दिलीप छाबड़िया भारतीय कार डिजाइनर और डीसी डिजाइन के संस्थापक हैं। उन्होंने डीसी अवंती का डिजाइन और निर्माण किया, जिसे भारत की पहली स्पोर्ट्स कार माना जाता है। बोनिटो छाबड़िया डिजाइन्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख दिलीप छाबड़िया के बेटे है जिनकी कंपनी मशहूर हस्तियों को मॉडिफाइड कारें बेचती थी। दिलीप छाबड़िया को भारतीय कार डिजाइनिंग और मोड़िफिकेशन का जनक माना जाता है। उन्होंने इस क्षेत्र में आशातीत सफलता अर्जित की जिससे उनकी ख्याति सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फैली।
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दिलीप छाबड़िया के सफलता की कहानी
अमेरिका के पासाडेना में आर्ट सेंटर कॉलेज ऑफ़ डिज़ाइन से स्नातक के पश्चात उन्होंने जनरल मोटर्स के लिए काम किया। वे मरोल में एक कार्यशाला शुरू करने के लिए भारत लौट आए। उनका पहला उत्पाद प्रीमियर पद्मिनी के लिए रिंग के आकार का हॉर्न था।
- 2003 में उन्होंने एस्टन मार्टिन वैंटेज के लिए एक प्रोटो टाइप तैयार किया।
- 2006 में उन्होंने एक नई कंपनी DCStar बनाने के लिए ETA Star Group के Exim Star के साथ करार किया। इसे कस्टम कारों के उत्पादन के लिए दुबई में स्थापित किया गया था।
- 2009 में उन्होंने भारत में ऊर्जा पेय “बर्न” को बढ़ावा देने के लिए कोका-कोला कंपनी के साथ करार किया
- 2011 में उन्होंने महिंद्रा एंड महिंद्रा के लिए रेवा एनएक्सआर इलेक्ट्रिक कार डिजाइन की।
- 2012 में एयर वर्क्स इंडिया ने हवाई जहाज के इंटीरियर को डिजाइन करने के लिए छाबड़िया के साथ करार किया।
- 2013 में उन्हें सिद्धि विनायक लॉजिस्टिक्स द्वारा उनकी लक्जरी बस सेवा के लिए बसों को डिजाइन करने के काम पर रखा गया था।
- 2014 में उन्होंने गिरिकंद लॉजिस्टिक्स के लिए कस्टम लग्जरी बसें डिजाइन की।
- 2015 में उन्होंने डीसी अवंती को लॉन्च किया।
पराभव की कहानी
- कपिल शर्मा केस– कॉमेडियन कपिल शर्मा की शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया गया है। शर्मा ने पुलिस को बताया है कि उन्होंने मार्च से मई 2017 के बीच बोनिटो छाबड़िया को एक वैनिटी बस डिजाइन करने के लिए 5 करोड़ रुपये का भुगतान किया। लेकिन 2019 तक कोई प्रगति नहीं होने के कारण शर्मा ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) का दरवाजा खटखटाया। जिसके जवाब में छाबड़िया ने पिछले साल शर्मा को 1.20 करोड़ रुपये का वैनिटी बस के पार्किंग शुल्क का बिल भेज दिया। इसके बाद शर्मा ने पुलिस से संपर्क किया और अपनी शिकायत दर्ज कराई।
- NBFC घोटाला– दिलीप छाबड़िया पिछले साल करोड़ों रुपये की कार फाइनेंसिंग फ्रॉड को लेकर भी सुर्खियों में आए थे। उनकी कंपनी भारत की पहली स्पोर्ट्स कार कही जाने वाली DC Avanti बेचती थी। दिलीप छाबड़िया डिजाइन्स प्राइवेट लिमिटेड को 1993 में निगमित किया गया और मार्च 2015 में ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया(ARAI) द्वारा औपचारिक प्रमाणन के बाद 2016 में DC Avanti को लॉन्च किया। दुनिया भर में इस कंपनी की 100 से अधिक कारें बिकी।
हालांकि, उपभोक्ता को कार बेचने से पहले छाबड़िया की कंपनी स्वयं ग्राहक बनकर कार खरीदने के लिए एनबीएफसी से कर्ज लेती थी, जिसका भुगतान नहीं किया जाता था। कर्ज लेकर अपनी कार खरीदने के बाद कंपनी इसे हरियाणा या गुजरात जैसे राज्यों के आरटीओ में रजिस्टर कराती थी।
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बाद में उसी कार को एक नए ग्राहक को वाहन ऋण के बारे में बिना बताए एक अलग आरटीओ से पंजीकृत करा एक नए चेसिस नंबर के साथ बेच दिया जाता था। धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब तमिलनाडु के एक ग्राहक ने ट्रैफिक नियम तोड़े और ट्रैफिक पुलिस ने उसे बताया कि उसका वाहन हरियाणा में पंजीकृत है। बाद में उन्होंने वाहन ऐप पर विवरण की जांच की और पाया कि वाहन वास्तव में हरियाणा और तमिलनाडु में पंजीकृत था। वह छाबड़िया से शिकायत करने मुंबई आया। यहीं पर मुंबई पुलिस को सुराग मिला और मामला दर्ज किया गया। जांच से पता चला कि घोटाले में एनबीएफसी के कुछ कर्मचारी भी शामिल थे। 90 से अधिक कारों को बेचने के लिए यह चाल अपनाई गई थी। साथ ही यह भी पाया गया कि छाबड़िया ने अपनी कुछ स्पोर्ट्स कारों को विदेशी ग्राहकों को भारत से कम कीमत पर बेचा, जिसका अर्थ यह है कि कस्टम ड्यूटी में हेरफेर।
कंपनी के कर्मचारी दिलीप छाबड़िया और उनके बेटे को धोखाधड़ी की कई गतिविधियों में शामिल पाया गया। वे बहुत ही कम समय में बड़ी कमाई करने के लिए एनबीएफसी और ग्राहकों को धोखा देने के उद्देश्य से कंपनी चला रहे थे। अपने बयान में छाबड़िया ने अपने “पूर्व साथी और डीसी डिजाइन प्राइवेट लिमिटेड में सह-निवेशक” पर दोष लगाया। मुंबई पुलिस अभी भी उनकी कंपनी के निदेशकों, उनके बेटे और कंपनी के अन्य कर्मचारियों के साथ-साथ एनबीएफसी के खिलाफ मामले की जांच कर रही है।
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निष्कर्ष
दिलीप छाबड़िया एक उत्तम कार डिज़ाइनर है, इसमें कोई संशय नहीं। परंतु हालिया एवं पूर्ववर्ती विवादों ने उनकी छवि धूमिल की है। उनके ग्राहकों का विश्वास निसंदेह उनपर से उठेगा। शुचिता, ईमानदारी और गुणवत्ता ही व्यापार के उन्नति के आधार है। दिलीप छाबड़िया के इस अनैतिक व्यापारिक कृत्य ने गुणवत्ता को परे रखते हुए उनके एक विश्वासपात्र सेवा प्रदाता होने पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।