फ्रॉड निकला वंडर कार डिज़ाइनर दिलीप छाबड़िया

"ग्राहकों को धोखा देने के उद्देश्य से चला रहा था कंपनी"

दिलीप छाबड़िया कार चलाते हुए

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दिलीप छाबड़िया भारतीय कार डिजाइनर और डीसी डिजाइन के संस्थापक हैं। उन्होंने डीसी अवंती का डिजाइन और निर्माण किया, जिसे भारत की पहली स्पोर्ट्स कार माना जाता है। बोनिटो छाबड़िया डिजाइन्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख दिलीप छाबड़िया के बेटे है जिनकी कंपनी मशहूर हस्तियों को मॉडिफाइड कारें बेचती थी। दिलीप छाबड़िया को भारतीय कार डिजाइनिंग और मोड़िफिकेशन का जनक माना जाता है। उन्होंने इस क्षेत्र में आशातीत सफलता अर्जित की जिससे उनकी ख्याति सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी फैली।

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दिलीप छाबड़िया के सफलता की कहानी

अमेरिका के पासाडेना में आर्ट सेंटर कॉलेज ऑफ़ डिज़ाइन से स्नातक के पश्चात उन्होंने जनरल मोटर्स के लिए काम किया। वे मरोल में एक कार्यशाला शुरू करने के लिए भारत लौट आए। उनका पहला उत्पाद प्रीमियर पद्मिनी के लिए रिंग के आकार का हॉर्न था।

पराभव की कहानी

हालांकि, उपभोक्ता को कार बेचने से पहले छाबड़िया की कंपनी स्वयं ग्राहक बनकर कार खरीदने के लिए एनबीएफसी से कर्ज लेती थी, जिसका भुगतान नहीं किया जाता था। कर्ज लेकर अपनी कार खरीदने के बाद कंपनी इसे हरियाणा या गुजरात जैसे राज्यों के आरटीओ में रजिस्टर कराती थी।

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बाद में उसी कार को एक नए ग्राहक को वाहन ऋण के बारे में बिना बताए एक अलग आरटीओ से पंजीकृत करा एक नए चेसिस नंबर के साथ बेच दिया जाता था। धोखाधड़ी का खुलासा तब हुआ जब तमिलनाडु के एक ग्राहक ने ट्रैफिक नियम तोड़े और ट्रैफिक पुलिस ने उसे बताया कि उसका वाहन हरियाणा में पंजीकृत है। बाद में उन्होंने वाहन ऐप पर विवरण की जांच की और पाया कि वाहन वास्तव में हरियाणा और तमिलनाडु में पंजीकृत था। वह छाबड़िया से शिकायत करने मुंबई आया। यहीं पर मुंबई पुलिस को सुराग मिला और मामला दर्ज किया गया। जांच से पता चला कि घोटाले में एनबीएफसी के कुछ कर्मचारी भी शामिल थे। 90 से अधिक कारों को बेचने के लिए यह चाल अपनाई गई थी। साथ ही यह भी पाया गया कि छाबड़िया ने अपनी कुछ स्पोर्ट्स कारों को विदेशी ग्राहकों को भारत से कम कीमत पर बेचा, जिसका अर्थ यह है कि कस्टम ड्यूटी में हेरफेर।

कंपनी के कर्मचारी दिलीप छाबड़िया और उनके बेटे को धोखाधड़ी की कई गतिविधियों में शामिल पाया गया। वे बहुत ही कम समय में बड़ी कमाई करने के लिए एनबीएफसी और ग्राहकों को धोखा देने के उद्देश्य से कंपनी चला रहे थे। अपने बयान में छाबड़िया ने अपने “पूर्व साथी और डीसी डिजाइन प्राइवेट लिमिटेड में सह-निवेशक” पर दोष लगाया। मुंबई पुलिस अभी भी  उनकी कंपनी के निदेशकों, उनके बेटे और कंपनी के अन्य कर्मचारियों के साथ-साथ एनबीएफसी के खिलाफ मामले की जांच कर रही है।

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निष्कर्ष

दिलीप छाबड़िया एक उत्तम कार डिज़ाइनर है, इसमें कोई संशय नहीं। परंतु हालिया एवं पूर्ववर्ती विवादों ने उनकी छवि धूमिल की है। उनके ग्राहकों का विश्वास निसंदेह उनपर से उठेगा। शुचिता, ईमानदारी और गुणवत्ता ही व्यापार के उन्नति के आधार है। दिलीप छाबड़िया के इस अनैतिक व्यापारिक कृत्य ने गुणवत्ता को परे रखते हुए उनके एक विश्वासपात्र सेवा प्रदाता होने पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है।

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