भारत बौद्धिक और रचनात्मक रूप से संपन्न राष्ट्र है। यहाँ की युवा पीढ़ी नित नए कारनामे कर मिट्टी का मान बढ़ाती रहती है। उदाहरण के तौर पर हमारे देश को पारंपरिक परिवहन व्यवस्था से होने वाली ढेरों आर्थिक और पर्यावरणीय समस्याओं के निवारण हेतु युवा पीढ़ी पुनः संकटमोचक बन आगे आयी है। Ather Energy (एथर एनर्जी) के सह-संस्थापक और पूर्व-सीपीओ अरुण विनायक ( Arun Vinayak) ने उत्पादों के एक समूह को अस्तित्व देने हेतु ग्रिड और वाहन के बीच ऊर्जा और सूचना के निर्बाध प्रवाह को सक्षम बनाती एक लचीली ऊर्जा स्टैक अर्थात चार्जिंग पॉइंट बनाने की कल्पना की।
एथर एनर्जी में उनके सहयोगी और पूर्व एचयूएल आपूर्ति श्रृंखला और संचालन प्रबंधक संजय बयालाल ( Sanjay Byalal) भी इस स्वप्न को साकार करने हेतु उनके साथ आए। ज़रा सोचिए, चार्जिंग पॉइंट बनाने का ये छोटा सा काम कितने बड़े क्रांतिकारी कदम की नींव रखेगा और कितनी बड़ी प्रकृतिक और पर्यावरणीय समस्याओं का समाधान करेगा मुख्यतः इलेक्ट्रिक वाहन के क्षेत्र में। हुआ भी ऐसा ही। दोनों दोस्तों ने मिलकर Exponent Energy नाम के नवाचार उद्यम की नींव रखी।
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बेंगलुरु स्थित इस कंपनी एथर एनर्जी ने क्रमशः ई-पैक और ई-पंप नामक बैटरी पैक और चार्जिंग स्टेशन के विकास की घोषणा की है। ई-पैक और ई-पंप को एक साथ उपयोग करने से 15 मिनट के भीतर किसी भी वाणिज्यिक वाहन को 100% तक चार्ज कर देगा।। यह तकनीक सभी सस्ती लिथियम-आयन बैट्री का उपयोग करते हुए और 3,000 बार चार्जिंग तक वारंटी भी प्रदान करते हैं। कंपनी का कहना है कि वह जनवरी 2022 में रैपिड चार्जिंग सॉल्यूशन पेश करेगी।
एथर एनर्जी के संचालन प्रबंधक संजय बयालाल (Sanjay Byalal) कहते हैं, “भारत में वाणिज्यिक वाहन आज देश में बेचे जाने वाले कुल वाहनों के 10% का प्रतिनिधित्व करते हैं फिर भी ऐसे वाहन 70% ऑन-रोड ऊर्जा की खपत करते हैं। ऐसी परिस्थिति में एक भरोसेमंद तेज़ चार्जिंग नेटवर्क की आवश्यकता है। इस मांग को पूरा करने के लिए हम सभी उद्योग के खिलाड़ियों और नियामक निकायों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करने का इरादा रखते हैं।”
ऐसे बहुतेरे निवेशक हैं जो एक्सपोनेंट मॉडल में विश्वास करते हैं। AdvantEdge, 3one4 Capital और YourNest जैसे निवेशकों से कंपनी ने 7 करोड़ रूपये का निवेश जुटाया है। विनायक के मुताबिक, एथर एनर्जी अगले कुछ महीनों में इस तकनीक को बाजार में उतारने के लिए सीड राउंड करेगी। उन्होंने कहा है कि एक्सपोनेंट अभी वाणिज्यिक ईवी कंपनियों के साथ काम करने पर केंद्रित है और पहले से ही कुछ अंतिम मील कार्गो कंपनियों के साथ काम कर रहा है।
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इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए त्वरित चार्जिंग केन्द्रों का निर्माण एक क्रांतिकारी प्रयास है। इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में 40 प्रतिशत राशि उसकी बैट्री में खर्च होती है। चार्जिंग प्रक्रिया का सरलीकरण ऐसे वाहनों के उत्पादन को बढ़ावा देगा। यह भारत की पेट्रोल और डीजल पर निर्भरता को भी खत्म कर भारत के विदेशी मुद्रा भंडार और पर्यावरण दोनों की रक्षा करेगा। बौद्धिक प्रतिभा के ऐसे धनी युवा राष्ट्र की संपत्ति और उन्नति के संवाहक है।