निहंगों की तरह ही क्रूर है हरियाणा पुलिस? लखबीर पर FIR कर उसे फिर से मार डाला

निहंगों को बचाने के लिए आजमाए जा रहे हैं पैंतरे!

लखबीर सिंह

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भारत एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है, देश का संविधान सभी धर्मों को समान अधिकार देता है। कुछ धर्म संविधान के अंतर्गत देश और मानवता की सेवा के लिए काम करते हैं, तो वहीं कई धर्म और समुदाय ऐसे भी हैं, जिन्हें देश के संविधान और देश की कानून व्यवस्था का कोई भय नहीं! अपनी कट्टरपंथी विचारधारा के कारण आये दिन ऐसे लोग मानवता को शर्मसार करने वाली घटनाओं को अंजाम देते हैं। पिछले दिनों सिंघु बॉर्डर पर जो घटना घटी, वो इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली घटना थी, जिसमें निहंग सिखों ने गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान का हवाला देकर एक व्यक्ति की जान ले ली। सिंघु बॉर्डर पर हुई घटना से देश अनजान नहीं है, एक वेवश और लाचार पर निहंगों की क्रूरता को दुनिया ने देखा है। एक निहंग ने हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए पुलिस के सामने आत्मसमर्पण भी कर दिया लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि सिंघु बॉर्डर पर लखबीर सिंह नामक जिस व्यक्ति की हत्या हुई, पुलिस ने उसी के ऊपर FIR दर्ज कर दिया है। जी हां! आपने बिल्कुल सही पढ़ा सिंघु बॉर्डर पर निहंगों की क्रूरता की भेंट चढ़े व्यक्ति के ऊपर FIR दर्ज की गई है।

धारा-295 के तहत दर्ज किया गया है मुकदमा

हरियाणा के सोनीपत के पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र सिंह ने कहा, “लखबीर सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 295-ए के तहत प्राथमिकी संख्या 612 दर्ज की गई थी और जांच चल रही है।” हरियाणा पुलिस ने लखबीर सिंह के खिलाफ सिखों के पवित्र पुस्तक के कथित अपमान के लिए प्राथमिकी दर्ज की है, जिसे पिछले सप्ताह सिंघु बॉर्डर पर निहंगों ने जान से मार दिया गया था। लखबीर सिंह पर आईपीसी की धारा 295-A के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस धारा के अंतर्गत ‘जानबूझकर दुर्भावनापूर्ण रुप से किया गया कार्य, जिसका उद्देश्य किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को या उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करना है’ जैसे मामले दर्ज किए जाते हैं।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि मोइयां दी मंडी, पंथ अकाली निर्वेर खालसा-उड़ना दल के जत्थेदार बलविंदर सिंह की शिकायत के आधार पर 17 अक्टूबर की शाम कुंडली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी। उसी दिन बलविंदर सिंह के समूह के दो निहंग सिख भगवंत सिंह और गोविंद प्रीत ने लखबीर की हत्या में संलिप्तता के लिए पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।

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FIR में क्या है?

प्राथमिकी में शिकायतकर्ता बलविंदर सिंह ने कहा कि उनका दल फरवरी में किसानों के विरोध के साथ एकजुटता से सीमा पर आया था और वो बाद में फतेहगढ़ साहिब स्थित अपने मुख्यालय गया था। उन्होंने दावा किया कि 15 अक्टूबर को सुबह 6.45 बजे, उन्हें सिंघु सीमा से एक ग्रंथी का फोन आया, जिसने उन्हें बताया कि सिखों के पवित्र पुस्तक को अपवित्र किया गया और एक पीड़ित को दोषी ठहराया गया है।

सिंह ने शिकायत में आगे कहा कि दो निहंग सिखों ने लखबीर सिंह को पकड़ लिया क्योंकि वह भाग रहा था। प्राथमिकी में उन्होंने निहंगों द्वारा लगाए गए आरोप को दोहराया, जिसमें पीड़ित ने भीड़ से कहा था कि उसे ये काम करने के लिए 30,000 रुपये का भुगतान किया गया था। हालांकि, पुलिस का कहना है कि वो उस वीडियो क्लिप की सत्यता का पता लगाने की कोशिश कर रही है, जिसमें पीड़ित को भीड़ से यह कहते हुए दिखाया गया था कि उसे 30,000 रुपये दिए गए थे।

दूसरे पक्ष पर पुलिस की कार्रवाई

दूसरी ओर कुंडली थाने में 15 अक्टूबर को दर्ज हत्या के मामले में पुलिस अब तक चार निहंग सिखों सरबजीत सिंह, नारायण सिंह, भगवंत सिंह और गोविंद प्रीत सिंह को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने कहा कि आरोपी ने गुरु ग्रंथ साहिब को अपवित्र करने के लिए लखबीर को ‘सजा’ के रूप में मारने की बात कबूल की थी। पंजाब के तरन तारन के एक गांव के रहने वाले लखबीर सिंह दलित समुदाय से ताल्लुक रखता था। 15 अक्टूबर को सुबह करीब 5 बजे निहंग सिखों ने उनकी हत्या कर दी। उनका क्षत-विक्षत शव हरियाणा के सोनीपत जिले के कुंडली में किसान आंदोलन के मंच के पीछे एक पुलिस बैरिकेड से बंधा हुआ मिला था।

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निहंग सिखों के एक समूह ने हत्या की जिम्मेदारी ली और कहा कि उस व्यक्ति को कथित तौर पर पवित्र पुस्तक का ‘अपवित्रीकरण’ करने के लिए मारा गया। इंडिया टुडे से बात करते हुए निर्वेर खालसा-उड़ना दल के बलविंदर सिंह ने कहा कि वह आदमी कुछ दिन पहले उनके पास आया था। बलविंदर सिंह ने कहा, “उन्होंने हमारे शिविर में सेवा की और हमारा विश्वास जीता। प्रकाश प्रार्थना से पहले, उन्होंने पवित्र ग्रंथ को कवर करने वाले कपड़े को हटा दिया और पोथी साहिब का अपमान किया।”

निहंगों को बचाने के लिए आजमाए जा रहे हैं पैंतरे

बताते चले कि गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान के लिए मृतक को 30 हजार रुपये दिए जाने थे, इस बात की अभी तक कोई पुष्टि नहीं हो सकी है। अभी तक जो कुछ हुआ, उसके हिसाब से यह स्पष्ट दिख रहा है कि निहंगों की क्रूरता के बाद भी मृतक को ही निशाना बनाया जा रहा है। निहंगों ने लखबीर सिंह को मारा, यह सर्वविदित है, लखबीर की लाश को निहंगों ने बैरिकेड से टांग कर तमाशा बनाया, यह भी सभी जानते हैं। जिसके बाद कुछ निहंगों ने आत्मसमर्पण कर दिया और अब मृतक के ऊपर ही FIR दर्ज हो गई है। मृतक के ऊपर पुलिसिया कार्रवाई को लेकर कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं। लोगों का यह भी कहना है कि निहंगों को बचाने के लिए तरह-तरह के पैंतरे आजमाए जा रहे हैं और तुष्टिकरण के चलते मृतक को ही निशाना बनाया जा रहा है।

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