न्यूज़लॉन्ड्री Vs इंडिया टुडे: एक ऐसी लड़ाई जिसमें इन दोनों को छोड़कर हर कोई जीत रहा है

टीवी टुडे कॉपीराइट

पॉपकॉर्न लेकर बैठ जाइए। दो मीडिया संस्थानों की लड़ाई शुरू होने वाली है। दो हिन्दू विरोधी मीडिया समूह आपस में कॉपीराइट के मुद्दे पर लड़ रहे हैं। टीवी टुडे नेटवर्क, जो इंडिया टुडे और आज तक जैसे बड़े न्यूज चैनलों का मालिक है, उसने Newslaundry के प्रबंधन और वरिष्ठ संपादकीय कर्मचारियों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है और अपने वाणिज्यिक उत्पादों को “व्यावसायिक रूप से अपमानित” करने के लिए उनसे 2,00,00,000 रुपये का हर्जाना मांगा है। 2 करोड़ रुपये के अलावा, इंडिया टुडे ने अपने मुकदमे में यह भी उल्लेख किया कि वह न्यूज़लॉन्ड्री वेबसाइट पर 34 लेखों और पोर्टल के YouTube चैनल पर 65 वीडियो को हटाने की मांग कर रहा है।

सूत्र की मानें तो न्यूज़लॉन्ड्री ने अपनी वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई वीडियो अपलोड किए हैं, जिसमें उसने टीवी टुडे नेटवर्क के कॉपीराइट का “उल्लंघन” किया है और समाचार, रिपोर्टिंग और समाचार एंकर के बारे में “असत्य, अनुचित, अपमानजनक और साथ ही दुर्भावनापूर्ण से प्रेरित  टिप्पणी” की है।

यह आरोप लगाते हुए कि न्यूज़लॉन्ड्री ने अपने समाचार चैनलों से मूल कार्यों और प्रसारण के विभिन्न हिस्सों को पुन: प्रकाशित या प्रसारित किया है, टीवी टुडे नेटवर्क ने कहा है कि “प्रतिवादियों द्वारा इस तरह की सामग्री का उपयोग अपने समाचार प्रसारण में करना कॉपीराइट अधिनियम 1957 का उल्लंघन है।”

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न्यूज़लॉन्ड्री मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के अलावा, इसके सह-संस्थापक अभिनंदन सेखरी, निदेशक प्रशांत सरीन, निदेशक रूपक कपूर, कार्यकारी संपादक मनीषा पांडे, संवाददाता आयुष तिवारी, स्तंभकार हृदयेश जोशी और कार्यकारी संपादक अतुल चौरसिया और रमन कृपाल को मामले में प्रतिवादी बनाया गया है। पांडे और चौरसिया दो न्यूज़लॉन्ड्री शो – टीवी न्यूज़ेंस और NL टिप्पणी होस्ट करते हैं, जहाँ वे मीडिया रिपोर्टिंग की आलोचना करते हैं।

न्यूजलाउंड्री ने टीवी टुडे समूह को बताया घूसखोर और फेक न्यूज का अड्डा!

टीवी टुडे नेटवर्क ने सूट में कहा है, “उक्त प्रतिवादियों ने अपने विभिन्न वीडियो में बार-बार दावा किया है कि वादी द्वारा प्रसारित समाचार पक्षपातपूर्ण है, क्योंकि टीवी टुडे समूह कॉर्पोरेट घरानों से विज्ञापनों के रूप में राजस्व स्वीकार करता है। यह सच्चाई से परे है। इंडिया टुडे समूह हमेशा एक स्वतंत्र एजेंसी रही है और उनका किसी राजनीतिक या कॉर्पोरेट घराने से संबद्ध नहीं है।”

टीवी टुडे समूह द्वारा यह कहना कि न्यूज़लॉन्ड्री ने समाज के सही सोच वाले नागरिकों की नज़र में टीवी टुडे नेटवर्क की “प्रतिष्ठा को कम” किया है, और साथ ही मीडिया समूह के साथ-साथ उसके समाचार चैनलों और उसके उत्पादों को “बदनाम, अपमानित और मूल्यह्रास” किया है।

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टीवी टुडे मीडिया समूह ने नौ प्रतिवादियों के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की है और विचाराधीन वीडियो, ट्वीट और समाचार लेखों को हटाने की मांग की है।

टीवी टुडे भी न्यूज़लॉन्ड्री को बर्बाद करने पर तुला हुआ है

टीवी टुडे नेटवर्क ने हाल ही में यूट्यूब पर न्यूज़लॉन्ड्री द्वारा अपलोड किए गए वीडियो के खिलाफ कॉपीराइट स्ट्राइक की थी, जिसके बाद वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म पर न्यूज पोर्टल के चैनल को ब्लॉक कर दिया गया था। चैनल और न्यूज़लॉन्ड्री के वीडियो से संबंधित मामला अभी Youtube के पास लंबित है। टीवी टुडे नेटवर्क ने मुकदमे में कहा है कि न्यूज़लॉन्ड्री ने अब अपने वीडियो अन्य प्लेटफॉर्म पर अपलोड करना शुरू कर दिया है।

सूट का आरोप है कि न्यूजलाउंड्री द्वारा एक धारणा बनाई गई है कि टीवी टुडे नेटवर्क और उसके प्रकाशन (इंडिया टुडे, आजतक अन्य) नकली समाचार प्रसारित करने और जनता में सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने में शामिल हैं। मीडिया समूह ने यह भी आरोप लगाया है कि “प्रतिवादियों द्वारा लगाए गए आरोप और आपत्तिजनक टिप्पणियां केवल असत्य और अनुचित वाणिज्यिक बयान हैं, जिसका उद्देश्य डिजिटल समाचार उद्योग में बाजार हिस्सेदारी को बढ़ाना है।”

आजकल विभिन्न मीडिया समूह चल रहे हैं। सबको सत्य का प्रहरी ही बनना है। इंडिया टुडे ग्रुप भी ऐसे के चक्कर में अक्सर हिन्दू विरोधी बात करता रहा है। यह विचार खुद राजदीप सरदेसाई की बातों से समझा जा सकता है। न्यूज़लॉन्ड्री नया है पर बहुत समझदारी से एजेंडा चलाता है। अब दोनों के बीच में साख, सम्मान और सत्यता की लड़ाई चल रही है। खैर, अगर आप वामपंथी नहीं है तो आपके लिए यह मस्त मनोरंजक झगड़ा है, जिसमें इन दोनों के नुकसान में अन्य मीडिया ग्रुप को फायदा है।

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