शमी की आलोचना राष्ट्रीय खबर बन गई, लेकिन वकार यूनुस की जिहादी सोच पर किसी का ध्यान नहीं गया

पाकिस्तान खेल भावना नहीं, इस्लामिक भावनाओं से चलने वाला देश है!

वकार यूनुस नमाज

भारत-पाकिस्तान का क्रिकेट मैच अपने साथ केवल निराशा लेकर नहीं आया, बल्कि इसके साथ बहुत-सी ऐसी चीजें भी बाहर निकल कर आई हैं, जिनसे पाकिस्तान की कुंठा, उसकी हिंदुओ के प्रति नफरत सबके सामने आ गई है। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और पुराने खिलाड़ी वकार यूनुस के नमाज वाले बयान ने इसी कड़ी में नया विवाद जोड़ दिया है।

भारत में हार के बाद कथित तौर पर मोहम्मद शमी के ऊपर आरोप लगे और यह आरोप कम, इस्लामोलेफ्टिस्ट द्वारा एक प्रोपगंडा ज्यादा था। वैसे तो विराट कोहली, हार्दिक पंड्या, मोहम्मद शमी सभी की आलोचना हो रही थी, लेकिन मीडिया को केवल शमी ही दिखे, उस पर भी देश  में सभी आम और खास व्यक्तियों ने इस घटना की निंदा की और किसी ने इसका समर्थन नहीं किया। हालात तो यह थे कि राहुल गांधी से लेकर वीरेंद्र सहवाग तक को बोलना पड़ा कि जो भी ऐसा कर रहा है, वह गलत कर रहा है लेकिन वकार यूनुस की जो नफरत सामने आई है, उससे यह पता चल गया है कि पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ कैसा नफरत भरा व्यवहार किया जाता होगा।

खैर, चंद लोगों के ट्वीट्स को अखबारों की सुर्खियां बना दिया गया लेकिन पाकिस्तान खिलाड़ियों के बारे में कोई बात भी नहीं करना चाहता है।

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वकार यूनुस ने मैच के बाद कहा है कि भारत-पाकिस्तान ICC पुरुष टी-20 विश्व कप 2021 के दौरान हिंदुओं के सामने विकेटकीपर बल्लेबाज मोहम्मद रिजवान द्वारा नमाज अदा करना सबसे अच्छी बात थी।

आपको बताते चलें कि भारत बनाम पाकिस्तान विश्व कप में ड्रिंक ब्रेक के दौरान मोहम्मद रिजवान ने जमीन पर नमाज पढ़ी थी और उस वीडियो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रसारित किया गया था।

ARY न्यूज चैनल पर भारत-पाकिस्तान टी20 विश्व कप 2021 की चर्चा के दौरान वकार यूनुस ने मैच में शानदार बल्लेबाजी प्रदर्शन के लिए सलामी बल्लेबाज रिजवान और बाबर आजम की सराहना की। उसने कहा, “जिस तरह से बाबर और रिजवान ने बल्लेबाजी की, समझदारी से लेकर आक्रामक, स्ट्राइक-रोटेशन, उनकी गेंद पर नज़र, वह अद्भुत है।”

 

इसके अलावा, पूर्व पाकिस्तानी गेंदबाज ने कहा कि उन्होंने सबसे अच्छी चीज देखी, जो थी रिजवान को जमीन पर नमाज पढ़ते हुए देखना। वकार यूनुस ने कहा कि, “सबसे अच्छी बात, रिजवान ने जो किया, माशाल्ला, उसने हिंदुओं से घिरी जमीन पर नमाज अदा की, वह वास्तव में मेरे लिए बहुत खास था।”

टीवी चर्चा का हिस्सा रहे पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर यूनिस के बयान पर मुस्कुराते नजर आए।

वेंकटेश प्रसाद और हर्षा भोगले ने की निंदा

रिजवान का हिंदू भारतीय क्रिकेटरों के बीच में नमाज पढ़ना, जो वकार यूनुस के हिसाब से मैच का विशेष क्षण था, उस पर पूर्व भारतीय गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने कहा कि यह अच्छा नहीं हैl  उन्होंने अपनी राय ट्वीट करते हुए कहा, “हिंदुओं के बीच में खड़े होके नमाज पढ़ी, वह मेरे लिए बहुत खास था” – वकार। एक खेल में ऐसा कहने के लिए दूसरे स्तर की जिहादी मानसिकता चाहिए। यह कितना बेशर्म आदमी है।”

 

एक ओर जहां वेंकटेश प्रसाद ने वकार यूनुस को जिहादी कहा वहीं हर्षा भोगले ने फेसबुक पर लिखा, “वकार यूनुस के कद के व्यक्ति के लिए यह कहना कि रिजवान को हिंदुओं के सामने नमाज अदा करते देखना उसके लिए बहुत खास था, सबसे निराशाजनक चीजों में से एक है, जो मैंने सुनी हैं। हम में से बहुत से लोग इस तरह की चीजों को नजरअंदाज करने की कोशिश करते हैं और यह सुनना बहुत भयानक है। मैं वास्तव में आशा करता हूं कि पाकिस्तान में बहुत सारे वास्तविक खेलप्रेमी इस कथन के खतरनाक पक्ष को देख सकेंगे और मेरी निराशा में शामिल होंगे। हम जैसे खेलप्रेमियों के लिए लोगों को यह बताना बहुत मुश्किल हो जाता है कि यह सिर्फ खेल है, सिर्फ एक क्रिकेट मैच। आप यह मनाते होंगे कि क्रिकेटर हमारे खेल के राजदूत के तौर पर जिम्मेदार होंगे। मुझे यकीन है कि वकार की ओर से माफी मांग ली जाएगी। हमें क्रिकेट की दुनिया को जोड़ने की जरूरत है, धर्म से नहीं बांटने की आवश्यकता नहीं है।”

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हर्षा भोगले द्वारा जो बोला गया, वह काफी आदर्शवादी प्रतीत होता है। आदर्शवादी होने का सबसे बड़ा नुकसान है कि आपको चीजें नजरअंदाज करनी पड़ती हैं। आप सत्य को नहीं नकार सकते हैं। यह पाकिस्तान की जिहादी मानसिकता का प्रमाण है। यह गलती से बोला गया व्यक्तव्य नहीं है। यह भारतीय हिंदुओ की गलती है कि वह इसे गलती मान रहे है। हर दिन दो चार प्रशंसा के शब्द बोलकर भारतीय जनता को खुश कर देने वाला शोएब अख्तर समय आने पर अपनी औकात दिखा देते हैं।

यह पाकिस्तान की वास्तविक हकीकत है। वहां हिंदुओ के साथ ऐसा ही होता है और यहीं उनके बारे में सोचा जाता है। पाकिस्तान के सिनेमा से लेकर वहां पर लोगों की बातें ऐसी ही है। वहां हिंदुओ और हिंदुओं देवताओं को गलीच बेकार गंदा समझा जाता है।

वकार यूनुस अगर माफी मांगते है तो यह उनका पाखंड होगा। खैर, हिंदुओ का क्या है, अभी फिर शोएब अख्तर आकर कुछ बढ़िया कह देंगे तो हिन्दू प्रशंसा करने लगेंगे। जरूरत है ऐसे सच के प्रति सतर्क रहने की और ऐसे लोगों को चरणबद्ध तरीके से मुख्यधारा से अलग करने की l  पाकिस्तान खेल भावना नहीं, इस्लामिक भावनाओं से चलने वाला देश है।

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