झुंझुनू के DM उमरदीन खान ने हिंदुओं को दिवाली पर्व मनाने से रोकने के लिए जिले में धारा 144 लगा दी

हिंदुओं का सबसे विराट माना जाने वाला त्योहार दिवाली अब अपने अस्तित्व तक के लिए संघर्ष करता दिख रहा है‌। अदालतों से लेकर विभिन्न सरकारों ने पर्यावरण का हवाला देकर अनेकों प्रतिबंध लगा रखे हैं। ऐसे में अब दिवाली का वैभव खत्म ही हो चुका है। वहीं रही रही कसर राजस्थान के झुंझुनूं जिले के जिलाधिकारी ने पूरी कर दी है। उमरदीन खान नाम के झुंझुनूं के जिलाधिकारी ने तुगलकी फरमान जारी कर दिया, कि दिवाली पर जिले में धारा 144 लागू रहेगी, जो कि 1 नवंबर से 6 नवंबर तक प्रभावी होती। इसे हिंदुओं के खिलाफ एक सोची समझी साज़िश का प्रतीक माना जा रहा है, जो आपत्तिजनक है। हालांकि, विरोध के बाद डीएम को अपना निर्णय वापस लेना पड़ा!

दिवाली पर धारा 144

कांग्रेस शासित राजस्थान सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पिछले लंबे वक्त से मुस्लिम तुष्टिकरण की नीयत का सरेआम प्रदर्शन करते रहे हैं। राज्य में दंगे हो जाते हैं, इंटरनेट बंद हो जाता है, लेकिन किसी को कुछ पता ही नहीं लगता है। ऐसे में तुगलकी शासन का केंद्र बनता जा रहा राजस्थान के झुंझुनूं जिले के डीएम उमरदीन खान ने तो स्वयं को तानाशाह ही मान लिया है। अभी तक राज्य में पटाखों पर बैन था लेकिन अब तो लोगों के बाहर निकलने तक पर मुसीबतें खड़ी कर दी गई हैं, और जिले में धारा 144 लगाने का प्रस्ताव लाया गया। अर्थात् दिवाली पर चार लोग दिखाई दिए तो उन पर पुलिस कार्रवाई तक कर सकती है।

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इसको लेकर झुंझुनूं पुलिस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर धारा 144 लागू करने से संबंधित जानकारी दी थी। इतना इसमेंं स्पष्ट तौर लोगों द्वारा कैसेट, शोर और जयकारों पर प्रतिबंध लगाया गया था, जिसके बाद से ही डीएम की आलोचना शुरू हो गई थी।

लोगों ने की आलोचना

दिवाली हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। ऐसे में धारा 144 का प्रभावी होना लोगों को रास नहीं आया। ऐसे में नीरज जैन नाम के एक ट्विटर यूजर ने लिखा, “झुँझनु के ज़िलाधीश उमरदीन खान का तुग़लकी फ़रमान दीपावली के त्योहार पर धारा 144 लगा कर धार्मिक ऑडीओ चलाने से ले कर जयकारा लगाने तक पर प्रतिबंध !! ऐसा तो मुग़ल शासन में भी कभी नहीं हुआ जैसा  दीपावली पर गहलोत सरकार के शासन में हुआ है ! खान साब को यह सब ईद और बारबफ़ात पर याद नहीं आया?”

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वहीं, सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत उमराव ने लिखा, “झुंझुनू, राजस्थान के DM उमरदीन खान ने 1- 6 नवंबर को दीपावली पर जिले में धारा 144 लगाई, धार्मिक गाने-नारे पर रोक। राजस्थान में मुगल राज से बुरी स्थिति।” ये तो मात्र एक उदाहरण हैं, हकीकत तो ये है कि राजस्थान की सरकार और झुंझुनूं के डीएम इस मुद्दे पर लोगों की आलोचनाओं का केन्द्र बन गए। उन्हें जिहादी मानसिकता तक का घोषित कर दिया।

 

वापस ले लिया फैसला

लगातार सोशल मीडिया पर हो रही आलोचनाओं के बीच डीएम ने आनन-फानन में इस फैसले को निरस्त कर दिया है। इसे लोगों के आक्रोश की जीत ही माना जाएगा, जिसके चलते मजबूरी में झुंझुनूं पुलिस ने न केवल अपना पुराना आदेश निरस्त किया, अपितु डर के मारे ट्वीट तक डिलीट कर लिया। इसके साथ ही दिवाली को लेकर एक नई गाइडलाइन भी जारी की गई है‌। इसमें धारा 144 का कोई उल्लेख नहीं है। इतना ही नहीं, डीएम के नए आदेश में पेट्रोल पंप, गैस गोदाम के साथ धर्मस्थलों और अस्पतालों के पास पटाखे फोड़ने पर प्रतिबंध लगाया गया है और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करने को कहा गया है। इसमें बंदूक आदि का प्रयोग भी प्रतिबंधित है।

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दिवाली का वैभव खत्म

दिवाली के वैभव की मिट्टी पलीद कर दी गई है। पटाखों पर बैन से लेकर संस्कृति से खिलवाड़, लोगों को आक्रोशित करती रही है। आज की स्थिति ने हिंदुओं को भी असमंजस में डाल दिया है कि आखिर वो दिवाली पर करेंगे क्या… ऐसे में डीएम साहब का ये ऑर्डर आक्रोशित हिंदुओं के लिए  आग में घी डालने जैसा था। नतीजा ये कि डीएम साहब की तालिबानी सोच पर लोगों ने जमकर प्रहार किए हैं, और मजबूरन डीएम ने अपना फैसला स्वयं ही वापस ले लिया, वरना जिले में अराजकता की स्थिति भी आ सकती थी।

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