगों ने इस मानचित्र को जारी करने वाले ‘Sikhs For Justice’ की जमकर क्लास लगाई है। द स्किन डॉक्टर नामक यूज़र ने स्पष्ट ट्वीट किया, “विभाजन के बाद पंजाब का 52 फीसदी हिस्सा पाकिस्तान में चला गया। पाकिस्तान वो जगह है, जहां सिखों पर लगातार अत्याचार हो रहा हैं, लेकिन खालिस्तानियों में हिम्मत नहीं है कि पाकिस्तान वाले हिस्सों को अपना बताएं, क्योंकि वहीं से इन्हें फंडिंग आती है।” –
During partition 52% of Punjab went to Pakistan. Pakistan is the place where Sikhs are regularly persecuted. But still these guys don't have guts to ask KhaIistan from Pakistan because that's the arm which feeds these extremists' wishful dreams.
— THE SKIN DOCTOR (@theskindoctor13) October 23, 2021
एक अन्य ट्विटर यूजर ने पूछा, “करतारपुर और ननकाना साहिब के बिना ही खालिस्तान? लगता है कि ISI ने इस नक़्शे को बनाया है”–
So Khalistan without Kartarpur and Nankana Sahib? Looks like ISI made this map 😂
— Facts (@BefittingFacts) October 23, 2021
वहीं, कई लोगों ने ‘Sikhs For Justice’ को याद दिलाया कि वो पाकिस्तान वाले पंजाब का हिस्सा भी अपने ‘खालिस्तान’ में जोड़ कर दिखाए। लोगों ने पूछा कि महाराजा रणजीत सिंह के जिस सिख साम्राज्य की राजधानी लाहौर में थी, उस इलाके को खालिस्तान वाले कैसे भूल गए?
बता दें कि ये वही Sikhs for Justice संगठन है, जिसे अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में सिखों पर हो रहे अत्याचार तो कतई नहीं दिखाई देते, परंतु भारत में सिखों पर ‘कथित अत्याचार’ को लेकर तुरंत मिर्ची लग जाती है। ये वही खालिस्तानी संगठन हैं, जिन्हे 1984 के सिख विरोधी दंगों के पीड़ितों को न्याय दिलाने के नाम पर सांप सूंघ जाता है, पर लखीमपुर खीरी के दंगाइयों के लिए तुरंत संवेदना जाग जाती है।
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खालिस्तानियों के इसी दोहरे मापदंड पर प्रहार करते हुए एक यूज़र ने ट्वीट किया, “कमाल है, खालिस्तान के मानचित्र में अमृतसर से 777 किलोमीटर दूर जोधपुर उसका भाग है, परंतु अमृतसर से मात्र 50 किलोमीटर दूर ननकाना साहिब और करतारपुर उसका भाग नहीं है। Sikhs for Justice कुछ नहीं, केवल पाकिस्तान का दलाल हैं” –
Jodhpur which is 777km from Amritsar is in Khalistan Map but Kartarpur & Nankana Sahib are less then 50km from Amritsar but aren't part of Khalistan 😜
Sikh For Justice is Pakistan's stooge.
— Motivism (@Motivism) October 23, 2021
सच कहें तो खालिस्तान के वर्तमान मानचित्र पर क्रोध कम और हंसी अधिक आती है। ऐसी भूल एक बार निजाम शाही ने भी साल 1948 में की थी, जब कासिम रिजवी के बहकावे में आकर वह आसफ जाही का परचम लाल किले पर लहराने का ख्वाब देखने लगी थी, और उनका सपना पूरे भारत का इस्लामीकरण करना था। लेकिन भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन पोलो’ के माध्यम से भारतीय सेना उनके स्वपन पर पानी फेर दिया था। अब खालिस्तानियों की भारत तोड़ने की मंशा पर भी जल्द ही ग्रहण लगने वाला है।