बचपन से हमारा सपना होता था कि हम हवा में उड़े। जब पता चला कि हम पक्षी जैसे नहीं उड़ सकते हैं, तब यह इच्छाएं होने लगी कि उड़ने वाली कोई कार ही बन जाये। ये एक ऐसा लक्ष्य है जिसमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से बहुत ज्यादा शोध की आवश्यकता शेष है। शायद इसीलिए दुनिया के तमाम तकनीकी क्षेत्र के दिग्गज खिलाड़ी इस दौड़ का हिस्सा बन रहे हैं। इन सबके बीच एक बहुत बढ़िया और बड़ी खबर भारत के लिए है। भारत की एक कम्पनी विनता (Vinata) ने एशिया की सबसे पहली ऐसी तकनीक विकसित कर दी है और 2025 तक उड़ने वाली कार का सपना पूरा हो सकता है।
चेन्नई स्थित फर्म विनता एरोमोबिलिटी ने दुनिया के सबसे बड़े हेलिटेक एक्सपो – एक्सेल, लंदन में एशिया की पहली हाइब्रिड फ्लाइंग कार प्रोटोटाइप का अनावरण किया है। विनता की हाइब्रिड फ्लाइंग कार एक वर्टिकल टेक-ऑफ और लैंडिंग (VTOL) मशीन है और इसका रोटर कॉन्फ़िगरेशन को-एक्सियल क्वाड-रोटर है। इसका वजन 1100 किलोग्राम है और यह अधिकतम 1300 किलोग्राम वजन उठा सकता है। उड़ने वाली कार की मुख्य खासियत यह है कि इसे भारत में बनाया जाएगा और इसके उपयोग को और अधिक टिकाऊ बनाने के लिए बिजली के साथ जैव ईंधन का उपयोग किया जाएगा। यह 120 किमी प्रति घंटे की शीर्ष गति से 60 मिनट तक उड़ सकता है। यह जमीनी स्तर से अधिकतम 3,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ सकता है।
विनता और उड़ने का सपना
दुनिया भर में विभिन्न कंपनियां उड़ने वाली कारों को हकीकत में बदलने के सपने का पीछा कर रही हैं। मानव सभ्यता हर रोज इसके करीब पहुंच रहा है और भारत इस दौड़ में पीछे नहीं है। विनता कम्पनी इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए जी जान से लगी हुई है। कंपनी ने अपने यूट्यूब चैनल पर फ्लाइंग कार के डिजिटल प्रोटोटाइप का एक वीडियो भी जारी किया है, जिसमें केबिन और बैठने की व्यवस्था की झलक दी गई है। उड़ने वाली कार एक समय में दो लोगों को सफर करा सकती है और इसमें पंख जैसे दरवाजे सीधे खुलते हैं। इस उड़ने वाले कार में एक विशाल डिजिटल टचस्क्रीन सिस्टम है, जिसका उपयोग अन्य चीजों के अलावा नेविगेशन के लिए किया जा सकता है।
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विनता एरोमोबिलिटी ने पिछले महीने देश के नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपनी फ्लाइंग कार का प्रोटोटाइप पेश किया था, जिन्होंने कम्पनी के प्रयासों के लिए निर्माता की प्रशंसा की थी। उड़ने वाली कार का 2023 तक एक वास्तविकता बनने की उम्मीद है और 2025 तक उड़ने वाली कार का इस्तेमाल लोगों और कार्गो के परिवहन के लिए किया जाएगा और यहां तक कि चिकित्सा आपातकालीन सेवाएं भी प्रदान की जाएंगी।
विनता एरोमोबिलिटी के संस्थापक और सीईओ योगेश रामनाथन के अनुसार, कंपनी 2023 तक अपनी हाइब्रिड इलेक्ट्रिक फ्लाइंग कार का उड़ान परीक्षण करने और इसे 2025 तक वाणिज्यिक उड़ानों के लिए उपलब्ध कराने की उम्मीद कर रही है। वर्तमान में, उनके पास प्रूफ-ऑफ-कॉन्सेप्ट है। उनकी तकनीक के लिए और एक छोटा मॉडल तैयार है। उनके डिजाइन में 1 टन वजनी, दो सीटों वाला वाहन दिखाया गया है जो क्वाडकॉप्टर जैसा दिखता है। कंपनी का कहना है कि उनके वाहन को जैव-ईंधन और बैटरी दोनों द्वारा संचालित होने पर, 60 मिनट की उड़ान समय सहनशक्ति के साथ, 120 किमी प्रति घंटे की शीर्ष गति पर 250 किलो का पेलोड ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
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आपको जानकर खुशी होगी कि इस वैज्ञानिक सफलता से भारतीय संस्कृति जुड़ी हुई है। विनता नाम सनातन धर्म के लिए महत्वपूर्ण है। हिंदू पुराणों के अनुसार, विनता पक्षियों की मां हैं। वह प्रजापति दक्ष की तेरह पुत्रियों में से एक हैं। कश्यप से उनकी 12 बहनों के साथ विवाह हुआ था तथा उन्होंने दो पुत्रों को जन्म दिया, जिनका नाम अरुणा और गरुड़ था। यह वहीं गरुण हैं जो भगवान विष्णु के वाहन हैं। आपको बताते चलें कि इंडोनेशिया की राष्ट्रीय एयरलाइंस के नाम गरुड़ है। ये विकास भारत के वैज्ञानिक कुशलता को दर्शाता है। सरकार ने भी ऐसे कौशलों को मंच देने के लिए PLI स्कीम के तहत प्रोत्साहन राशि भी जारी किया गया था।