बीजेपी कभी सेक्युलर पार्टी नहीं बन सकती और कांग्रेस कभी हिंदूवादी नहीं हो सकती

शुरु से ही हिंदू विरोधी रहा है कांग्रेस का चरित्र!

मनीष तिवारी ट्वीट

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सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं और जब सत्य स्वयं प्रत्यक्ष प्रमाण बन सम्मुख खड़ा होता है, तब उसके विरोधी भी विवश होकर उसे आत्मसाध कर लेते हैं। हाल ही के दिनों में इस ब्रह्मवाक्य को पूर्णतः चरितार्थ होते हुए देखा गया है। इस्लामिक बर्बरता की हृदयविदारक घटनाओं पर शून्य समाधि लेने वाली कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता और सांसद मनीष तिवारी ने हाल ही में हुई इस्लामिक नृशंसता पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। मनीष तिवारी ने नवरात्रि के दौरान बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमले, कश्मीर में हिंदुओं के नरसंहार, मारे गये 9 सुरक्षाकर्मियों, अवैध घुसपैठ के साथ-साथ दक्षिणी एशिया महद्वीप में चल रहे वृहद इस्लामी अभियान को लेकर ट्वीट किया। इस ट्वीट में हिंदुओं और सुरक्षाकर्मियों पर हुए हमलों के सत्यापन स्वरूप Livemint, Theprint और NDTV के लेखों को अनुलग्नक के रूप में जोड़ा गया है।

कांग्रेस की कथनी और करनी में रहा है अंतर

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने एक ट्वीट में कहा, “क्या कश्मीर में गैर-मुसलमानों की हत्या, बांग्लादेश में हिंदुओं और पुंछ में बड़े पैमाने पर घुसपैठ में 9 जवानों की मौत के बीच कोई संबंध है? शायद ऐसा है। दक्षिण एशिया (एसआईसी) में पैन इस्लामवादी एजेंडा काम कर रहा है।” उनकी यह टिप्पणी जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर और पुलवामा जिलों में दो हिन्दू मजदूरों पर आतंकवादियों द्वारा गोलीबारी किए जाने के एक दिन बाद आई है।

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खैर, हम तो इस वृहद इस्लामी अभियान के बारे में पहले से चीख रहे हैं और मानवता-निमित्त आगे भी चीखते रहेंगे, परंतु कांग्रेस नेता मनीष तिवारी को आत्मबोध हुआ इसके लिए उन्हें साधुवाद! परंतु, हे पाठकगण!!! तनिक ठहरिए। कहीं यह भेड़ की खाल में भेड़िये का कोलाहल तो नहीं है? क्योंकि कांग्रेस की कथनी और करनी में कितना फर्क है इतिहास इसका साक्षी रहा है। कांग्रेस अब एक पथ-भ्रष्ट, लक्ष्य-भ्रष्ट लोगों का समूह बन गया है क्योंकि ना तो उनके पास कोई राष्ट्रीय नेतृत्व है, ना ही विचारधारा और ना ही विश्वसनीय कैडर! ऊपर से जनता कांग्रेस के मुस्लिम तुष्टिकरण, निजी स्वार्थ सर्वोपरि, परिवार-भक्ति और सनातन संस्कृति मर्दन से इतनी त्रस्त हो गयी है कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों के साथ-साथ बहुतेरे राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी इसे पूर्णतः खारिज कर दिया है।

हिंदुओं के साथ छल पर उतर आई है पार्टी

अतः सत्ता लोलुपता को अपने रुधिर में समाहित किए कांग्रेस अब मुस्लिम तुष्टिकरण से इतर हिंदुओं के साथ छल पर उतर आई है। हिन्दू पुनर्जागरण के प्रभाव वश प्रियंका गांधी तिलक और दुर्गपाठ कर रहीं है तो वहीं, राहुल गांधी जनेऊ पहन कर शिवस्तोत्र! कांग्रेस के कद्दावर नेता मनीष तिवारी का यह ट्वीट इसी संदर्भ में आया प्रतीत होता है। ऐसे में कांग्रेस को यह समझना होगा कि उनके सामने जो भस्म रमा के खड़े हैं अर्थात भाजपा पार्टी वो नैसर्गिक रूप से शिव और शक्ति के भक्त हैं। अतः कांग्रेस चाह कर भी हिंदुओं की पुरोधा पार्टी नहीं बन सकती।

दूसरी ओर अगर हम देश की सत्ताधारी पार्टी की बात करें तो भाजपा के रगों में सनातन संस्कृति से परिष्कृत और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा सिंचित भगवा रुधिर बह रहा है, जो उसे एक राष्ट्रावादी दल के रूप में सर्वदा सशक्त करता रहेगा। अतः भाजपा चाह कर भी हिंदुत्व के प्रति अपने उत्तरदायित्वों से विरक्त नहीं हो सकती, अन्यथा उसका अस्तित्व ही संकट में पड़ जाएगा। या यूं कहें कि भाजपा कभी सेक्युलर नहीं बन सकती और ये बात उसके समर्थक भी बखूबी जानते हैं।

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