उत्सव काल के साथ-साथ न जाने क्यों हमारे देश में एक उपदेश काल भी शुरू हो जाता है। जब भी सनातन त्योहार निकट आते हैं, विभिन्न माध्यमों से हमें उपदेश देने के प्रयास शुरू हो जाते हैं। हाल ही में CEAT टायर्स का एक विज्ञापन विवादों के घेरे में आया है। इस विज्ञापन में अप्रत्यक्ष तौर पर चर्चित अभिनेता आमिर खान आगामी टी20 विश्व कप के लिए भारत को प्रोत्साहित करते हुए दिखाई दे रहे हैं, परंतु उनका निशाना तो कुछ और ही है। इस विज्ञापन के जरिए आमिर खान ये दिखाना चाहते हैं कि सड़के केवल परिवहन के लिए उपयोग में लाई जानी चाहिए “पटाखे फोड़ने के लिए नहीं”। आदर्शवादी स्थिति में ये संदेश काफी गुणकारी और हितकारी प्रतीत होता है क्योंकि सड़कों पर अनावश्यक बवाल नहीं मचनी चाहिए। परंतु यदि संदेशवाहक और संदेश की मंशा ही सही नहीं हो, तो उस संदेश पर कोई क्यों अमल करे?
इस विज्ञापन में आमिर खान के संदेश की मंशा गलत प्रतीत होती है क्योंकि अगले महीनें ही दिवाली का त्योहार मनाया जाने वाला है और दिवाली से ठीक पहले इस विज्ञापन के माध्यम से सभी धर्मों को छोड़ केवल सनातन संस्कृति को ही निशाना बनाया गया है, जिसे लेकर सवाल उठ रहे हैं। इनके लिए मानों संसार में कुछ भी गलत होता है तो उसके लिए केवल और केवल सनातन समाज ही दोषी है। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण के साथ-साथ भूमि प्रदूषण के लिए भी ऐसे लोग सनातन धर्म को ही दोषी बताते हैं, जो उनके मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है। यदि वामपंथियों का बस चले तो संसार में कोई व्यक्ति अनजाने में छींक भी दे तो उसके लिए भी ये सनातन धर्म को दोषी मानकर उस पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने लगेंगे।
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हिंदू विरोधी बयानों से भरा पड़ा है आमिर का इतिहास
इस विज्ञापन की बात यहीं तक सीमित नहीं है। दोष केवल संदेश की मंशा का नहीं, संदेशवाहक का भी है। CEAT टायर्स के विज्ञापन में संदेश उस आमिर खान के माध्यम से दिया गया है, जिसका इतिहास ही विषैले हिन्दू विरोधी बयानों से भरा पड़ा है। जिसने स्वतंत्रता सेनानी मंगल पांडेय के जीवन को चित्रित करने के नाम पर इतिहास और भारतीय संस्कृति दोनों से छेड़छाड़ की, जिसने ‘पीके’ के नाम पर सनातन धर्म को अपमानित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
अब बात जब उठी ही है तो आमिर खान के लिए एक प्रश्न यह भी है कि यदि सड़कें पटाखे फोड़ने के लिए नहीं है, तो सड़कों पर नमाज़ भी नहीं होनी चाहिए। वो क्यों होती हैं? आप उस मामले पर क्यों मौन रहते हैं? यदि आप सड़कों को केवल परिवहन के लिए उपयोग में लाना चाहते हैं, फिर आपको तो दोनों विषयों पर समान रूप से मुखर रहना चाहिए और ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो आपको अपना अनर्गल प्रलाप बंद कर देना चाहिए। जो व्यक्ति दीपावली पर पटाखों को लेकर उपदेश देता है, वह हज़ारीबाग और गुरुग्राम समेत देश के अनेक हिस्सों में अराजकतावादियों द्वारा सड़क पर अतिक्रमण कर नमाज़ पढ़ने पर मौन व्रत क्यों साध लेता है?
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ऐसे नीच लोगों को कैसे मिलता है मंच?
आमिर जैसे व्यक्तियों को इतनी स्वच्छंदता कैसे मिलती है? आखिर कैसे इन व्यक्तियों को अपना अनर्गल प्रलाप के लिए CEAT टायर्स जैसे मंच मिलते हैं? दरअसल, CEAT टायर्स RPG ग्रुप के अंतर्गत आता है, जिसका मालिक स्वयं एक हिन्दू है और वह कोई और नहीं “हर्ष गोएनका” हैं, जो शुरु से ही नरेंद्र मोदी के धुर विरोधी रहे हैं। इन्हें स्वयं सनातन देवी-देवताओं के अपमान में विशेष आनंद मिलता है और जो भी इसका विरोध करता है, उसे वह तुरंत ट्विटर पर ब्लॉक कर देते हैं। जब ऐसा व्यक्ति CEAT टायर्स को संचालित कर रहा है, तो आप स्वयं ही विश्लेषण कर सकते हैं कि आमिर खान जैस विषैले लोगों को कहां से सनातान धर्म के खिलाफ जहर उगलने के लिए मंच प्राप्त होता है।