आर्यन खान का भाग्य इस समय काफी खराब चल रहा है। निरंतर प्रयास के बाद भी ड्रग्स केस में आर्यन खान को जमानत नहीं मिल पाई है। फिलहाल, वे स्थानीय अदालत द्वारा सुनाए गए फैसले के अनुसार 14 दिन की न्यायिक हिरासत में रहेंगे, और उनकी जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 13 अक्टूबर यानि बुधवार को होगी –
लेकिन जहां आर्यन खान को 2 अक्टूबर को रेव पार्टी में ड्रग्स के सेवन के पीछे सजा काटनी पड़ सकती है, तो वहीं आर्यन को इस अवस्था में देख कर वामपंथी इतना बिलबिला रहे हैं कि अब वे आर्यन को बचाने के लिए उसके मुसलमान होने की दलीलें भी दे रहे हैं। यही नहीं, कुछ लोग तो #MuslimSuperstar जैसे हास्यास्पद ट्रेंड भी कर रहे हैं, क्योंकि उनके अनुसार आर्यन खान के विरुद्ध कार्रवाई शाहरुख खान के धर्म के कारण हुई है।
विश्वास मानिए, वामपंथी और कट्टरपंथी मुसलमान ऐसे ही हास्यास्पद तर्क दे रहे हैं। उदाहरण के लिए द वायर की पत्रकार आरफ़ा खानुम शेरवानी के ट्वीट को ही देखिए। मोहतरमा लिखती हैं, “आर्यन खान केस में उसका ड्रग्स से कोई लेना देना नहीं है। यहाँ निशाना सीधा-सीधा शाहरुख खान है। एक आजाद देश में आर्यन से उसका ज़मानत का मूल अधिकार छीना जा रहा है। शाहरुख खान हमारे समय का सबसे बड़ा मुस्लिम सुपरस्टार है। ‘कायदे से दंड’ संदेश है उन्हे कि लाइन पर आ जाओ” –
AryanKhan case has nothing to do with him consuming drugs but a clear targeting of Shahrukh
Aryan’s basic right of securing bail is being denied in a free country.
SRK is undoubtedly the biggest Muslim superstar of our times
‘Process as punishment’ is a msg to him to fall in line— Arfa Khanum Sherwani (@khanumarfa) October 10, 2021
अगर वामपंथियों के ही सोच के अनुसार चलें, तो आर्यन छोड़िए, इन्हे सर्वप्रथम रीहैब की आवश्यकता है। आखिर ऐसे ट्वीट लिखता कौन है? जमानत कब से किसी नागरिक का मूल अधिकार हो गया? देश में ऐसे कई अपराध हैं, जहां स्थिति चाहे जैसी हो, अभियुक्त को ज़मानत नहीं मिलती, अन्यथा आरफ़ा के तर्क अनुसार तो अजमल कसाब को मुंबई में त्राहिमाम मचाने के बाद भी ज़मानत लेकर सड़कों पर खुलेआम घूमना चाहिए था।
और पढ़ें : पूजा भट्ट, सुनील शेट्टी, सलमान खान और कई अन्य: शाहरुख खान के बेटे के बचाव में उतरा बॉलीवुड
लेकिन आरफ़ा ऐसी अकेली नहीं है। बॉलीवुड संगीतकार विशाल डडलानी तो इनसे भी दो कदम आगे निकलते हुए सीधे मोदी सरकार को ही दोषी ठहराने लगे, और यहाँ तक आरोप लगाने लगे कि ये सब लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा और मुँदरा पोर्ट पर पकड़े गए 3000 करोड़ के ड्रग्स से ध्यान भटकाने की चाल है। महोदय के ट्वीट के अनुसार, “SRK और उसके परिवार को ढाल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है, असल में इनकी [भाजपा सरकार] की मंशा अडानी पोर्ट पर होने वाले 3000 किलो के ड्रग बर्स्ट और एक भाजपा विधायक के बेटे द्वारा कुछ किसानों की हत्या से ध्यान भटकाने के लिए किया जा रहा है”–
If Composers count, I am.
SRK and his family are being used as a smokescreen, a soft target to distract from the 3000kg Talibani-drug haul at the Adani port, and to distract from the murder of farmers by the son of a BJP member/MLA.
Straight-up. https://t.co/dtk4YJ7ZHW
— VISHAL DADLANI (@VishalDadlani) October 9, 2021
लेकिन ये नौटंकी यहीं पर नहीं रुकती। आर्यन खान ड्रग्स केस में अपना ‘अतुलनीय’ योगदान देने आतंकी समर्थक एवं जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी आ गई। मोहतरमा ट्वीट करती है, “चार किसानों की हत्या के आरोपित केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के बेटे की जगह केंद्रीय एजेंसियाँ 23 साल के लड़के के पीछे हैं, बस इसलिए क्योंकि उसका सरनेम खान है। बीजेपी के कोर वोट बैंक को खुश रखने के लिए मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। ऐसा करके न्याय का मजाक उड़ाया जा रहा है”
Instead of making an example out of a Union Minister’s son accused of killing four farmers, central agencies are after a 23 year old simply because his surname happens to be Khan.Travesty of justice that muslims are targeted to satiate the sadistic wishes of BJPs core vote bank.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 11, 2021
असल में आर्यन खान जिस प्रकार से पकड़े गए हैं, उससे सम्पूर्ण वामपंथी जगत तिलमिला गया है। इसके अलावा आर्यन खान ड्रग्स केस में सरकार बेधड़क कार्रवाई पर कार्रवाई करती जा रही है और वामपंथियों के लाख चाहने के बाद भी आर्यन खान को जमानत नहीं मिल पाई है, जिसके चलते अब कुंठा में वामपंथियों ने लोगों को भड़काना शुरू कर दिया है। इसी को कहते हैं, नाच न जाने आँगन टेढ़ा।