‘ये खेल ही तो है, इसे दिल से क्यों लगाते हो?’
‘हार जीत तो चलती रहती है, इससे क्यों विचलित होते हो?’
एक आदर्श समाज में ऐसे वाक्यों का बहुत मोल होता है, लेकिन वर्तमान भारतीय उपमहाद्वीप में इन वाक्यों को हंसी में उड़ाया जाता है। जिस देश में वैश्विक प्रतियोगिता भी किसी ‘जिहाद’ से कम नहीं मानी जाती हो, उस पाकिस्तान के लिए भारत के विरुद्ध जीत हासिल करना विश्व विजय से कम नहीं है और बीते दिन रविवार को यही हुआ। टी20 वर्ल्ड कप के अपने पहले ही मैच में भारतीय टीम को पाकिस्तान के हाथों करारी शिकस्त झेलनी पड़ी। पाकिस्तान ने भारत को 10 विकेट से मात दे दी, उसके बाद शुरु हुआ कट्टरपंथियों का असली खेल! पाकिस्तान की इस जीत को कट्टरपंथी, इस्लाम की जीत सिद्ध करने में लगे हुए हैं, जो काफी हास्यास्पद है और यह उनकी घटिया मानसिकता को दर्शाता है।
“कुफ़्र टूट गया– अल्लाह का करम है”
भारत पर इस अप्रत्याशित विजय से पाकिस्तान का वर्षों पुराना सपना पूरा हुआ । पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ-साथ वहां की जनता, राजनेताओं और कट्टरपंथियों की जमात ने जमकर भारत का उपहास उड़ाया और अपनी धर्मांधता का बेजोड़ प्रदर्शन करते हुए दुनिया के सामने अपनी वास्तविकता प्रदर्शित कर दी। उदाहरण के तौर पर देखें तो मैच के तुरंत बाद कमेंटेटर वाजिद खान ने अपनी खुशी जाहिर करने के लिए ये तक कहा कि ये कुफ्र की हार है।
पाकिस्तानी कप्तान बाबर आजम का साक्षात्कार लेते हुए वाजिद ने कहा, “कुफ्र तो टूट गया…”, यानि काफिरों का घमंड चकनाचूर हुआ। इसपर बाबर ने मुुस्कुुुुराते हुए कहा, “सब अल्लाह का करम है।” यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है–
https://twitter.com/MeghUpdates1/status/1452350025577738244
लेकिन ये तो मात्र प्रारंभ था, क्योंकि पाकिस्तानियों के इस ‘विजय’ को इस्लाम की विजय सिद्ध करने में किसी पाकिस्तानी ने कोई कसर नहीं छोड़ी। स्वयं पाकिस्तान के गृहमंत्री शेख रशीद ने मोर्चा संभालते हुए ट्वीट किया, “मुझे अफसोस है कि कौमी जिम्मेदारियों को देखने के लिए मैं उपस्थित नहीं रह सका, परंतु पाकिस्तान की इस फतेह को मैं इस्लाम की फतेह मानता हूँ और इसके लिए पाकिस्तान की इस टीम को मैं मुबारकबाद देता हूँ!” –
پاکستان انڈیا میچ ٹکرا:
پاکستانی کرکٹ ٹیم اور عوام کو مبارکباد پیش کرتا ہوں.https://t.co/Tc0IG0n2DJ@GovtofPakistan @ImranKhanPTI #PakvsIndia pic.twitter.com/e9RkffrK2O— Sheikh Rashid Ahmed (@ShkhRasheed) October 24, 2021
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भारत में कट्टरपंथियों ने फोड़े पटाखे
भारत के विरुद्ध मिली जीत के बाद पाकिस्तानियों का अनर्गल प्रलाप जारी है, उनके स्वभाव में ही जहर भरा हुआ है, इस बात को हम मानते हैं। परंतु पाकिस्तान की इस अप्रत्याशित जीत पर भारत में जिस प्रकार से कट्टपंथियों ने जश्न मनाया, उसकी जितनी निंदा की जाए कम है। दिल्ली, पंजाब और कश्मीर समेत देश के कई हिस्सों में पाकिस्तान की विजय पर मुस्लिम बहुल इलाकों में पटाखे फोड़े जा रहे थे। वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने एक ऐसी ही घटना पर प्रकाश डालते हुए ट्वीट किया, “ये वीडियो कल राजधानी दिल्ली के सीमापुरी इलाके का बताया जा रहा है(जहां मुस्लिम बहुसंख्यक हैं)पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाया जा रहा है। जो कभी कश्मीर में होता था वो राजधानी दिल्ली में हो रहा है। दिवाली पर हिन्दू पटाखे नहीं फोड़ सकते, पर पाकिस्तान के लिए मुस्लिम फोड़ सकते हैं” –
ये वीडियो कल राजधानी दिल्ली के सीमापुरी इलाके का बताया जा रहा है(जहां मुस्लिम बहुसंख्या है)
पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाया जा रहा है।
जो कभी कश्मीर में होता था वो राजधानी दिल्ली में हो रहा है।
दिवाली पर हिन्दू पटाखे नहीं फोड़ सकते,
पर पाकिस्तान के लिए मुस्लिम फोड़ सकते हैं। https://t.co/oX0f8L3QHo— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) October 25, 2021
सहवाग ने जताई नाराजगी
स्वयं पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग अपने आक्रोश को नहीं रोक पाए और उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली को अप्रत्यक्ष रूप से और स्वघोषित बुद्धिजीवी एवं कट्टरपंथी मुसलमानों को स्पष्ट तौर पर आड़े हाथों लेते हुए ट्वीट किया, “दीपावली पर पटाखे प्रतिबंधित हैं, पर कल देश के अनेक हिस्सों में पाकिस्तान की जीत पर पटाखे फोड़े जा रहे थे। अच्छा वे तो ‘क्रिकेट की विजय’ पर पटाखे फोड़ रहे होंगे। तो फिर दीपावली पर पटाखे फोड़ने में क्या परेशानी है? यह पाखंड क्यों, सारा ज्ञान तब ही याद आता है!” –
Firecrackers are banned during Diwali but yesterday in parts of India there were firecrackers to celebrate Pakistan ‘s victory. Achha they must have been celebrating victory of cricket. Toh , what’s the harm in fireworks on Diwali. Hypocrisy kyun ,Saara gyaan tab hi yaad aata hai
— Virender Sehwag (@virendersehwag) October 25, 2021
गौरतलब है कि असंभावनाओं का खेल कहे जाने वाले क्रिकेट में पाकिस्तान ने अच्छा खेल दिखाया और उसकी जीत हो गई, उसका इतराना स्वाभाविक माना जा सकता है। लेकिन भारत में बैठे उन कट्टरपंथी देशद्रोहियों को क्या कहें, जो पाकिस्तान की जीत पर पटाखे फोड़ रहे हैं। इन कट्टरपंथियों को देश के संसाधन पर अधिकार चाहिए, सारी सुविधाएं चाहिए, लेकिन राष्ट्रधर्म निभाने के नाम पर इनकी हालत पतली हो जाती है। ये कट्टरपंथी खाते हिंदुस्तान का हैं और गाते पाकिस्तान का हैं और फिर यही लोग ये भी पूछने की हिम्मत रखते हैं कि देश में उनके समुदाय के विरुद्ध असहिष्णुता क्यों है?